GST कटौती से बाजार में उछाल, 4 दिन में कंज्यूमर, ऑटो, मेटल इंडेक्स में 5% तक का उछाल, कार कंपनियों ने भी दाम घटाए.
GST दरों में कटौती ने बाजार में तहलका मचा दिया है! 22 सितंबर 2025 से छोटी कारों, 350 सीसी तक की बाइकों और तिपहिया वाहनों पर GST 28% से घटकर 18% होगा। इसका असर दिखने लगा है - चार दिन में कंज्यूमर, ऑटो और मेटल इंडेक्स में 5% तक की उछाल! कार कंपनियों ने भी कीमतें घटाने का ऐलान कर दिया, जिसमें मारुति, हुंडई, टाटा और महिंद्रा जैसी दिग्गज शामिल हैं। त्योहारी सीजन में ग्राहकों की जेब को राहत और बाजार में रौनक की उम्मीद है। इलेक्ट्रिक वाहनों पर 5% GST बरकरार, जो हरित गतिशीलता को बढ़ावा देगा।

भारत सरकार द्वारा हाल ही में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) की दरों में की गई कटौती ने बाजार में सकारात्मक हलचल पैदा कर दी है। 22 सितंबर 2025 से लागू होने वाली इस नई कर संरचना के तहत छोटी कारों, 350 सीसी तक की बाइकों और तिपहिया वाहनों पर GST दर को 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है। इस बदलाव का असर उपभोक्ता वस्तुओं, ऑटोमोबाइल और मेटल सेक्टर के स्टॉक इंडेक्स में देखने को मिला है, जहां पिछले चार दिनों में 5% तक की तेजी दर्ज की गई है। कई प्रमुख कार निर्माता कंपनियों ने भी अपने वाहनों की कीमतों में कटौती की घोषणा की है, जिससे ग्राहकों को इस त्योहारी सीजन में काफी फायदा होने की उम्मीद है।
GST में बदलाव: क्या है नया?
GST परिषद ने 3 सितंबर 2025 को अपनी 56वीं बैठक में ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए टैक्स स्लैब को सरल करने का फैसला किया। नई संरचना के तहत:
छोटी कारें और दोपहिया वाहन: 1200 सीसी तक की पेट्रोल कारें, 1500 सीसी तक की डीजल कारें (4 मीटर से कम लंबाई), और 350 सीसी तक की मोटरसाइकिलें अब 18% GST स्लैब में आएंगी। पहले इन पर 28% GST के साथ अतिरिक्त सेस लगता था, जिससे प्रभावी टैक्स 29-31% तक पहुंच जाता था।
बड़े वाहन और SUVs: 4 मीटर से अधिक लंबाई वाली कारें, बड़े SUVs, और 350 सीसी से अधिक की मोटरसाइकिलें अब 40% GST स्लैब में होंगी। पहले इन पर 28% GST के साथ 22% तक का सेस लगता था, जिससे कुल टैक्स 50% तक पहुंच जाता था। सेस हटने से कुछ मॉडलों की कीमतों में मामूली कमी हो सकती है।
इलेक्ट्रिक वाहन (EVs): इलेक्ट्रिक वाहनों पर 5% GST की दर बरकरार रहेगी, जो सरकार की स्वच्छ और हरित गतिशीलता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
ऑटो पार्ट्स: ऑटोमोबाइल के पुर्जों और एक्सेसरीज पर टैक्स को एकसमान 18% कर दिया गया है, जिससे सर्विस और मरम्मत लागत में कमी आने की संभावना है।
बाजार पर असर: इंडेक्स में तेजी
GST कटौती की घोषणा के बाद कंज्यूमर गुड्स, ऑटोमोबाइल और मेटल सेक्टर के स्टॉक इंडेक्स में पिछले चार दिनों में 5% तक की वृद्धि देखी गई है। इस तेजी के पीछे कई कारण हैं:
उपभोक्ता मांग में वृद्धि: छोटी कारों और दोपहिया वाहनों की कीमतों में कमी से मध्यम वर्ग और ग्रामीण बाजारों में मांग बढ़ने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस कटौती से ऑटो सेक्टर में 5-10% की मांग वृद्धि हो सकती है।
मेटल सेक्टर का लाभ: ऑटोमोबाइल उत्पादन में स्टील और एल्यूमीनियम जैसे मेटल की मांग बढ़ने से मेटल इंडेक्स में भी उछाल देखा गया है।
त्योहारी सीजन का प्रभाव: नवरात्रि और दिवाली जैसे त्योहारों के मौसम में वाहनों की बिक्री में वृद्धि की संभावना है, जो इस कटौती से और बढ़ेगी।
कार कंपनियों की प्रतिक्रिया: कीमतों में कटौती
