15 करोड़ की ऑनलाइन सट्टा ठगी का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार

अलवर की रामगढ़ पुलिस ने 15 करोड़ रुपये की ऑनलाइन सट्टा ठगी का भंडाफोड़ किया। चार आरोपियों को लूडो गेम की आड़ में ठगी और जीएसटी खातों के जरिए धन वैध करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पुलिस जांच में राशि के और बढ़ने की संभावना जताई गई है।

Jun 27, 2025 - 19:52
15 करोड़ की ऑनलाइन सट्टा ठगी का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार

राजस्थान के अलवर जिले की रामगढ़ पुलिस ने एक बड़े ऑनलाइन सट्टा गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो ऑनलाइन लूडो और अन्य गेम्स की आड़ में लोगों से ठगी कर रहे थे। शुरुआती जांच में 15 करोड़ रुपये से अधिक का हिसाब-किताब सामने आया है, और यह राशि कई गुना बढ़ सकती है।

पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि रामगढ़ के पिपरौली गांव में करोड़ों रुपये के ऑनलाइन सट्टे की सूचना पर कार्रवाई की गई। पुलिस ने वसीम पुत्र नवाब, शाकिर पुत्र मजीद, खालिद पुत्र खुर्शीद और राजेश पुत्र बनवारी को गिरफ्तार किया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी ऑनलाइन सट्टा और लूडो गेम के नाम पर लोगों से यूपीआई के जरिए पैसे जमा करवाते थे। इस राशि को विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कर जीएसटी खातों के माध्यम से वैध दिखाया जाता था।

ठगी का तरीका

आरोपियों ने दो फर्म बनाई थीं और खातों की लिमिट पूरी होने पर दूसरी फर्मों के जीएसटी खातों का उपयोग करते थे। वेबसाइट पर खेलने के लिए आधार कार्ड और मोबाइल नंबर से रजिस्ट्रेशन अनिवार्य था। रेफरल के जरिए जुड़े व्यक्ति की जीत पर रेफर करने वाले को 2 प्रतिशत कमीशन दिया जाता था। फर्जी वेबसाइट होने के कारण बड़ी राशि जीतने वालों को भुगतान नहीं किया जाता था, जिससे पीड़ित शिकायत दर्ज नहीं कर पाते थे।

जब्त सामग्री

पुलिस ने आरोपियों के पास से एक ब्रेजा और एक स्विफ्ट कार, 5 एंड्रॉयड मोबाइल, दो स्कैनर, पांच पैन कार्ड, दो स्वाइप मशीन, दो बैंक पासबुक, 18 एटीएम कार्ड, 6 चेक बुक और 71 हजार रुपये नकद बरामद किए हैं।

डीएसपी शर्मा ने बताया कि इस पूरे नेटवर्क में एडमिन की जानकारी न मिलने और पीड़ितों के अवैध गतिविधियों में शामिल होने के कारण शिकायतें दर्ज नहीं हो पाती थीं। पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं। पुलिस का अनुमान है कि ठगी की राशि 15 करोड़ से कहीं अधिक हो सकती है। मामले की गहन जांच जारी है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .