उत्तर प्रदेश के गोंडा में बोलेरो बेकाबू होकर सरयू नहर में गिरी,11 लोगों की मौत,पृथ्वीनाथ मंदिर की यात्रा बनी अंतिम सफर....

उत्तर प्रदेश के गोंडा में एक हृदयविदारक हादसे ने 11 जिंदगियों को छीन लिया। सावन के पवित्र महीने में पृथ्वीनाथ मंदिर जल चढ़ाने जा रहे एक परिवार की बोलेरो कार सरयू नहर में जा गिरी। गाड़ी में सवार 15 लोग थे, जिनमें से 11 की पानी में डूबने से दर्दनाक मौत हो गई। ग्रामीणों ने शीशा तोड़कर 4 लोगों को बचाया, लेकिन बाकी तड़प-तड़पकर दुनिया छोड़ गए। बारिश, फिसलन भरी सड़क और ओवरलोडिंग इस त्रासदी का कारण बनी। गांव में मातम और आंसुओं का सैलाब है, जो इस दुख को बयां करता है।

Aug 3, 2025 - 15:31
उत्तर प्रदेश के गोंडा में बोलेरो बेकाबू होकर सरयू नहर में गिरी,11 लोगों की मौत,पृथ्वीनाथ मंदिर की यात्रा बनी अंतिम सफर....

 उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में रविवार की सुबह एक ऐसी त्रासदी हुई, जिसने पूरे इलाके को मातम में डुबो दिया। मोतीगंज थाना क्षेत्र के सीहागांव से पृथ्वीनाथ मंदिर जल चढ़ाने जा रहे श्रद्धालुओं से भरी एक बोलेरो कार अनियंत्रित होकर सरयू नहर में जा गिरी। इस भीषण हादसे में 11 लोगों की जान चली गई, जिनमें ज्यादातर एक ही परिवार के थे। गाड़ी में सवार 15 लोगों में से केवल 4 को स्थानीय लोगों ने शीशा तोड़कर बचा लिया, लेकिन बाकी 11 की जिंदगी नहर की लहरों में समा गई। यह हादसा न केवल एक सड़क दुर्घटना था, बल्कि एक परिवार और पूरे गांव के लिए एक असहनीय दर्द बन गया।

हादसे का दिल दहलाने वाला मंजर

यह दुखद घटना सुबह करीब 10 बजे इटियाथोक थाना क्षेत्र के रेहरा गांव के पास सरयू नहर पुल पर हुई। बोलेरो में सवार लोग सावन के पवित्र महीने में खरगूपुर स्थित पांडवकालीन पृथ्वीनाथ मंदिर में जलाभिषेक और दर्शन के लिए जा रहे थे। बारिश के कारण सड़क फिसलन भरी थी और नहर के किनारे का रास्ता संकरा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बोलेरो की गति करीब 60 किमी प्रति घंटा थी, जब चालक ने अचानक नियंत्रण खो दिया। गाड़ी फिसलकर सीधे नहर में जा गिरी। नहर में पानी लबालब था, और कुछ ही सेकंड में बोलेरो पूरी तरह डूब गई। गाड़ी के गेट लॉक हो गए, जिससे अंदर बैठे लोग बाहर निकलने के लिए छटपटाते रहे, लेकिन कोई रास्ता न मिला।स्थानीय ग्रामीणों ने हादसे को देखते ही मदद के लिए पानी में छलांग लगा दी। उन्होंने गाड़ी का शीशा तोड़कर चार लोगों को बाहर निकाला, जिनमें तीन बच्चे और चालक शामिल थे। लेकिन 11 लोग इस त्रासदी से बच न सके। मृतकों में छह महिलाएं—बीना (35), काजल (22), महक (12), अंजू, अनसुइया, सौम्या—दो पुरुष—संजू वर्मा, दुर्गेश—और तीन बच्चे—नंदिनी, अंकित, शुभ—शामिल हैं।

हादसे में बची एक किशोरी की बातें सुनकर हर किसी का दिल पसीज गया। उसने बताया, “हम सब मंदिर दर्शन के लिए जा रहे थे। गाड़ी में भजन गा रहे थे। तभी अचानक गाड़ी फिसली और नहर में जा गिरी। सब कुछ धुंधला हो गया। मुझे कुछ याद नहीं कि क्या हुआ।” उसने अपने पिता को सीपीआर देकर बचाने की कोशिश की, लेकिन वह पहले ही दुनिया छोड़ चुके थे। उसकी चीखें और आंसुओं ने मौके पर मौजूद लोगों को भी भावुक कर दिया।

गांव में मातम, परिवार में कोहराम

मृतकों में अधिकतर सीहागांव के प्रह्लाद गुप्ता के परिवार और उनके रिश्तेदार थे। प्रह्लाद, जो गांव में मेवालाल माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधक हैं, इस यात्रा में शामिल नहीं थे। सुबह साढ़े 9 बजे 15 लोग बोलेरो में सवार होकर मंदिर के लिए निकले थे। 50 किमी की दूरी में से आधा सफर तय कर चुके थे कि यह हादसा हुआ। हादसे के बाद गांव में मातम पसर गया। हर घर में सन्नाटा और आंसुओं का माहौल है।

प्रशासन और पुलिस का राहत कार्य

हादसे की सूचना मिलते ही गोंडा पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी, और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंची। पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बताया कि ग्रामीणों और गोताखोरों की मदद से शवों को नहर से निकाला गया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। चार घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। एक किशोरी के बयान के अनुसार, गाड़ी में 16 लोग सवार हो सकते हैं, इसलिए एनडीआरएफ एक और लापता व्यक्ति की तलाश में नहर में सर्च ऑपरेशन चला रही है। बोलेरो अभी भी नहर में फंसी है, और उसे निकालने के लिए SDRF की मदद ली जा रही है।

मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री ने जताया शोक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरा दुख जताया और मृतकों के परिजनों के लिए 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की। उन्होंने अधिकारियों को राहत कार्य तेज करने और घायलों के समुचित इलाज के निर्देश दिए। अपने सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने लिखा, “यह दुर्घटना अत्यंत दुखद और हृदयविदारक है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक व्यक्त करते हुए मुआवजे की घोषणा की।

हादसे की वजह: लापरवाही या हालात?

प्रारंभिक जांच में पता चला कि बोलेरो में 15 लोग सवार थे, जबकि इसकी क्षमता केवल 7 यात्रियों की थी। ओवरलोडिंग को हादसे की एक प्रमुख वजह माना जा रहा है। इसके अलावा, बारिश के कारण सड़क पर फिसलन और संकरे रास्ते ने स्थिति को और खतरनाक बना दिया। ग्रामीणों ने बताया कि नहर के किनारे की सड़क बेहद तंग थी, और गाड़ी को साइड देने की कोशिश में चालक ने नियंत्रण खो दिया।

एक सबक और सवाल

यह हादसा न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि सड़क सुरक्षा और वाहन नियमों की अनदेखी का दुखद परिणाम भी है। ओवरलोडिंग और खराब सड़कें ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर ऐसी दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं। प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है, लेकिन सवाल यह है कि क्या ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे?यह हादसा गोंडा ही नहीं, पूरे प्रदेश के लिए एक चेतावनी है। पृथ्वीनाथ मंदिर की यह यात्रा, जो श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक थी, 11 परिवारों के लिए आखिरी सफर बन गई। उनके अपनों की चीखें और आंसुओं ने हर किसी के दिल को झकझोर दिया।