बारिश के बाद डेंगू, मलेरिया और स्क्रब टाइफस ने बढ़ाई चिंता, अस्पताल में बढ़ रही मरीजों की संख्या

राजस्थान में बारिश के बाद स्क्रब टाइफस, डेंगू और मलेरिया के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है, जिसके चलते एसएमएस अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ी और अलग ओपीडी शुरू करने की योजना बन रही है।

Sep 10, 2025 - 14:16
बारिश के बाद डेंगू, मलेरिया और स्क्रब टाइफस ने बढ़ाई चिंता, अस्पताल में बढ़ रही मरीजों की संख्या

राजस्थान में बारिश का मौसम खत्म होने के साथ ही मौसमी बीमारियों ने स्वास्थ्य विभाग और आम लोगों की चिंता बढ़ा दी है। प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। सर्दी, खांसी और जुकाम के साथ-साथ डेंगू, मलेरिया और स्क्रब टाइफस जैसी गंभीर बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। खासकर स्क्रब टाइफस के मामलों में अचानक हुई वृद्धि ने स्वास्थ्य विभाग को सतर्क कर दिया है।

स्क्रब टाइफस के मामलों में भारी उछाल

एसएमएस अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से जुलाई 2025 तक स्क्रब टाइफस के मरीज इक्का-दुक्का ही देखे गए थे। लेकिन अगस्त माह में स्थिति चिंताजनक हो गई, जब स्क्रब टाइफस के 250 से अधिक मामले सामने आए। इस बीमारी ने ग्रामीण इलाकों में तेजी से पैर पसारना शुरू किया है, जिसके चलते अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 10-12 नए मरीज पहुंच रहे हैं। स्क्रब टाइफस एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो चिगर माइट्स के काटने से फैलता है और बारिश के मौसम में इसके मामले बढ़ने की आशंका रहती है।

डेंगू और मलेरिया ने भी बढ़ाई मुश्किलें

स्क्रब टाइफस के साथ-साथ डेंगू और मलेरिया के मामले भी सामने आ रहे हैं। अगस्त माह में एसएमएस अस्पताल में डेंगू के 33 और चिकनगुनिया के 18 मरीज भर्ती हुए, जबकि मलेरिया का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ। हालांकि, डेंगू से इस साल अब तक एक मरीज की मौत हो चुकी है। बारिश के बाद जगह-जगह जमा पानी और बढ़ता तापमान मच्छरों के लिए अनुकूल माहौल बना रहा है, जिससे डेंगू और चिकनगुनिया के मामले बढ़ रहे हैं।

सर्दी-जुकाम और वायरल बुखार का प्रकोप

मौसम में बदलाव के कारण सर्दी, खांसी और वायरल बुखार के मरीज भी हर घर में देखे जा रहे हैं। जयपुर के प्रमुख अस्पतालों जैसे एसएमएस, गणगौरी, कांवटिया, आरयूएचएस और सेटेलाइट अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतारें लग रही हैं। चिकित्सकों का कहना है कि मौसम में ठंडक और गर्मी का उतार-चढ़ाव इन बीमारियों को बढ़ा रहा है। लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे मच्छरों से बचाव और सर्द-गर्म से सुरक्षा के लिए सावधानी बरतें।

SMS अस्पताल में अलग OPD की तैयारी

मौसमी बीमारियों के बढ़ते मामलों को देखते हुए एसएमएस अस्पताल प्रशासन ने इनके लिए अलग से ओपीडी शुरू करने की योजना बनाई है। इस कदम का उद्देश्य मरीजों को बेहतर और त्वरित इलाज उपलब्ध कराना है। डॉ. दीपक माहेश्वरी, प्राचार्य, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, ने बताया, "बारिश थमने के बाद मरीजों की संख्या में तेजी आई है। अलग ओपीडी शुरू करने से मरीजों को इलाज में आसानी होगी।" यह कदम मरीजों की भीड़ को व्यवस्थित करने और उपचार प्रक्रिया को तेज करने में मददगार साबित होगा।

बचाव के लिए सावधानी जरूरी

चिकित्सकों ने लोगों से अपील की है कि वे मौसमी बीमारियों से बचने के लिए सावधानी बरतें। घर और आसपास पानी जमा न होने दें, मच्छरदानी और रिपेलेंट का उपयोग करें, और बुखार या अन्य लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा, फोगिंग और स्वच्छता पर ध्यान देना भी जरूरी है, क्योंकि मच्छरों के प्रजनन को रोकने में यह प्रभावी है।

स्वास्थ्य विभाग के सामने चुनौती

स्क्रब टाइफस और अन्य मौसमी बीमारियों के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी और बारिश के बाद अनुकूल परिस्थितियों के कारण स्क्रब टाइफस तेजी से फैल रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने मॉनिटरिंग बढ़ाने और जागरूकता अभियान चलाने की बात कही है, ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।

Yashaswani Journalist at The Khatak .