जोधपुर में AIIMS रेजिडेंट डॉक्टर से मारपीट,जल्द एक्स-रे का दबाव बनाना पड़ा भारी, आरोपी गिरफ्तार
जोधपुर के एम्स अस्पताल में एक रेजिडेंट डॉक्टर के साथ मारपीट का मामला सामने आया, जब एक व्यक्ति ने जल्द एक्स-रे करवाने का दबाव बनाया। बासनी थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। घटना ने चिकित्सकों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं।

जोधपुर के बासनी थाना क्षेत्र में एक सनसनीखेज घटना सामने आई है, जहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एक रेजिडेंट डॉक्टर के साथ मारपीट का मामला सामने आया। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना तब हुई जब एक व्यक्ति ने डॉक्टर पर जल्द से जल्द एक्स-रे करवाने का दबाव बनाया और बात न मानने पर हाथापाई शुरू कर दी।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, यह घटना जोधपुर के एम्स अस्पताल में हुई। एक मरीज या उसके परिजन ने रेजिडेंट डॉक्टर से किसी मरीज का एक्स-रे तुरंत करवाने की मांग की। जब डॉक्टर ने प्रोटोकॉल के तहत प्रक्रिया का पालन करने की बात कही, तो आरोपी ने नाराजगी जाहिर करते हुए डॉक्टर के साथ बदतमीजी शुरू कर दी। देखते ही देखते मामला इतना बढ़ गया कि आरोपी ने डॉक्टर के साथ मारपीट कर दी। इस घटना से अस्पताल में हड़कंप मच गया और अन्य स्टाफ ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।बासनी थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और आरोपी को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच शुरू की और आरोपी के खिलाफ मारपीट और चिकित्सक के साथ दुर्व्यवहार का मामला दर्ज किया। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि आरोपी ने जल्द एक्स-रे करवाने के लिए डॉक्टर पर अनुचित दबाव बनाया था, जिसके बाद विवाद बढ़ा।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
बासनी थाना पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। साथ ही, यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। पुलिस ने अस्पताल प्रशासन से भी सहयोग मांगा है ताकि चिकित्सकों की सुरक्षा को और मजबूत किया जा सके।
चिकित्सकों में आक्रोश, मांगें बढ़ीं
इस घटना के बाद एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों में आक्रोश देखा जा रहा है। कई डॉक्टरों ने इस घटना की निंदा करते हुए अस्पतालों में चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए और सख्त कदम उठाने की मांग की है। उनका कहना है कि मरीजों और उनके परिजनों द्वारा इस तरह की हिंसक घटनाएं चिकित्सा सेवाओं को प्रभावित करती हैं और डॉक्टरों के मनोबल को कम करती हैं।
अस्पताल प्रशासन का बयान
एम्स प्रशासन ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और कहा है कि वे अपने कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं। प्रशासन ने पुलिस के साथ मिलकर इस मामले की पूरी जांच करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने का आश्वासन दिया है। साथ ही, मरीजों और उनके परिजनों से अपील की गई है कि वे चिकित्सकों के साथ सहयोग करें और अस्पताल के नियमों का पालन करें।
समाज में उठ रहे सवाल
यह घटना एक बार फिर समाज में चिकित्सकों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर रही है। आखिर क्यों मरीजों के परिजन या मरीज स्वयं चिकित्सकों पर इस तरह का दबाव बनाते हैं? विशेषज्ञों का मानना है कि अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के साथ-साथ लोगों में जागरूकता फैलाने की जरूरत है
जोधपुर के इस मामले ने एक बार फिर चिकित्सकों की सुरक्षा और उनके साथ होने वाले दुर्व्यवहार पर चर्चा को तेज कर दिया है। बासनी थाना पुलिस की त्वरित कार्रवाई से आरोपी को तो गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन यह घटना समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि चिकित्सकों के प्रति सम्मान और उनकी सुरक्षा को कैसे सुनिश्चित किया जाए। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कानूनों के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता की भी जरूरत है।