जोधपुर: रेलवे वैगन से डीजल चोरी करने वाली गैंग के दो आरोपी गिरफ्तार, 880 लीटर फ्यूल बरामद
जोधपुर के सालावास रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ ने वैगन से 1500 लीटर डीजल चुराने वाली गैंग के दो आरोपियों को पकड़ा; 880 लीटर डीजल व पिकअप बरामद, तीसरा फरार।
जोधपुर। राजस्थान के जोधपुर जिले में रेलवे की संपत्ति को निशाना बनाने वाली एक चोरी की गैंग का पर्दाफाश हुआ है। रेल सुरक्षा बल (RPF) ने सालावास रेलवे स्टेशन पर खड़े डीजल से भरे वैगन से बड़ी मात्रा में डीजल चोरी करने के आरोप में दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बाड़मेर जिले के मूल निवासी देवेंद्र चौधरी (निवासी सिंघोडीया, सालावास) और अचलाराम (निवासी सालावास रेलवे स्टेशन रोड) के रूप में हुई है। दोनों आरोपियों के खिलाफ रेलवे संपत्ति चोरी का मामला दर्ज कर लिया गया है, जबकि गैंग का तीसरा साथी अभी फरार है और उसकी तलाश जारी है।
चोरी की घटना और RPF की कार्रवाई; घटना जोधपुर के सालावास रेलवे स्टेशन की है, जहां रेलवे का एक वैगन डीजल से लदा हुआ खड़ा था। आरोपियों ने रात के अंधेरे का फायदा उठाकर वैगन से करीब 1500 लीटर डीजल चोरी कर लिया। चोरी की यह वारदात रेलवे की संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाने वाली थी, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 1.35 लाख रुपये आंकी गई है। RPF को गश्त और सूचना के आधार पर इस चोरी की भनक लगी। जांच के दौरान RPF की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को दबोच लिया। पूछताछ में आरोपियों ने चोरी की पूरी वारदात कबूल कर ली और चोरी किए गए डीजल को छिपाने के ठिकानों की जानकारी दी। RPF ने उनके बताए स्थानों पर छापेमारी की, जहां से एक पिकअप वाहन और उसमें भरा हुआ 880 लीटर डीजल बरामद किया गया। बरामद डीजल की कीमत करीब 79,200 रुपये बताई जा रही है। शेष डीजल की तलाश और बाकी संपत्ति की रिकवरी के लिए जांच जारी है।
आरोपियों का प्रोफाइल और गैंग की कार्यप्रणाली; गिरफ्तार दोनों आरोपी बाड़मेर जिले के रहने वाले हैं, लेकिन वर्तमान में सालावास क्षेत्र में ही सक्रिय थे। देवेंद्र चौधरी और अचलाराम ने मिलकर इस चोरी की साजिश रची थी। सूत्रों के अनुसार, यह गैंग रेलवे स्टेशनों पर खड़े मालवाहक वैगनों को निशाना बनाती थी, खासकर डीजल या अन्य ईंधन से लदे वैगनों को। चोरी किया गया डीजल काले बाजार में ऊंचे दामों पर बेचने की योजना थी, जो अवैध तरीके से मुनाफा कमाने का उनका तरीका प्रतीत होता है। RPF अधिकारियों का कहना है कि यह गैंग लंबे समय से रेलवे संपत्ति पर नजर रखे हुए थी। चोरी के लिए वे विशेष उपकरणों का इस्तेमाल करते थे, ताकि वैगन के टैंक से डीजल को आसानी से निकाला जा सके। पिकअप वाहन का उपयोग चोरी का माल ढोने और ठिकानों तक पहुंचाने के लिए किया जाता था। फिलहाल, तीसरे आरोपी की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है और उसके ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।
रेलवे संपत्ति चोरी की बढ़ती समस्या; रेलवे स्टेशनों पर वैगन से ईंधन चोरी की घटनाएं पिछले कुछ समय से बढ़ी हैं, जो न केवल रेलवे को आर्थिक नुकसान पहुंचाती हैं बल्कि ट्रेनों के संचालन में भी बाधा डालती हैं। RPF ने इस मामले में सतर्कता बरतते हुए अन्य संभावित ठिकानों पर निगरानी बढ़ा दी है। अधिकारियों ने रेलवे कर्मचारियों और स्थानीय लोगों से ऐसी किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत देने की अपील की है।