उपराष्ट्रपति चुनाव 2025:राधाकृष्णन या सुदर्शन कौन बनेगा देश का अगला उपराष्ट्रपति?
आज, 9 सितंबर 2025 को भारत में उपराष्ट्रपति चुनाव हो रहा है, जो जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद हो रहा है। एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन (महाराष्ट्र के राज्यपाल) और इंडिया ब्लॉक के बी सुदर्शन रेड्डी (पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज) के बीच कांटे का मुकाबला है। एनडीए के पास 436 सांसदों का समर्थन है, जो जीत के लिए जरूरी 385 वोटों से अधिक है, जबकि विपक्ष के पास 324 वोट हैं। क्रॉस वोटिंग की आशंका बनी हुई है। मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगा, और परिणाम देर रात तक आने की उम्मीद है। यह चुनाव वैचारिक टकराव और राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन है।

आज, 9 सितंबर 2025 को भारत अपने 15वें उपराष्ट्रपति का चुनाव करने जा रहा है। यह चुनाव मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफे के बाद हो रहा है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है। यह मुकाबला न केवल दो उम्मीदवारों के बीच है, बल्कि दो विचारधाराओं का टकराव भी माना जा रहा है। मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक नए संसद भवन के वसुधा हॉल में होगा, और मतगणना शाम 6 बजे शुरू होगी। परिणाम देर रात तक आने की उम्मीद है।
उम्मीदवारों का परिचय
1. सीपी राधाकृष्णन (एनडीए):
पृष्ठभूमि: 68 वर्षीय सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु के कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सांसद (1998 और 1999) रह चुके हैं। वे वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से लंबे समय से जुड़े रहे हैं।
राजनीतिक प्रोफाइल: राधाकृष्णन को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का मृदुभाषी और गैर-विवादास्पद नेता माना जाता है। वे तमिलनाडु के गौंडर-कोंगु वेल्लालर समुदाय से आते हैं, जो ओबीसी वर्ग का हिस्सा है।
चुनावी रणनीति: राधाकृष्णन ने सभी राज्यों के सांसदों से मुलाकात कर समर्थन जुटाने की कोशिश की है। चुनाव से पहले उन्होंने दिल्ली के लोधी रोड स्थित श्री राम मंदिर में पूजा-अर्चना की।
मजबूत पक्ष: एनडीए की संसद में मजबूत स्थिति और दक्षिण भारत में बीजेपी की पकड़ बढ़ाने की रणनीति उन्हें फायदा दे सकती है। यदि वे जीतते हैं, तो वे तमिलनाडु से तीसरे उपराष्ट्रपति होंगे, सर्वपल्ली राधाकृष्णन और आर वेंकटरमन के बाद।
2.बी सुदर्शन रेड्डी (इंडिया ब्लॉक):
पृष्ठभूमि: 79 वर्षीय बी सुदर्शन रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश (2008-2011) हैं। वे आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के जज और गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं।
प्रमुख उपलब्धियां: रेड्डी ने सलवा जुडूम को असंवैधानिक घोषित करने जैसे ऐतिहासिक फैसलों में हिस्सा लिया और काले धन की जांच में ढिलाई के लिए तत्कालीन केंद्र सरकार की आलोचना की थी।
विपक्ष की रणनीति: इंडिया ब्लॉक इस चुनाव को संविधान और लोकतंत्र की रक्षा बनाम आरएसएस की विचारधारा की लड़ाई के रूप में पेश कर रहा है। रेड्डी की निष्पक्ष और ईमानदार छवि विपक्ष के लिए मजबूत आधार है।
संख्या बल: एनडीए की बढ़त, लेकिन क्रॉस वोटिंग की आशंका
