15 महीने बाद पुलिस की चढ़ा हत्थे इनामी तस्कर: 10 हजार का इनाम, 282 KG डोडा-पोस्त का सप्लायर

15 महीने से फरार 10 हजार के इनामी तस्कर लाधुसिंह को गिरफ्तार किया, जो 282 किलोग्राम डोडा-पोस्त तस्करी मामले में वांछित था। ऑपरेशन 'धरकर भर' में तकनीकी सूझबूझ से मिली यह बड़ी सफलता।

Aug 2, 2025 - 13:14
15 महीने बाद पुलिस की चढ़ा हत्थे इनामी तस्कर: 10 हजार का इनाम, 282 KG डोडा-पोस्त का सप्लायर

बाड़मेर जिले की शिव पुलिस ने एक बार फिर अपनी सतर्कता और त्वरित कार्रवाई का परिचय देते हुए ऑपरेशन 'धरकर भर' के तहत 15 महीने से फरार चल रहे एनडीपीएस एक्ट के आरोपी लाधुसिंह को गिरफ्तार कर लिया। यह आरोपी 282 किलोग्राम डोडा-पोस्त तस्करी के मामले में वांछित था और इस पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित था। लाधुसिंह शिव थाने की टॉप-10 वांछित अपराधियों की सूची में शामिल था।

लंबे समय से थी तलाश

पुलिस अधीक्षक (एसपी) नरेंद्र सिंह मीना ने बताया कि 17 मई 2024 को शिव पुलिस ने 282 किलोग्राम डोडा-पोस्त जब्त किया था। इस मामले का मुख्य आरोपी लाधुसिंह पुत्र सुजानसिंह, निवासी मोगेराई चोचरा, लंबे समय से फरार चल रहा था। पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए लगातार संभावित ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन वह हर बार पुलिस की भनक लगते ही भागने में कामयाब हो जाता था।

इसके बाद एसपी बाड़मेर ने लाधुसिंह की गिरफ्तारी के लिए 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया। इस इनाम ने पुलिस की मुहिम को और तेज कर दिया।

तकनीकी सूझबूझ और कड़ी मेहनत से मिली सफलता

सदर थानाधिकारी सत्यप्रकाश के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने लाधुसिंह को पकड़ने के लिए दिन-रात मेहनत की। पुलिस ने तकनीकी संसाधनों का सहारा लेते हुए लाधुसिंह के ठिकानों, छुपने की जगहों और आने-जाने की जानकारी जुटाई। आखिरकार, पुलिस को सूचना मिली कि लाधुसिंह भीयाड़ क्षेत्र में छुपा हुआ है।

इस सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने भीयाड़ में दबिश दी और लाधुसिंह को धर-दबोचा। इस कार्रवाई में सूचना अधिकारी कॉन्स्टेबल जबरसिंह की भूमिका अहम रही। उनके साथ कॉन्स्टेबल कुंभाराम और देराजराम ने भी इस ऑपरेशन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

पुलिस की सख्ती का संदेश

लाधुसिंह की गिरफ्तारी बाड़मेर पुलिस की अपराधियों के खिलाफ सख्ती और तत्परता का एक और उदाहरण है। एसपी नरेंद्र सिंह मीना ने कहा, "हमारा लक्ष्य जिले में मादक पदार्थों की तस्करी को पूरी तरह खत्म करना है। इस तरह की कार्रवाइयां अपराधियों में डर पैदा करती हैं और समाज को सुरक्षित बनाने में मदद करती हैं।"

Yashaswani Journalist at The Khatak .