नरेश मीणा झुंझुनूं में क्रिकेट टूर्नामेंट और शिवम गुढ़ा के जन्मदिन पर पहुंचे — मानवता के रिश्ते को बताया राजनीति से ऊपर

नरेश मीणा ने झुंझुनूं में राजस्थान सरकार पर तानाशाही और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, कांग्रेस पर आदिवासी समाज के साथ अन्याय का इल्ज़ाम लगाते हुए युवाओं को क्रांति के लिए प्रेरित किया।

Sep 10, 2025 - 15:20
नरेश मीणा झुंझुनूं में क्रिकेट टूर्नामेंट और शिवम गुढ़ा के जन्मदिन पर पहुंचे — मानवता के रिश्ते को बताया राजनीति से ऊपर

नरेश मीणा ने हाल ही में झुंझुनूं में एक क्रिकेट टूर्नामेंट और राजेंद्र गुढ़ा के बेटे शिवम गुढ़ा के जन्मदिन के अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस दौरान उन्होंने गुढ़ा परिवार के प्रति व्यक्तिगत आभार व्यक्त किया। मीणा ने उस समय को याद किया जब वे टोंक जेल में एक आंदोलन के दौरान बंद थे, और राजेंद्र गुढ़ा बिना बुलाए उनसे मिलने पहुंचे थे। उन्होंने इसे राजनीति से परे मानवीय संवेदना का रिश्ता बताया।

राजस्थान सरकार पर भ्रष्टाचार और तानाशाही का आरोप

नरेश मीणा ने मौजूदा राजस्थान सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्य की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। सरकार केवल 'जी-हुजूरी' चाहती है और जनता की आवाज उठाने वाले नेताओं को झूठे मुकदमों में फंसाकर जेल भेजा जा रहा है। अपने अनुभव साझा करते हुए मीणा ने बताया कि वे स्वयं आठ महीने तक जेल में रहे, लेकिन उन्होंने कभी न तो हार मानी और न ही डर दिखाया। उन्होंने कहा, "सत्ता केवल उन लोगों की रक्षा करती है जो बंद कमरों में समझौते करते हैं।"

कांग्रेस पर आदिवासी समाज के साथ अन्याय का आरोप

कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए मीणा ने कहा कि उन्होंने सालों तक पार्टी के लिए मेहनत की, झंडे उठाए और इसे जीवित रखा, लेकिन 2018, 2023 और 2024 में उन्हें लगातार टिकट से वंचित रखा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने आदिवासी और मीणा समाज के साथ अन्याय किया, जो पार्टी का मजबूत आधार रहा है। मीणा ने दावा किया कि जब उन्होंने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा, तो कांग्रेस उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई, जो जनता का पार्टी को दिया गया करारा जवाब था।

युवाओं को क्रांति का आह्वान

मीणा ने जनता से चुप न रहने की अपील की और अन्याय के खिलाफ सड़कों पर उतरने का आह्वान किया। उन्होंने युवाओं को क्रांति की शुरुआत करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि बदलाव लाने की ताकत केवल युवाओं में है। नेपाल और बांग्लादेश की क्रांतियों का उदाहरण देते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सत्ता तानाशाही पर उतर आएगी, तो भारत में भी क्रांति अपरिहार्य होगी।

उन्होंने कहा, "जब अत्याचार हद से बढ़ जाए, तो गांधीवादी तरीके काम नहीं करते। तब भगत सिंह की विचारधारा अपनानी पड़ती है।" मीणा ने देश और प्रदेश में स्वाभिमान के खत्म होने की बात कही और हर घर में भगत सिंह और महाराणा प्रताप जैसे योद्धाओं के जन्म की जरूरत बताई।

झालावाड़ हादसे पर सवाल, सरकार की कार्यशैली पर तंज

मीणा ने झालावाड़ स्कूल भवन हादसे का जिक्र करते हुए इसे 'संस्थागत भ्रष्टाचार' का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि कमजोर भवनों के कारण मासूम बच्चों की जान चली गई। शांतिपूर्ण धरना देने के बावजूद उन्हें जेल भेजे जाने पर उन्होंने सरकार की आलोचना की। इसके साथ ही उन्होंने देशभक्ति और राष्ट्रवाद के नाम पर हो रही राजनीति पर सवाल उठाए। मीणा ने कहा कि भारत माता को कमजोर करने वाले नारे लगाए जा रहे हैं, जिन्हें राष्ट्रवाद का नाम दिया जा रहा है। उन्होंने जनता से इस दिखावटी राजनीति को समझने की अपील की।

विधानसभा में नई छाप छोड़ने का संकल्प

मीणा ने कहा कि अगर वे इस बार विधानसभा पहुंचे, तो राजस्थान विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति की तरह एक नई छाप छोड़ेंगे। उन्होंने मौजूदा विधायकों पर तंज कसते हुए कहा कि 200 में से मुश्किल से 5-10 विधायक ही पढ़े-लिखे और जनता की लड़ाई लड़ने वाले हैं।

नरेश मीणा ने अपने संबोधन में जनता को एकजुट होने और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि लोग अपने हक के लिए लड़ें और सत्ता के सामने सिर उठाकर खड़े हों।

Yashaswani Journalist at The Khatak .