'जॉली एलएलबी 3' रिलीज से पहले विवादों में,अक्षय कुमार और अरशद वारसी को पुणे कोर्ट ने भेजा नोटिस.
'जॉली एलएलबी 3' रिलीज से पहले कोर्ट के चक्कर में फंस गई! अक्षय कुमार और अरशद वारसी की इस कोर्टरूम कॉमेडी पर पुणे सिविल कोर्ट ने समन भेजा है। वकीलों और जजों को 'मामू' कहकर और मजाकिया अंदाज में दिखाने का आरोप है। याचिकाकर्ता इसे न्यायपालिका का अपमान बता रहे हैं और रिलीज पर रोक की मांग कर रहे हैं। 28 अगस्त को कोर्ट में सुनवाई, तब तक फैंस की धड़कनें थमी रहेंगी! क्या जॉली इस बार कोर्ट में जीत पाएंगे?

बॉलीवुड की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'जॉली एलएलबी 3' अपनी रिलीज से पहले ही कानूनी पचड़े में फंस गई है। अक्षय कुमार और अरशद वारसी अभिनीत इस कोर्टरूम ड्रामा-कॉमेडी फिल्म को लेकर पुणे सिविल कोर्ट ने दोनों अभिनेताओं और फिल्म के निर्माताओं को समन जारी किया है। यह विवाद तब शुरू हुआ, जब फिल्म के टीजर में वकीलों और जजों को कथित तौर पर अपमानजनक तरीके से चित्रित करने का आरोप लगा। फिल्म 19 सितंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है, लेकिन उससे पहले 28 अगस्त को कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी।
क्या है विवाद का कारण?
पुणे के वकीलों वाजेद खान (बिडकर) और गणेश म्हस्खे ने फिल्म के खिलाफ एक याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि 'जॉली एलएलबी 3' के टीजर में वकीलों और जजों को अनुचित और अपमानजनक ढंग से दिखाया गया है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि टीजर में वकील जजों को 'मामू' कहकर संबोधित करते हैं, जो न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाता है। इसके अलावा, कोर्टरूम में वकीलों को ऐसे बहस करते दिखाया गया है, जैसे कोई पारिवारिक झगड़ा हो रहा हो, जो पूरे कानूनी समुदाय के लिए अपमानजनक है। याचिकाकर्ताओं ने यह भी मांग की है कि फिल्म की रिलीज पर रोक लगाई जाए, ताकि लीगल प्रोफेशनल्स की छवि को और नुकसान न हो।
कोर्ट का फैसला और समन
12वीं जूनियर डिवीजन के सिविल जज जे.जी. पवार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अक्षय कुमार, अरशद वारसी, डायरेक्टर सुभाष कपूर और फिल्म के निर्माताओं को समन जारी किया है। कोर्ट ने सभी पक्षों को 28 अगस्त 2025 को पेश होने का निर्देश दिया है। याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि फिल्म की रिलीज को तब तक रोका जाए, जब तक कि इस मामले का निपटारा नहीं हो जाता। यह विवाद फिल्म के टीजर रिलीज के बाद और तेज हो गया, जिसमें अक्षय और अरशद को वकीलों के बैंड पहने हुए दिखाया गया, जिसे याचिकाकर्ताओं ने पेशे की गरिमा के खिलाफ बताया।
पहले भी विवादों में रही है फिल्म:l
यह पहली बार नहीं है जब 'जॉली एलएलबी' सीरीज विवादों में फंसी हो। इससे पहले अजमेर में फिल्म की शूटिंग के दौरान भी स्थानीय बार एसोसिएशन ने आपत्ति जताई थी। अजमेर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रभान राठौड़ ने दावा किया था कि फिल्म के पहले दो भागों में भी न्यायपालिका की छवि को धूमिल किया गया था। हालांकि, राजस्थान हाई कोर्ट ने जून 2025 में इस याचिका को खारिज कर दिया था, यह कहते हुए कि केवल आशंकाओं के आधार पर कोई दावा नहीं चल सकता और फिल्म का कंटेंट रिलीज से पहले सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर किसी को फिल्म के दृश्यों से आपत्ति है, तो वे सेंसर बोर्ड में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
फिल्म की कहानी और स्टारकास्ट
'जॉली एलएलबी 3' एक कोर्टरूम ड्रामा-कॉमेडी है, जिसमें अक्षय कुमार और अरशद वारसी दो वकीलों, जगदीश्वर मिश्रा और जगदीश त्यागी (दोनों जॉली के नाम से जाने जाते हैं), के किरदार में हैं। यह फिल्म 'जॉली वर्सेस जॉली' की थीम पर आधारित है, जिसमें दोनों वकील कोर्ट में एक-दूसरे के खिलाफ नोक-झोंक और कानूनी लड़ाई लड़ते नजर आएंगे। सौरभ शुक्ला एक बार फिर जज सुंदरलाल त्रिपाठी की भूमिका में हैं, जबकि हुमा कुरैशी, अमृता राव और गजराज राव जैसे कलाकार भी अहम किरदारों में दिखेंगे। फिल्म का निर्देशन सुभाष कपूर ने किया है, और इसे आलोक जैन व अजीत अंधारे ने प्रोड्यूस किया है।
फिल्म के प्रति उत्साह और चुनौतियां
'जॉली एलएलबी' सीरीज अपनी तीखी सामाजिक टिप्पणी और हास्य के लिए जानी जाती है। पहली फिल्म (2013) में अरशद वारसी और दूसरी फिल्म (2017) में अक्षय कुमार ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया था। दोनों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही थीं। तीसरे भाग में दोनों सितारों की जोड़ी को देखने के लिए फैंस काफी उत्साहित हैं। टीजर को मिली प्रतिक्रिया भी सकारात्मक रही है, जिसमें कैटरीना कैफ और भूमि पेडनेकर जैसे सितारों ने फिल्म को ब्लॉकबस्टर बताया है। हालांकि, मौजूदा विवाद ने फिल्म की रिलीज पर अनिश्चितता का साया डाल दिया है।
अब सभी की निगाहें 28 अगस्त की कोर्ट सुनवाई पर टिकी हैं। यदि कोर्ट याचिकाकर्ताओं के पक्ष में फैसला सुनाता है, तो फिल्म की रिलीज पर रोक लग सकती है, जिससे निर्माताओं को बड़ा झटका लगेगा। दूसरी ओर, अगर कोर्ट इस मामले को खारिज करता है, जैसा कि राजस्थान हाई कोर्ट ने पहले किया था, तो फिल्म तय समय पर रिलीज हो सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह कोर्टरूम ड्रामा असल जिंदगी के कोर्ट में अपनी जीत दर्ज कर पाएगी।