कई प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियों ने GST कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने की घोषणा की है। कुछ उदाहरण:
हुंडई मोटर इंडिया: हुंडई ने अपनी कारों की कीमतों में 60,640 रुपये से लेकर 2.4 लाख रुपये तक की कटौती की घोषणा की है। उदाहरण के लिए, हुंडई वरना की कीमत में 60,640 रुपये और प्रीमियम SUV ट्यूसॉन में 2.4 लाख रुपये की कमी होगी।
टाटा मोटर्स: टाटा मोटर्स ने अपनी यात्री और वाणिज्यिक वाहनों की कीमतों में 30,000 रुपये से 4.65 लाख रुपये तक की कटौती की है। टाटा नेक्सन जैसे मॉडल की कीमत में करीब 80,000 रुपये की कमी देखी जाएगी।
मारुति सुजुकी: मारुति सुजुकी स्विफ्ट और वैगन-आर जैसे लोकप्रिय मॉडलों की कीमतों में 63,000 से 78,000 रुपये तक की कमी होने की उम्मीद है। उदाहरण के लिए, स्विफ्ट LXi (गुड़गांव) की ऑन-रोड कीमत 8.44 लाख रुपये से घटकर 7.66 लाख रुपये हो सकती है, जिससे लगभग 9% की बचत होगी।
महिंद्रा एंड महिंद्रा: महिंद्रा XUV700 जैसी सात-सीटर SUVs की कीमत में 1.40 लाख रुपये तक की कमी हो सकती है।
उपभोक्ताओं के लिए लाभ
बजट कारों की कीमतों में कमी: छोटी कारों जैसे मारुति सुजुकी स्विफ्ट, वैगन-आर, टाटा पंच, और हुंडई क्रेटा की कीमतों में 50,000 से 80,000 रुपये तक की कमी होगी। इससे मासिक EMI में भी 1,000-2,000 रुपये की बचत होगी।
पहली बार खरीदारों के लिए फायदा: छोटी कारों और दोपहिया वाहनों की कम कीमतें पहली बार वाहन खरीदने वालों, खासकर शहरी और ग्रामीण मध्यम वर्ग के लिए आकर्षक होंगी।
हरित गतिशीलता को बढ़ावा: EVs पर 5% GST बरकरार रहने से इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ने की संभावना है।
उद्योग की प्रतिक्रिया
ऑटोमोबाइल उद्योग ने इस सुधार को "गेम-चेंजिंग" करार दिया है। हुंडई मोटर इंडिया के प्रबंध निदेशक उनसू किम ने इसे 'विकसित भारत' और 'मेक इन इंडिया' पहल के अनुरूप बताया। टाटा मोटर्स के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा कि यह कदम न केवल मांग को बढ़ाएगा, बल्कि स्वच्छ और स्मार्ट गतिशीलता को भी प्रोत्साहन देगा। महिंद्रा एंड महिंद्रा के कार्यकारी निदेशक राजेश जेजुरिकर ने GST दरों के तर्कसंगत बनाने को ऑटोमोबाइल और कृषि क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
चुनौतियां और भविष्य
हालांकि GST कटौती से बाजार में उत्साह है, कुछ चुनौतियां भी हैं:
लक्जरी कारों पर असर सीमित: बड़े SUVs और लक्जरी कारों पर 40% GST स्लैब लागू होने से उनकी कीमतों में मामूली कमी ही होगी।
उपभोक्ता प्रतीक्षा: कुछ खरीदार GST कटौती लागू होने (22 सितंबर) तक खरीदारी टाल सकते हैं, जिससे सितंबर के मध्य में बिक्री प्रभावित हो सकती है।
आर्थिक प्रभाव: मांग में तेजी से उत्पादन बढ़ाने की जरूरत होगी, जिसके लिए ऑटोमोबाइल कंपनियों को अपनी आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना होगा।
GST कटौती का यह कदम ऑटोमोबाइल उद्योग और उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा तोहफा है। छोटी कारों और दोपहिया वाहनों की कीमतों में कमी से मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी, वहीं मेटल और कंज्यूमर गुड्स सेक्टर में तेजी से आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। 22 सितंबर से लागू होने वाली यह नई कर संरचना न केवल त्योहारी सीजन में बिक्री को बढ़ावा देगी, बल्कि भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को दीर्घकालिक रूप से मजबूत करने में भी योगदान देगी।