जुलाई में शुरू होगा संसद का मानसून सत्र ऑपरेशन सिंदूर वक्फ बोर्ड जैसे मुद्दों पर हो सकती हैं तीखी बहस
संसद का मानसून सत्र इस बार 21 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को इसकी घोषणा करते हुए बताया कि 23 दिनों तक चलने वाले इस सत्र में कई अहम और संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। वक्फ बोर्ड, ऑपरेशन सिंदूर, और जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव जैसे विषय इस सत्र को खासा गर्म करने के लिए तैयार हैं।

संसद का मानसून सत्र इस बार 21 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को इसकी घोषणा करते हुए बताया कि 23 दिनों तक चलने वाले इस सत्र में कई अहम और संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। वक्फ बोर्ड, ऑपरेशन सिंदूर, और जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव जैसे विषय इस सत्र को खासा गर्म करने के लिए तैयार हैं।
वक्फ बोर्ड पर गरमागरम बहस की संभावना
वक्फ बोर्ड से जुड़े मुद्दे लंबे समय से चर्चा में हैं। इस सत्र में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, पारदर्शिता और दुरुपयोग के आरोपों पर गहन चर्चा की उम्मीद है। विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रहे हैं, जबकि सत्तारूढ़ दल वक्फ बोर्ड में सुधारों को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुद्दा धार्मिक और सामाजिक संवेदनशीलता को छू सकता है, जिससे सदन में तीखी नोकझोंक देखने को मिल सकती है।
ऑपरेशन सिंदूर: राष्ट्रीय सुरक्षा पर होगी तीखी बहस
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' ने देश में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के 16 दलों, ने इस मुद्दे पर विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। अब मानसून सत्र में इस ऑपरेशन के रणनीतिक, सैन्य और राजनीतिक पहलुओं पर विस्तृत चर्चा होने की संभावना है। रिजिजू ने स्पष्ट किया कि सरकार नियमों के तहत इस मुद्दे पर बहस के लिए तैयार है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी सिंगापुर में सीडीएस जनरल अनिल चौहान के साक्षात्कार से मिली, न कि संसद के जरिए। उन्होंने इसे "अघोषित आपातकाल" की स्थिति करार दिया। दूसरी ओर, सरकार का कहना है कि यह ऑपरेशन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण था और इसके परिणामों ने भारत की ताकत को दर्शाया। यह मुद्दा सत्र में विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तीखी बहस का कारण बन सकता है।
जस्टिस यशवंत वर्मा पर महाभियोग: न्यायपालिका में भ्रष्टाचार पर सवाल
सत्र का एक और बड़ा मुद्दा इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव है। मार्च 2025 में उनके दिल्ली स्थित आवास पर नकदी बरामदगी और आग लगने की घटना के बाद यह मामला सुर्खियों में आया। रिजिजू ने कहा कि यह प्रस्ताव न्यायपालिका में भ्रष्टाचार से जुड़ा है और इसमें किसी भी तरह की राजनीति की गुंजाइश नहीं है। सरकार ने कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और शिवसेना जैसे विपक्षी दलों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा शुरू कर दी है, ताकि संसद में एकजुट रुख अपनाया जा सके।
विपक्षी नेता इस प्रस्ताव को लेकर सतर्क हैं। कुछ का मानना है कि यह सरकार की ओर से न्यायपालिका पर दबाव बनाने की रणनीति हो सकती है, जबकि अन्य इसे न्यायिक जवाबदेही के लिए जरूरी कदम मान रहे हैं। इस मुद्दे पर सदन में गहमागहमी तय मानी जा रही है।
सत्र में और क्या होगा खास?
मानसून सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक भी पेश किए जाने की संभावना है। बीमा क्षेत्र में सुधार और एफडीआई सीमा को 100% तक बढ़ाने वाला बीमा संशोधन विधेयक चर्चा में रहेगा। इसके अलावा, महंगाई, बेरोजगारी, और आंतरिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भी विपक्ष सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश करेगा।
रिजिजू ने सभी दलों से सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा, "विपक्ष की भागीदारी लोकतंत्र की आत्मा है। हम चाहते हैं कि संसद जनता की उम्मीदों के मुताबिक काम करे।"
हंगामे के आसार, फिर भी रचनात्मक चर्चा की उम्मीद
संसद का यह सत्र कई मायनों में ऐतिहासिक हो सकता है। ऑपरेशन सिंदूर जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे, वक्फ बोर्ड जैसे सामाजिक-धार्मिक विषय, और जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग जैसे संवैधानिक मसले इस सत्र को चर्चा का केंद्र बनाएंगे। विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तीखी बहस के आसार हैं, लेकिन रिजिजू ने उम्मीद जताई है कि सभी दल रचनात्मक सहयोग देंगे।
क्या यह सत्र देश के सामने मौजूद जटिल सवालों का जवाब दे पाएगा, या फिर हंगामे की भेंट चढ़ जाएगा? यह देखना दिलचस्प होगा। 21 जुलाई से शुरू होने वाला यह सत्र निश्चित रूप से राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाएगा।