नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद पर यौन उत्पीड़न का आरोप: रोहिणी घावरी की शिकायत, बस्ती में हंगामा

नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद पर पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी ने राष्ट्रीय महिला आयोग में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज की। रोहिणी ने आरोप लगाया कि चंद्रशेखर ने शादी का झांसा देकर उनके साथ भावनात्मक और शारीरिक शोषण किया।

Jun 25, 2025 - 13:35
नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद पर यौन उत्पीड़न का आरोप: रोहिणी घावरी की शिकायत, बस्ती में हंगामा

उत्तर प्रदेश के नगीना से लोकसभा सांसद और आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज की गई है। यह शिकायत इंदौर की पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी ने की है, जिन्होंने चंद्रशेखर पर शादी का झांसा देकर भावनात्मक और शारीरिक शोषण का गंभीर आरोप लगाया है। आयोग ने सोमवार, 23 जून 2025 को इस मामले को दर्ज किया, जिसके बाद रोहिणी ने सोशल मीडिया पर कानूनी लड़ाई शुरू होने की घोषणा की।

रोहिणी घावरी की शिकायत: हूबहू विवरण

रोहिणी घावरी, जो स्विट्जरलैंड के जिनेवा में पीएचडी स्कॉलर हैं और सफाईकर्मी समुदाय से आती हैं, ने अपनी शिकायत में चंद्रशेखर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनकी शिकायत का सार निम्नलिखित है:

परिचय और मुलाकात: 2020 में मध्य प्रदेश सरकार की छात्रवृत्ति पर स्विट्जरलैंड में पीएचडी के लिए गईं रोहिणी की चंद्रशेखर से मुलाकात हुई। जून 2021 से दोनों के बीच नियमित संवाद शुरू हुआ।

शादी का झांसा: चंद्रशेखर ने खुद को अविवाहित बताकर रोहिणी को शादी का आश्वासन दिया और भावनात्मक संबंध बनाए। रोहिणी ने उनके राजनीतिक अभियानों में भी सहयोग दिया।

शारीरिक शोषण: चंद्रशेखर ने रोहिणी को दिल्ली में होटल और अपने द्वारका स्थित निवास पर बुलाकर शादी का वादा करते हुए शारीरिक संबंध बनाए। रोहिणी का दावा है कि कई बार यह उनकी मर्जी के खिलाफ हुआ।

धोखा और मानसिक प्रताड़ना: 2022 के उत्तर प्रदेश चुनाव में रोहिणी को चंद्रशेखर की शादी के बारे में पता चला। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो चंद्रशेखर ने आत्महत्या की धमकी दी और बहुजन आंदोलन छोड़ने की बात कहकर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।

सामाजिक अपमान: रोहिणी का कहना है कि चंद्रशेखर ने उनके विश्वास का दुरुपयोग किया, जिसके चलते समाज में उन्हें "रखैल" जैसे अपमानजनक शब्दों का सामना करना पड़ रहा है। इससे वह अवसाद में चली गईं और दो बार आत्महत्या का प्रयास किया।

न्याय की मांग: रोहिणी ने आयोग से चंद्रशेखर के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है, ताकि उन्हें न्याय मिले और अन्य महिलाएं इस तरह के शोषण से बच सकें।

रोहिणी ने सोशल मीडिया पर लिखा, "आज से कानूनी लड़ाई की शुरुआत हो चुकी है। सच सामने आकर रहेगा। मैं अपने स्वाभिमान और सम्मान के लिए लडूंगी। पीछे नहीं हटूंगी। सत्य मेव जयते।"

चंद्रशेखर का जवाब: कोर्ट में दूंगा पक्ष

चंद्रशेखर ने शुरू में इस मामले पर चुप्पी साधे रखी, लेकिन 14 जून 2025 को झांसी में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, "मेरी मां ने मुझे सिखाया है कि किसी भी महिला का अपमान नहीं करना चाहिए। मैंने सुना है कि वह (रोहिणी) कोर्ट जा रही हैं, तो मैं भी अपना जवाब कोर्ट में दूंगा।" उन्होंने रोहिणी का नाम नहीं लिया और इस मामले पर ज्यादा टिप्पणी करने से बचते रहे।

बस्ती में विरोध प्रदर्शन

22 जून 2025 को बस्ती में चंद्रशेखर के एक कार्यक्रम के दौरान करीब 10 महिलाओं ने सर्किट हाउस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। विश्व हिंदू महासंघ की इन महिलाओं ने रोहिणी की तस्वीर वाली तख्तियां लहराईं, जिन पर "रेप आरोपी को जेल भेजो" जैसे नारे लिखे थे। उन्होंने "चंद्रशेखर मुर्दाबाद" और "महिलाओं को न्याय दो" जैसे नारे लगाए। आजाद समाज पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं और पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं को मौके से हटाया। यह घटना कोतवाली थाना क्षेत्र में अटल बिहारी वाजपेयी ऑडिटोरियम के पास हुई।

रोहिणी घावरी का बैकग्राउंड

रोहिणी इंदौर के बीमा अस्पताल में सफाईकर्मी के रूप में काम करने वाले एक दलित परिवार की बेटी हैं। 2019 में मध्य प्रदेश सरकार से 1 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति प्राप्त कर वह स्विट्जरलैंड में मैनेजमेंट में पीएचडी के लिए गईं। वह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं और 2023 में दलित अधिकारों व भारत की आरक्षण नीति की तारीफ की थी। सामाजिक मुद्दों पर मुखर रहने वाली रोहिणी ने चंद्रशेखर के साथ दलित आंदोलन के दौरान मुलाकात की थी।

विवाद का राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव

यह मामला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। कुछ लोग इसे चंद्रशेखर की छवि को नुकसान पहुंचाने की साजिश मान रहे हैं, जबकि अन्य रोहिणी के आरोपों को गंभीरता से लेने की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा गरमाया हुआ है। कुछ यूजर्स रोहिणी के समर्थन में हैं, तो कुछ ने चंद्रशेखर का पक्ष लेते हुए इसे राजनीतिक बदनामी का प्रयास बताया।

 उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने कहा था कि यदि रोहिणी के आरोप सही पाए जाते हैं, तो चंद्रशेखर के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। यदि ये आरोप सिद्ध होते हैं, तो चंद्रशेखर की सांसदी भी खतरे में पड़ सकती है।