कुदरत का कहर:बादल फटने से भारी तबाही, 12 की मौत, कई लापता
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ और हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से भारी तबाही, 12 की मौत, 25 से ज्यादा घायल, मचैल माता यात्रा प्रभावित। राहत और बचाव कार्य तेज, सैकड़ों सड़कें बंद।

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के पड्डर सब-डिवीजन में स्थित चशोटी गांव में गुरुवार दोपहर 12:30 बजे एक भयानक प्राकृतिक आपदा ने दस्तक दी। बादल फटने की घटना ने इलाके को तबाही के मंजर में बदल दिया। इस हादसे में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनके शव बरामद किए जा चुके हैं। 25 से ज्यादा लोग घायल हैं, और मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
यह हादसा उस वक्त हुआ, जब हजारों श्रद्धालु मचैल माता तीर्थयात्रा के लिए चशोटी गांव में जुटे थे। चशोटी इस पवित्र यात्रा का पहला पड़ाव है, जहां से श्रद्धालु 2800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मचैल माता मंदिर की ओर पैदल यात्रा शुरू करते हैं। उस समय वहां श्रद्धालुओं की बसें, टेंट, लंगर और कई छोटी-मोटी दुकानें थीं। लेकिन बादल फटने से आए तेज पानी और मलबे ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया। लंगर शेड समेत कई संरचनाएं बाढ़ में बह गईं, और कई लोग मलबे की चपेट में आ गए।
मचैल माता यात्रा: आस्था का प्रतीक, आपदा की त्रासदी
मचैल माता तीर्थयात्रा हर साल अगस्त में आयोजित होती है, जिसमें हजारों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं। यह यात्रा 25 जुलाई से 5 सितंबर तक चलती है। जम्मू से किश्तवाड़ तक 210 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद, श्रद्धालु पड्डर से चशोटी तक 19.5 किलोमीटर की सड़क पर वाहनों से पहुंचते हैं। इसके बाद मचैल माता मंदिर तक 8.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा होती है। इस बार, यात्रा के शुरुआती पड़ाव पर ही यह आपदा आ गई, जिसने श्रद्धालुओं की आस्था को गहरा आघात पहुंचाया।
स्थानीय लोगों और प्रशासन के मुताबिक, जिस समय बादल फटा, चशोटी में लंगर चल रहा था। अचानक तेज पानी और मलबे ने वहां मौजूद लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। कई लोग बह गए, और कुछ मलबे में दब गए। इस दुखद घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय को, बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाएं
जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश भी प्रकृति के प्रकोप से अछूता नहीं रहा। बुधवार रात से राज्य के ज्यादातर हिस्सों में भारी बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। कोटखाई के खलटूनाला की पहाड़ियों में गुरुवार तड़के 3 बजे बादल फटने से नाले में मलबा आ गया। इससे तराई में बना एक पेट्रोल पंप और 6 से ज्यादा गाड़ियां मलबे में दब गईं। पंप पर काम करने वाले कर्मचारियों ने भागकर अपनी जान बचाई।
इसके अलावा, कुल्लू और शिमला जिलों में बुधवार शाम को चार जगह बादल फटने की घटनाएं सामने आईं। कुल्लू की श्रीखंड और तीर्थन वैली, शिमला के फाचा के नांटी गांव और काशापाठ में बादल फटने से नदी-नालों में बाढ़ आ गई। अचानक आई इस बाढ़ में फंसे चार लोगों को सेना ने रेस्क्यू किया और उन्हें पूह मिलिट्री कैंप में सुरक्षित पहुंचाया गया।
स्कूल बंद, सड़कें ठप
भारी बारिश और बाढ़ के कारण हिमाचल प्रदेश के ऊना, कुल्लू के बंजार सब-डिवीजन, शिमला के जुब्बल और मंडी के थुनाग में स्कूलों की छुट्टियां कर दी गई हैं। हिमाचल आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, पिछले 24 घंटों में बारिश और उससे जुड़ी घटनाओं के कारण 396 सड़कें बंद हो गई हैं। इससे यातायात और सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
बचाव और राहत कार्य जोरों पर
किश्तवाड़ में बादल फटने की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आ गया। किश्तवाड़, डोडा और भदरवाह से सभी उपलब्ध एम्बुलेंस को मचैल के लिए रवाना किया गया। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), स्थानीय पुलिस, सेना और नागरिक प्रशासन ने संयुक्त रूप से राहत और बचाव कार्य शुरू किए।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा, "स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा है। NDRF की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गई हैं। हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं।"
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "चशोटी, किश्तवाड़ में बादल फटने से व्यथित हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। सिविल, पुलिस, सेना, NDRF और SDRF को बचाव और राहत अभियान तेज करने के निर्देश दिए हैं।"
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने स्थानीय विधायक सुनील कुमार शर्मा और उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से बात कर राहत कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि प्रशासन हर संभव मदद मुहैया करा रहा है, और उनका कार्यालय स्थिति पर नजर रखे हुए है।
मौसम विभाग की चेतावनी
श्रीनगर मौसम केंद्र ने अगले 4-6 घंटों में जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश और गरज-चमक के साथ तेज हवाओं की चेतावनी जारी की है। किश्तवाड़, डोडा, पुंछ, राजौरी, रियासी और उधमपुर जैसे पहाड़ी इलाकों में बादल फटने, अचानक बाढ़, भूस्खलन और पत्थर गिरने की आशंका जताई गई है। लोगों को ढीली संरचनाओं, बिजली के खंभों और पुराने पेड़ों से दूर रहने की सलाह दी गई है।