राजस्थान विधानसभा सत्र 1 सितंबर से शुरू: वासुदेव देवनानी ने विभागों को दिए सख्त निर्देश, लंबित सवालों के जवाब मांगे

राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र 1 सितंबर 2025 से शुरू होगा, जिसके लिए राज्यपाल ने अधिसूचना जारी की। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विभागों को 2,400 लंबित सवालों के जवाब 27 अगस्त तक जमा करने के निर्देश दिए। सत्र में भूजल, भू-राजस्व, कोचिंग नियंत्रण, और धर्मांतरण विरोधी विधेयकों पर चर्चा होगी। कांग्रेस सरकार को घेरने की तैयारी में है, जबकि सत्र को पेपरलेस और पारदर्शी बनाने पर जोर है।

Aug 13, 2025 - 18:26
राजस्थान विधानसभा सत्र 1 सितंबर से शुरू: वासुदेव देवनानी ने विभागों को दिए सख्त निर्देश, लंबित सवालों के जवाब मांगे
राजस्थान की 16वीं विधानसभा का चौथा सत्र, जिसे मानसून सत्र के रूप में जाना जाता है, 1 सितंबर 2025 से शुरू होने जा रहा है। राज्यपाल हरिभाऊ कisanrao बागड़े ने इस सत्र को बुलाने की अधिसूचना जारी कर दी है। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सत्र की तैयारियों को लेकर सभी विभागों को सख्त निर्देश दिए हैं, जिसमें तीसरे सत्र के 2,400 लंबित सवालों के जवाब 27 अगस्त तक जमा करने को कहा गया है। यह सत्र सात से दस बैठकों का संक्षिप्त सत्र होगा, जिसमें कई महत्वपूर्ण विधेयक और जनहित के मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।

विधानसभा सत्र की तैयारियां

वासुदेव देवनानी ने मंगलवार को विधानसभा सचिवालय के प्रधान सचिव भरत भूषण शर्मा के साथ बैठक कर सत्र की प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने सभी विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, और सचिवों को निर्देश दिए कि तीसरे सत्र में विधायकों द्वारा पूछे गए 9,700 सवालों में से लंबित 2,400 सवालों के जवाब समय पर जमा करें। देवनानी ने जोर दिया कि विधायकों के सवाल जनता की समस्याओं को प्रतिबिंबित करते हैं, और समय पर जवाब देना सरकार की जवाबदेही और पारदर्शिता को दर्शाता है।

महत्वपूर्ण विधेयक और चर्चाएं

सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा होने की संभावना है। पिछले सत्र में प्रवर समिति को सौंपे गए तीन विधेयकों की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी जाएगी। इनमें शामिल हैं:
  • राजस्थान भूजल संरक्षण और प्रबंधन प्राधिकरण विधेयक 2024: यह विधेयक भूजल संसाधनों के संरक्षण और प्रबंधन पर केंद्रित है।
  • राजस्थान भू-राजस्व संशोधन एवं विधि मान्यकरण विधेयक 2025: यह विधेयक भूमि से संबंधित नीतियों में सुधार लाने का प्रयास है।
  • राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण और विनिमयन विधेयक 2025: कोचिंग संस्थानों पर नियामक ढांचा लागू करने के लिए।
इसके अलावा, राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025 पर भी गहन चर्चा की उम्मीद है। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि सत्र में लगभग एक दर्जन विधेयक पेश या पारित किए जा सकते हैं। शिक्षा विभाग से संबंधित एक विधेयक भी पेश होने की संभावना है।

सत्र की संवैधानिक बाध्यता

नियमानुसार, विधानसभा का सत्र हर छह महीने में बुलाया जाना अनिवार्य है। पिछला सत्र 24 मार्च 2025 को समाप्त हुआ था, जिसके बाद यह सत्र संवैधानिक बाध्यता को पूरा करने के लिए बुलाया गया है। सत्र के दौरान प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, विशेष उल्लेख प्रस्ताव, और स्थगन प्रस्ताव जैसे संसदीय कार्य होंगे। देवनानी ने कहा कि यह सत्र न केवल विधायी कार्यों के लिए, बल्कि जनहित के मुद्दों को उठाने के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।
पिछले बजट सत्र (31 जनवरी से 24 मार्च) में 24 बैठकों के दौरान 12 विधेयक पेश या पारित किए गए थे। उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने 19 फरवरी को राज्य बजट 2025-26 पेश किया था, जिसे 12 मार्च को सदन की अंतिम मंजूरी मिली। हालांकि, उस सत्र में छह कांग्रेस विधायकों का निलंबन और सदन में हंगामे की घटनाएं भी हुईं, जिन्हें बाद में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने स्वत: संज्ञान लेकर रद्द किया था।

पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर

वासुदेव देवनानी ने अपने निर्देशों में पारदर्शिता और जवाबदेही पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि विधानसभा में पूछे गए सवाल सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि जनता की समस्याओं को सामने लाने का महत्वपूर्ण माध्यम हैं। लंबित सवालों के जवाब समय पर न देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। देवनानी ने यह भी सुनिश्चित किया कि विधानसभा की कार्यवाही को डिजिटल और पेपरलेस बनाने के लिए राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (NeVA) का उपयोग किया जाए, जिससे सभी जवाब ऑनलाइन उपलब्ध हों।

विपक्ष का रुख और संभावित हंगामा

कांग्रेस ने इस सत्र में सरकार को बेरोजगारी, महंगाई, और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर घेरने की रणनीति बनाई है। छात्रसंघ चुनावों को लेकर उग्र छात्र भी सत्र के दौरान प्रदर्शन कर सकते हैं। पिछले सत्र में हंगामे और निलंबन की घटनाओं को देखते हुए, देवनानी ने सत्ता पक्ष और विपक्ष से सहयोग की अपील की है ताकि सत्र सुचारू रूप से चले। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, स्पीकर देवनानी, और विपक्षी नेताओं के साथ चर्चा की है ताकि सत्र बिना किसी रुकावट के चले।