निर्वाचक मंडल: वर्तमान में लोकसभा में 542 और राज्यसभा में 239 सांसद हैं, यानी कुल 781 सांसद। जीत के लिए 391 वोटों की जरूरत है। हालांकि, बीजू जनता दल (7 सांसद), भारत राष्ट्र समिति (4 सांसद), और शिरोमणि अकाली दल (1 सांसद) ने मतदान से दूरी बनाने का ऐलान किया है, जिससे कुल मतदाता 769 रह गए हैं। अब जीत के लिए 385 वोट पर्याप्त होंगे।
एनडीए की स्थिति: एनडीए के पास 425 सांसदों का समर्थन है, और वाईएसआर कांग्रेस (11 सांसद) के समर्थन के साथ यह आंकड़ा 436 तक पहुंचता है। यह बहुमत के लिए जरूरी 385 से काफी अधिक है।
विपक्ष की स्थिति: इंडिया ब्लॉक के पास 324 सांसदों का समर्थन है, जो जीत के लिए 61 वोट कम है। सात निर्दलीय सांसदों और आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालिवाल का रुख स्पष्ट नहीं है, जिससे क्रॉस वोटिंग की संभावना बनी हुई है।
जीत का अंतर: यदि कोई क्रॉस वोटिंग नहीं होती, तो एनडीए के राधाकृष्णन को करीब 112 वोटों की बढ़त मिल सकती है। हालांकि, विपक्ष को उम्मीद है कि कुछ सांसद उनकी ओर रुख कर सकते हैं।
मतदान और मतगणना की प्रक्रिया
वोटिंग: मतदान गुप्त मतपत्र के माध्यम से होगा। सांसदों को मतपत्र पर उम्मीदवार के नाम के सामने ‘1’ या ‘2’ अंकित करना होगा। भारतीय अंकों, रोमन अंकों, या किसी भारतीय भाषा में वरीयता दर्ज की जा सकती है, लेकिन शब्दों में नहीं। गलत मतपत्र अमान्य होंगे।
विशेष व्यवस्था: जेल में बंद दो सांसद, जम्मू-कश्मीर के अब्दुल राशिद शेख (तिहाड़ जेल) और खडूर साहिब के अमृतपाल सिंह (डिब्रूगढ़ जेल), भी वोट डालेंगे। राशिद को संसद लाया जाएगा, जबकि अमृतपाल डाक मतपत्र का उपयोग करेंगे।
मतगणना: शाम 6 बजे शुरू होने वाली मतगणना में पहले वैध और अवैध वोट अलग किए जाएंगे। इसके बाद आधे से अधिक वोट पाने वाला उम्मीदवार विजेता घोषित होगा।
चुनाव की खास बातें
कड़ा मुकाबला: पिछले दो दशकों में यह पहला उपराष्ट्रपति चुनाव है, जो इतना करीबी माना जा रहा है। विपक्ष इसे वैचारिक लड़ाई के रूप में पेश कर रहा है।
पार्टी व्हिप की अनुपस्थिति: गुप्त मतदान होने के कारण सांसदों पर पार्टी व्हिप लागू नहीं होता, जिससे क्रॉस वोटिंग की संभावना बढ़ जाती है।
सख्त व्यवस्था: मतदान स्थल पर केवल सांसदों, अधिकारियों, और मान्यता प्राप्त पत्रकारों को प्रवेश मिलेगा। दोनों पक्षों ने मॉक पोलिंग कर सांसदों को प्रक्रिया समझाई है।
क्या कहते हैं समीकरण?
आंकड़ों के आधार पर एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है। उनके पास बहुमत से अधिक सांसदों का समर्थन है, और वाईएसआर कांग्रेस का अतिरिक्त समर्थन उनकी स्थिति को और मजबूत करता है। हालांकि, विपक्षी गठबंधन बी सुदर्शन रेड्डी के नेतृत्व में क्रॉस वोटिंग की उम्मीद कर रहा है, जो उनके लिए चमत्कार साबित हो सकती है।
उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 न केवल एक संवैधानिक पद की पूर्ति है, बल्कि यह एनडीए और इंडिया ब्लॉक के बीच राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन भी है। सीपी राधाकृष्णन की मजबूत स्थिति और बी सुदर्शन रेड्डी की निष्पक्ष छवि इस मुकाबले को रोचक बनाती है। अब सभी की नजरें आज रात के परिणामों पर टिकी हैं, जो यह तय करेंगे कि देश का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा।