जवाई बांध के गेट खोले गए, तेज बारिश से बढ़ी पानी की आवक....

पश्चिमी राजस्थान का 'मरूसागर' जवाई बांध फिर चर्चा में है! भारी बारिश ने जवाई नदी को उफान पर ला दिया, जिससे बांध का जलस्तर 60 फीट के करीब पहुंच गया। प्रशासन ने तुरंत एक्शन लिया और सितंबर में चौथी बार, इतिहास में दसवीं बार, बांध के तीन गेट खोले—गेट नंबर 2 और 4 को दो-दो फीट, गेट नंबर 10 को एक फीट। पानी का तेज प्रवाह देखने के लिए लोग उमड़ पड़े। कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत और आहोर विधायक छगन सिंह राजपुरोहित समेत अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। यह नजारा न केवल जल प्रबंधन की जीत है, बल्कि मारवाड़-गोड़वाड़ के लिए खुशी का पल भी है, जो बांध की जीवनरेखा पर निर्भर है।

Sep 6, 2025 - 16:23
जवाई बांध के गेट खोले गए, तेज बारिश से बढ़ी पानी की आवक....

पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े जवाई बांध में तेज बारिश के कारण पानी की आवक बढ़ने से प्रशासन ने बांध के तीन गेट खोल दिए। यह इस सितंबर महीने में चौथी बार और 1957 में बांध के निर्माण के बाद से दसवीं बार है जब इसके गेट खोले गए हैं। गेट खोलने की प्रक्रिया को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग बांध पर पहुंचे।

तेज बारिश और बढ़ता जलस्तर 

मौसम विभाग की चेतावनी के बाद मारवाड़ और गोड़वाड़ क्षेत्र में भारी बारिश का दौर जारी है। सुमेरपुर, बाली, देसूरी, मुंडारा, सादड़ी, तखतगढ़, नाना, बेड़ा, चामुंडेरी, कोठार, भाटुंद सहित जवाई बांध के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश ने जवाई नदी और इसकी सहायक नदियों भाटुंद व बेड़ा में पानी की आवक को तेज कर दिया। इसके परिणामस्वरूप, जवाई बांध का जलस्तर तेजी से बढ़ा और गेज 60 फीट के करीब पहुंच गया।

गेट खोलने की प्रक्रिया 

जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया। दोपहर 2:00 बजे गेट खोलने की तैयारियां शुरू की गईं। इस दौरान कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत, आहोर विधायक छगन सिंह राजपुरोहित, जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता राज भंवरायत, सहायक अभियंता अक्षय कुमावत, कनिष्ठ अभियंता राकेश प्रजापत सहित कई वरिष्ठ अधिकारी जवाई बांध पर मौजूद रहे। गेट नंबर 2 और 4 को दो-दो फीट, जबकि गेट नंबर 10 को एक फीट खोला गया। कुल तीन गेट खोलकर जवाई नदी में पानी का प्रवाह शुरू किया गया।

जवाई बांध का महत्व और इतिहास 

जवाई बांध, जिसे पश्चिमी राजस्थान का 'मरूसागर' भी कहा जाता है, पाली और जालोर जिलों के लिए जीवनरेखा है। यह बांध 1957 में बनकर तैयार हुआ था और तब से यह क्षेत्र की सिंचाई और पेयजल जरूरतों को पूरा करता रहा है। बांध की कुल भराव क्षमता 61.25 फीट (7887.5 मिलियन क्यूबिक फीट) है, जो पाली जिले के 33 और जालोर जिले के 24 गांवों में लगभग 38,671 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई करता है। इसके अलावा, यह नौ कस्बों को पेयजल आपूर्ति भी प्रदान करता है। पिछले रिकॉर्ड के अनुसार, 1973, 1975, 1990, 1992, 1994, 2006, 2016, 2017, 2023 और अब 2025 में बांध के गेट खोले गए हैं। इस बार सितंबर में चौथी बार गेट खोलने की नौबत भारी बारिश और सेई बांध से लगातार हो रही पानी की आवक के कारण आई।

प्रशासन की सतर्कता और प्रभाव 

जवाई बांध के गेट खोलने से जवाई नदी में पानी का तेज प्रवाह शुरू हो गया है, जिससे नदी के आसपास के क्षेत्रों में सतर्कता बरती जा रही है। प्रशासन ने जवाई नदी के किनारे बसे गांवों में रहने वाले लोगों को सावधान रहने की हिदायत दी है। गेट खोलने से न केवल बांध का जलस्तर नियंत्रित होगा, बल्कि आसपास के कुओं और जलस्रोतों का रिचार्ज होने से किसानों को भी लाभ होगा।

लोगों का उत्साह 

गेट खोलने की प्रक्रिया को देखने के लिए स्थानीय लोग और पर्यटक बड़ी संख्या में जवाई बांध पहुंचे। बांध से पानी के तेज प्रवाह का नजारा देखने लायक था, और लोगों ने इसे एक यादगार पल के रूप में देखा। जवाई बांध न केवल जल संरक्षण का केंद्र है, बल्कि यह पर्यटन स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध है, जहां आसपास के बैकवाटर क्षेत्र में लेपर्ड सफारी भी आयोजित की जाती है।

मौसम का पूर्वानुमान 

मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक पश्चिमी राजस्थान में बारिश की संभावना बनी हुई है। जोधपुर, पाली, जालोर, सिरोही और बाड़मेर जैसे जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, जिससे बांध में पानी की आवक और बढ़ सकती है। जवाई बांध के गेट खुलने से जहां एक ओर क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर किसानों और स्थानीय लोगों के लिए यह राहत और खुशी का विषय बना हुआ है।