राजस्थान में NIA की सनसनीखेज कार्रवाई: पाक जासूसी नेटवर्क पर बड़ा प्रहार, 8 राज्यों में 15 ठिकानों पर छापेमारी

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पाकिस्तान समर्थित जासूसी नेटवर्क के खिलाफ राजस्थान सहित 8 राज्यों में 15 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई 2023 से सक्रिय नेटवर्क को निशाना बनाकर की गई, जो हवाला के जरिए फंडिंग प्राप्त कर भारत की सामरिक जानकारी लीक कर रहा था। जयपुर और अन्य स्थानों से डिजिटल डिवाइस, वित्तीय दस्तावेज और आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई। NIA ने इस मामले में UAPA और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है।

Jun 1, 2025 - 14:16
राजस्थान में NIA की सनसनीखेज कार्रवाई: पाक जासूसी नेटवर्क पर बड़ा प्रहार, 8 राज्यों में 15 ठिकानों पर छापेमारी

जयपुर/नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पाकिस्तान समर्थित जासूसी नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए एक अभूतपूर्व कार्रवाई को अंजाम दिया है। इस सनसनीखेज ऑपरेशन में राजस्थान सहित देश के आठ राज्यों में 15 संदिग्ध ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। यह कार्रवाई पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स (PIOs) के साथ मिलकर भारत की संवेदनशील और सामरिक जानकारियां लीक करने वाले नेटवर्क के खिलाफ थी, जो 2023 से सक्रिय था।

राजस्थान में छापेमारी का केंद्र बिंदु
जयपुर और राजस्थान के अन्य हिस्सों में NIA की टीमें सुबह तड़के सक्रिय हुईं। खुफिया इनपुट के आधार पर, एजेंसी ने संदिग्धों के ठिकानों पर दबिश दी, जहां से कई डिजिटल डिवाइस, संदिग्ध वित्तीय लेनदेन के दस्तावेज, और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई। सूत्रों के अनुसार, ये संदिग्ध पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के साथ सीधे संपर्क में थे और हवाला के जरिए फंडिंग प्राप्त कर रहे थे। इस नेटवर्क का मकसद भारत की रक्षा और सामरिक जानकारी को लीक करना था, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा था।

8 राज्यों में एक साथ ऑपरेशन
NIA की यह कार्रवाई सिर्फ राजस्थान तक सीमित नहीं थी। दिल्ली, महाराष्ट्र (मुंबई), हरियाणा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, असम, और पश्चिम बंगाल में भी 15 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे गए। इन छापों में बरामद सामग्री में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, संवेदनशील वित्तीय रिकॉर्ड, और जासूसी से जुड़े अन्य सबूत शामिल हैं। जांच में खुलासा हुआ कि यह नेटवर्क संगठित रूप से भारत में जासूसी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था, जिसमें पाकिस्तान से प्राप्त निर्देशों के आधार पर संवेदनशील जानकारी साझा की जा रही थी।

हवाला से फंडिंग और जासूसी का जाल
NIA की जांच से पता चला कि इस नेटवर्क को हवाला के जरिए भारी मात्रा में धन उपलब्ध कराया जा रहा था। यह पैसा भारत में जासूसी गतिविधियों को बढ़ावा देने और संवेदनशील सूचनाएं एकत्र करने के लिए इस्तेमाल हो रहा था। 2023 से सक्रिय इस नेटवर्क ने कई संदिग्धों को अपने जाल में फंसाया था, जो भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बन चुके थे।

कानूनी कार्रवाई और जांच का दायरा
NIA ने इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए 20 मई, 2025 को केस (RC-12/2025/NIA/DLI) दर्ज किया था। इसकी शुरुआत एक प्रमुख आरोपी की गिरफ्तारी से हुई, जो PIOs के साथ मिलकर संवेदनशील जानकारी साझा कर रहा था। इस केस में आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम 1923 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 (UAPA) की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है।

राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा कदम
NIA की इस कार्रवाई को राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह ऑपरेशन न केवल पाकिस्तान समर्थित जासूसी नेटवर्क को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत की सुरक्षा एजेंसियां देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए कितनी सतर्क और सक्रिय हैं। जांच अभी जारी है, और NIA इस नेटवर्क के अन्य संदिग्धों और उनके अंतरराष्ट्रीय कनेक्शनों की तलाश में है।

यह कार्रवाई न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश में जासूसी नेटवर्क के खिलाफ एक मजबूत संदेश है कि भारत अपनी सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेगा।

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