"कलयुगी मां"पति से विवाद के बाद गुस्से में मां ने अपने मासूम बेटे को छत से फेंककर ली जान.
हापुड़ के मजीदपुरा में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सबको झकझोर दिया। पति-पत्नी के झगड़े की आग में एक डेढ़ साल का मासूम अपनी जान गंवा बैठा। गुस्से में आकर मां ने अपने ही बेटे को दो मंजिला छत से नीचे फेंक दिया, जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई। इस क्रूरता ने ममता को कलंकित कर दिया। पुलिस ने मां को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन यह घटना समाज में रिश्तों की कमजोर पड़ती नींव और गुस्से के भयावह परिणामों का दुखद चित्रण करती है।

उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के मजीदपुरा इलाके में एक ऐसी दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने न केवल मानवता को शर्मसार किया, बल्कि ममता जैसे पवित्र रिश्ते पर भी सवाल उठा दिए। एक मां, जो अपने बच्चे की रक्षक होती है, उसी ने गुस्से के आवेश में अपने डेढ़ साल के मासूम बेटे की जान ले ली। पति-पत्नी के बीच हुए मामूली झगड़े का खामियाजा इस नन्हे बच्चे को अपनी जिंदगी गंवाकर चुकाना पड़ा। इस घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया, और लोग इस क्रूरता को समझ पाने में असमर्थ हैं।
घटना का विवरण
जानकारी के अनुसार, हापुड़ के नगर कोतवाली क्षेत्र के मजीदपुरा मोहल्ले में रहने वाले वसीम और उनकी पत्नी शबाना की शादी को पांच साल हो चुके थे। बिहार की रहने वाली शबाना और वसीम के दो बच्चे थे, जिनमें डेढ़ साल का अहद भी शामिल था। वसीम ने पुलिस को बताया कि उनकी पत्नी शबाना आए दिन छोटी-छोटी बातों पर उनसे झगड़ा करती थी। सोमवार, 11 अगस्त 2025 को भी दोनों के बीच किसी बात को लेकर तीखी कहासुनी हुई। इस झगड़े ने इतना भयावह रूप ले लिया कि शबाना ने गुस्से में आकर अपने मासूम बेटे अहद को, जो अपने बड़े भाई के साथ घर की दो मंजिला छत पर खेल रहा था, गोद में उठाकर नीचे फेंक दिया। मासूम अहद की नन्ही जान इस क्रूरता को सहन न कर सकी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। बच्चे की चीख-पुकार सुनकर घर और आसपास के लोग मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। मासूम की सांसें थम चुकी थीं, और पूरे मोहल्ले में कोहराम मच गया।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
घटना की सूचना मिलते ही नगर कोतवाली पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। पिता वसीम की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी मां को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने मासूम अहद के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। हालांकि, नगर कोतवाली के इंस्पेक्टर मुनीश प्रताप सिंह ने प्रारंभिक जांच में एक अलग दावा किया है। उनके अनुसार, अहद अपने बड़े भाई के साथ छत पर खेल रहा था, और खेलते समय वह नीचे गिर गया। पुलिस का कहना है कि मां शबाना बच्चे को अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। लेकिन वसीम के आरोप और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों ने पुलिस की इस थ्योरी पर सवाल उठाए हैं। पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी, और उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इलाके में सनसनी और लोगों का गुस्सा
इस घटना ने मजीदपुरा और आसपास के इलाकों में सनसनी फैला दी है। लोग इस बात से स्तब्ध हैं कि एक मां अपने बच्चे के प्रति इतनी क्रूर कैसे हो सकती है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि शबाना और वसीम के बीच अक्सर झगड़े होते थे, लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि इसका परिणाम इतना भयावह होगा। कुछ लोग इसे मानसिक तनाव का परिणाम मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे ममता पर कलंक बता रहे हैं।
सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलू
यह घटना न केवल एक आपराधिक मामला है, बल्कि सामाजिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी कई सवाल खड़े करती है। पति-पत्नी के बीच लगातार विवाद, घरेलू हिंसा, और मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी ऐसी घटनाओं को जन्म दे सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी परिस्थितियों में समय रहते काउंसलिंग और सामाजिक समर्थन जरूरी है, ताकि मासूम बच्चों को इस तरह के हादसों का शिकार न होना पड़े।
हापुड़ की इस दर्दनाक घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। एक मासूम बच्चे की मृत्यु और उसकी मां की क्रूरता ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर रिश्तों की नींव इतनी कमजोर क्यों हो रही है। पुलिस की जांच से उम्मीद है कि सच्चाई सामने आएगी और मासूम अहद को न्याय मिलेगा। इस बीच, यह घटना हमें यह भी सिखाती है कि गुस्से और विवाद को नियंत्रित करना कितना जरूरी है, ताकि कोई और मासूम इसकी कीमत न चुकाए।