ऑनलाइन जुए का काला खेल खत्म,जोधपुर पुलिस ने 9 साइबर अपराधियों को दबोचा.
जोधपुर पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए आशापूर्णा एन्क्लेव में छापा मारकर 9 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया। ये ठग ऑनलाइन गेमिंग और जुए के जरिए रोजाना 20-25 लाख रुपये की ठगी कर रहे थे। 31 मोबाइल, 5 लैपटॉप, 13 एटीएम कार्ड और हिसाब-किताब की डायरी जब्त। फर्जी सिम और म्यूल खातों का उपयोग कर चल रहा था काला कारोबार। पुलिस आयुक्त ओमप्रकाश के नेतृत्व में यह अभियान साइबर अपराध पर नकेल कसने की दिशा में मील का पत्थर है।

जोधपुर, 1 अक्टूबर 2025: साइबर अपराधों के खिलाफ पुलिस की मुहिम ने एक और बड़ा झटका दिया है। जोधपुर के पॉश इलाके में छिपे ठगों ने ऑनलाइन गेमिंग की आड़ में जुआ-सट्टा का विशाल नेटवर्क चला रखा था, जहां रोजाना 20-25 लाख रुपये का कलेक्शन हो रहा था। पुलिस मुख्यालय के विशेष अभियान के तहत चौहाबोर्ड थाना पुलिस ने 29 सितंबर को गुप्त सूचना पर छापा मारकर 9 अभियुक्तों को रंगे हाथों दबोच लिया। ठगी के लिए इस्तेमाल हो रहे 31 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, 13 एटीएम कार्ड और हिसाब-किताब की डायरी समेत अन्य सामग्री जब्त कर ली गई। यह कार्रवाई न केवल स्थानीय स्तर पर साइबर अपराधियों को सबक सिखाएगी, बल्कि पूरे नेटवर्क को उजागर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
घटना का पूरा विवरण: गुप्त सूचना से शुरू हुई सनसनीखेज कार्रवाई
पुलिस मुख्यालय द्वारा साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत थाना चौहाबोर्ड की टीम लगातार निगरानी और आसूचना संकलन में जुटी हुई थी। इसी क्रम में 29 सितंबर 2025 को एक गुप्त सूचना मिली कि डीपीएस रोड स्थित आशापूर्णा एन्क्लेव कॉलोनी के मकान नंबर 136 में संदिग्ध गतिविधियां चल रही हैं। सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए थाना प्रभारी ईश्वरचंद्र पारीक के नेतृत्व में विशेष टीम ने छापा मारा। मकान के अंदर पहुंचते ही नौ युवक मोबाइल फोन, लैपटॉप और डायरी के साथ ऑनलाइन गतिविधियों में लिप्त पाए गए।पूछताछ में इन युवकों ने अपने नाम क्रमशः सौरभ प्रभाकर तीजारे, प्रज्वल भारत काटे, अतुल दिलीप बोराडे, अक्षय जमाव, प्रज्वल देवकुमार लांजेवार, निखिल राजेश काठे, गणेश दिलीप गायकवाड, राहुल मोहन वसीधा और अरुण कुमार बताए। सभी महाराष्ट्र (बुलढाना, बीड, अकोला, ठाणे) और बिहार (दरभंगा) के विभिन्न जिलों के निवासी हैं। ये पिछले करीब दो माह से इस किराए के बंगले में रहकर अवैध कारोबार चला रहे थे। गहन पूछताछ से खुलासा हुआ कि आरोपी 'मास्टर रेड्डी अन्ना 190' और '100 पैनल' जैसी मुख्य वेबसाइटों के साथ-साथ 'क्रिकबेट99' और '11एक्सप्ले' जैसी सहायक साइट्स के जरिए संगठित रूप से अपराध की कमर कस रहे थे।
ठगी का खतरनाक तरीका: गेमिंग की लत, जुआ का जाल और रिफंड का धोखा
आरोपियों का modus operandi बेहद चालाकी भरा था। वे 350 से अधिक ऑनलाइन गेम्स, क्रिकेट मैचों में सट्टा, कैसीनो और एविएटर जैसे जोखिम भरे खेलों का संचालन कर रहे थे। लालचवश फंसने वाले लोग व्हाट्सएप चैट के माध्यम से इन वेबसाइटों पर रजिस्ट्रेशन करते। पैसे जमा करने के लिए विभिन्न म्यूल बैंक खाते और UPI आईडी का इस्तेमाल किया जाता, जिसके बाद ग्राहकों के अकाउंट में 'कॉइन' रिचार्ज कर दिए जाते। ये कॉइन गेम और सट्टे में दांव लगाने के लिए इस्तेमाल होते। जीतने पर रिफंड और रिजेक्शन के नाम पर भी धोखाधड़ी की जाती, जिससे शिकार व्यक्ति और गहराई में फंस जाते।इस नेटवर्क से प्रतिदिन औसतन 20-25 लाख रुपये का लेन-देन हो रहा था, जो दो माह से अधिक समय से जारी था। कई फर्जी सिम कार्ड और म्यूल अकाउंट्स का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हो रहा था, जिनकी जांच से और राज खुलेंगे। यह कारोबार न केवल आर्थिक रूप से हानिकारक था, बल्कि युवाओं को गेमिंग की लत लगाकर उनके भविष्य को बर्बाद करने वाला भी साबित हो रहा था।
जब्त सामग्री और कानूनी कार्रवाई: सख्त धाराओं में केस दर्ज
छापे के दौरान टीम ने मौके से 31 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, 13 एटीएम कार्ड, मोबाइल और लैपटॉप चार्जर, माउस, यूएसबी केबल, रजिस्टर-डायरी (जिसमें सट्टे-गेम का कच्चा हिसाब दर्ज था) और अन्य गेमिंग उपकरण बरामद किए। सभी 9 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 318(4), 61(2), 111(2)(ख), 66(डी) और 13 आरपीजीओ एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।गिरोह के मुख्य आरोपी और उनके सहयोगियों के बारे में पूछताछ जारी है। अनुसंधान से पता चलेगा कि यह नेटवर्क कितना बड़ा है और अन्य शहरों में इसकी शाखाएं कहां-कहां फैली हुई हैं।
पुलिस नेतृत्व की सतर्कता: उच्च अधिकारियों के निर्देश पर सशक्त अभियान
यह सफल कार्रवाई पुलिस आयुक्त ओमप्रकाश, पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) विनीत कुमार बंसल के निर्देशों, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त रोशन मीणा और सहायक पुलिस आयुक्त (वृत्त प्रतापनगर) रविंद्र कुमार बोथरा के सुपरविजन में हुई। थाना चौहाबोर्ड स्तर पर गठित विशेष टीम ने सतर्कता से अमल किया, जो साइबर अपराधों के खिलाफ राजस्थान पुलिस की बढ़ती सख्ती का प्रमाण है।
व्यापक प्रभाव: साइबर सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में कदम
यह गिरफ्तारी न केवल ठगी के शिकार लोगों को राहत देगी, बल्कि ऑनलाइन जुए के खतरे के प्रति जागरूकता भी फैलाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे नेटवर्क देशभर में फैले हुए हैं, जो युवाओं को लत लगाकर लाखों रुपये हड़प लेते हैं। पुलिस से अपील है कि यदि आप भी ऑनलाइन गेमिंग या सट्टे के जाल में फंसे हैं, तो तुरंत नजदीकी थाने या साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें। जोधपुर पुलिस ने स्पष्ट संदेश दिया है- साइबर अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा!