कोटा में सरकारी प्रॉपर्टी की जानकारी अब ऑनलाइन: निगम ने शुरू किया 2200 संपत्तियों का GIS-आधारित सर्वे
कोटा नगर निगम ने 2200 सरकारी संपत्तियों का GIS आधारित सर्वे शुरू किया, एक महीने में पूरा होकर ऑनलाइन मैप पर उपलब्ध होगी जानकारी, अवैध कब्जों पर नियंत्रण और पारदर्शिता बढ़ेगी।
कोटा, 16 नवंबर 2025: राजस्थान के कोटा शहर में बिखरी हुई सरकारी संपत्तियों की जानकारी अब आम नागरिकों को एक क्लिक पर ऑनलाइन उपलब्ध हो सकेगी। कोटा नगर निगम ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए शहर की लगभग 2200 सरकारी संपत्तियों का जीआईएस (ज्योग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम) आधारित मैपिंग सर्वे शुरू कर दिया है। यह सर्वे एक महीने के अंदर पूरा होने की उम्मीद है, जिसके बाद इन संपत्तियों का डिजिटल डेटाबेस तैयार हो जाएगा। इस पहल से न केवल संपत्तियों का पारदर्शी प्रबंधन संभव होगा, बल्कि अवैध कब्जों पर भी नकेल कसी जा सकेगी।
सर्वे की शुरुआत और प्रक्रिया; कोटा नगर निगम के आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि शहर में फैली हुई सरकारी जमीनें और भवन लंबे समय से प्रबंधन की कमी का शिकार रहे हैं। इनमें पार्क, सड़कें, सामुदायिक केंद्र, स्कूल भवन और अन्य सार्वजनिक उपयोग की संपत्तियां शामिल हैं। इनकी संख्या करीब 2200 बताई जा रही है, जो शहर के विभिन्न वार्डों में बिखरी हुई हैं। सर्वे का कार्य जीआईएस तकनीक पर आधारित होगा, जिसमें ड्रोन सर्वे, जीपीएस मैपिंग और मोबाइल ऐप के माध्यम से प्रत्येक संपत्ति का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। निगम के इंजीनियरिंग विभाग और विशेषज्ञ टीम मिलकर यह काम कर रही है। सर्वे में संपत्ति का सटीक स्थान, क्षेत्रफल, वर्तमान स्थिति (जैसे खाली, उपयोग में, कब्जा मुक्त या विवादित), आसपास की सीमाएं और उपयोगिता संबंधी जानकारी शामिल होगी। आयुक्त ने कहा, "यह सर्वे 15 नवंबर से शुरू हो चुका है और 15 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। टीम रोजाना 50-60 संपत्तियों का सर्वे कर रही है।" उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सर्वे के दौरान स्थानीय निवासियों से सहयोग की अपील की गई है, ताकि कोई संपत्ति छूट न जाए।
डिजिटल प्लेटफॉर्म का उद्देश्य; सर्वे पूरा होने के बाद निगम की आधिकारिक वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर एक इंटरएक्टिव जीआईएस मैप लॉन्च किया जाएगा। इस मैप पर नागरिक किसी भी सरकारी संपत्ति की जानकारी आसानी से देख सकेंगे। उदाहरण के लिए:संपत्ति का प्रकार (जमीन, भवन आदि) इसका वर्तमान स्टेटस ,निकटतम लैंडमार्क ,कोई शिकायत दर्ज करने का विकल्प ,यह सुविधा न केवल नागरिकों के लिए सुविधाजनक होगी, बल्कि निगम को भी संपत्तियों के रखरखाव और विकास योजनाओं में मदद मिलेगी। अवैध कब्जों की शिकायतें बढ़ रही हैं, और यह सिस्टम ऐसी समस्याओं का त्वरित समाधान प्रदान करेगा।
लाभ और भविष्य की योजनाएं;
इस पहल से कोटा शहर में पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम होगी। नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "जीआईएस मैपिंग से हम संपत्तियों का बेहतर उपयोग कर सकेंगे। उदाहरणस्वरूप, खाली पड़ी जमीनों पर पार्क या सामुदायिक सुविधाएं विकसित की जा सकती हैं।" भविष्य में, निगम अन्य विभागों जैसे पीडब्ल्यूडी और शिक्षा विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर इस डेटाबेस को विस्तार देगा। साथ ही, नागरिकों को संपत्ति से संबंधित ऑनलाइन आवेदन और अनुमति प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। कोटा के मेयर संजय विश्नोई ने इस सर्वे को "डिजिटल कोटा" की दिशा में एक मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा, "शहरवासी अब घर बैठे सरकारी संपत्तियों की जानकारी ले सकेंगे, जो लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है।"यह कदम राजस्थान सरकार की डिजिटल इंडिया पहल से प्रेरित है, जो स्थानीय स्तर पर ई-गवर्नेंस को मजबूत करने का प्रयास है। सर्वे की प्रगति पर निगम समय-समय पर अपडेट जारी करेगा।