पहलगाम हमले के बाद भारत का सख्त रुख: राजस्थान में 400 पाकिस्तानी नागरिकों को अटारी बॉर्डर से वापस भेजने की तैयारी, सेना और बीएसएफ हाई अलर्ट पर

रिपोर्ट जसवंत सिंह शिवकर - जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत राजस्थान सरकार ने भी त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है। राज्य में रह रहे करीब 400 पाकिस्तानी नागरिकों को अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान वापस भेजने की तैयारी पूरी हो चुकी है। इसके साथ ही, भारत-पाक सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए सेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
राजस्थान में पाकिस्तानी नागरिकों पर कार्रवाई तेज
केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय से मिले निर्देशों के बाद राजस्थान की इंटेलिजेंस विंग सक्रिय हो गई है। जयपुर में डीजी इंटेलिजेंस संजय अग्रवाल ने बताया कि केंद्र के आदेश के बाद सभी जिला पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को अलग-अलग वीजा पर राजस्थान में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को चिह्नित कर उन्हें वापस भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
संजय अग्रवाल ने कहा, "कई पाकिस्तानी नागरिक केंद्र के आदेश के बाद स्वेच्छा से वापस लौट गए हैं। जो बचे हैं, उनके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सभी जिला एसपी को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को जल्द से जल्द अटारी बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान भिजवाएं।"
राज्य में करीब 400 पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान की गई है, जिनमें से अधिकांश शॉर्ट-टर्म वीजा पर आए हैं। इनमें कुछ मेडिकल वीजा धारक भी शामिल हैं, जिन्हें 29 अप्रैल 2025 तक भारत छोड़ने का समय दिया गया है। हालांकि, लॉन्ग-टर्म वीजा पर रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों, खासकर हिंदू शरणार्थियों पर यह आदेश लागू नहीं होगा, जैसा कि विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है।
अटारी-वाघा बॉर्डर पर सख्ती, कुछ को लौटने में दिक्कत
केंद्र सरकार ने अटारी-वाघा बॉर्डर को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है, जिसके कारण सीमित आवाजाही भी रुक गई है। वैध दस्तावेजों के साथ पाकिस्तान गए भारतीय नागरिकों को 1 मई 2025 तक लौटने की अनुमति दी गई है, लेकिन पाकिस्तानी नागरिकों के लिए यह मार्ग अब पूरी तरह बंद है। कुछ भारतीय पासपोर्ट धारक महिलाएं, जो पाकिस्तान में विवाह के बाद भारत अपने रिश्तेदारों से मिलने आई थीं, ने आरोप लगाया है कि उन्हें आवश्यक दस्तावेज होने के बावजूद सीमा पार करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सीमा पर हाई अलर्ट: अर्जुन टैंक का युद्धाभ्यास, बीएसएफ की सतर्कता
पहलगाम हमले के बाद राजस्थान में भारत-पाक सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को अभेद्य बनाने के लिए सेना और बीएसएफ ने कमर कस ली है। शुक्रवार को जैसलमेर से सटी पाकिस्तान सीमा पर भारतीय सेना ने स्वदेशी अर्जुन युद्ध टैंक के साथ युद्धाभ्यास किया। रेगिस्तान के दहकते धोरों पर अर्जुन टैंक ने अपनी मारक क्षमता और गतिशीलता का प्रदर्शन किया, जिससे सीमा पार एक मजबूत संदेश गया।
बीएसएफ ने भी सीमा पर अपने जवानों की संख्या बढ़ा दी है और चौकसी को और सघन कर दिया है। गणतंत्र दिवस से पहले शुरू हुए "ऑपरेशन सर्द हवा" के तहत बीएसएफ के जवान आधुनिक हथियारों के साथ 29 जनवरी तक सीमा पर मुस्तैद रहेंगे। राजस्थान सरकार ने भी सीमावर्ती इलाकों में रेड अलर्ट जारी किया है, और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए हाई-लेवल मीटिंग की।
केंद्र सरकार के पांच बड़े फैसले
पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े फैसले लिए गए:
सिंधु जल समझौता निलंबित: 1960 की संधि को तब तक स्थगित किया गया है, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह बंद नहीं करता।
अटारी-वाघा बॉर्डर बंद: सीमा पर आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है।
पाकिस्तानी वीजा रद्द: SAARC वीजा छूट योजना (SVES) सहित सभी वीजा रद्द, और भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश।
पाकिस्तानी राजनयिकों का निष्कासन: नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को "पर्सोना नॉन ग्राटा" घोषित कर एक सप्ताह में भारत छोड़ने का आदेश।
उच्चायोगों में कर्मचारियों की कटौती: दोनों देशों के उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 की जाएगी, जो 1 मई 2025 तक प्रभावी होगी।
सोशल मीडिया पर चर्चा
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी इन फैसलों को लेकर व्यापक प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कई यूजर्स ने सरकार के सख्त कदमों को "आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई" बताते हुए समर्थन किया है। एक यूजर ने लिखा, "48 घंटे में पाकिस्तानी नागरिक भारत छोड़ें, यह आतंक के आकाओं के लिए स्पष्ट संदेश है।" हालांकि, कुछ यूजर्स ने मानवीय पहलुओं पर सवाल उठाए, खासकर उन पाकिस्तानी नागरिकों के लिए जो मेडिकल या पारिवारिक कारणों से भारत में हैं।
आगे क्या?
पाकिस्तान ने भारत के इन कदमों के जवाब में अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है और भारतीय नागरिकों के लिए वीजा पर रोक लगा दी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की आपात बैठक बुलाई, जिसमें सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर भी शामिल हुए। विश्लेषकों का मानना है कि भारत का यह कड़ा रुख दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है, लेकिन यह आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाता है।
राजस्थान में चल रही कार्रवाई और सीमा पर बढ़ती सतर्कता से स्पष्ट है कि भारत किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ये कदम क्षेत्रीय स्थिरता और दोनों देशों के संबंधों को किस दिशा में ले जाते हैं।