जैसलमेर बॉर्डर पर संदिग्ध ड्रोन बरामद: नहरी इलाके के खेत में गिरा, सुरक्षा एजेंसियों ने बढ़ाई सतर्कता
जैसलमेर के रामगढ़ क्षेत्र के नहरी इलाके में खेत में एक संदिग्ध ड्रोन मिला। किसान ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद वायुसेना, सेना और बीएसएफ की टीम मौके पर पहुंची। ड्रोन को जांच के लिए ले जाया गया, पाकिस्तान से जासूसी का शक।
जैसलमेर, 20 नवंबर 2025: भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे जैसलमेर जिले के रामगढ़ क्षेत्र में नहरी इलाके के एक खेत में एक संदिग्ध ड्रोन के गिरने की घटना ने सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर ला खड़ा किया है। स्थानीय किसान द्वारा दोपहर करीब 2 बजे खोजे गए इस ड्रोन को देखते ही पुलिस, भारतीय वायुसेना और सेना के अधिकारी मौके पर पहुंचे। प्रारंभिक जांच में इसे पाकिस्तान की ओर से उड़ाए गए जासूसी ड्रोन का संदेह जताया जा रहा है, हालांकि आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है।
घटना का पूरा विवरण; रामगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नेहरू नहरी इलाके में स्थित एक कृषि खेत में यह घटना घटी। सूत्रों के अनुसार, दोपहर के समय खेतों में काम कर रहे स्थानीय किसान ने आसमान से एक अजीब सी आवाज सुनी। जांच करने पर उन्हें खेत के बीचों-बीच एक मॉडर्न लुक वाला ड्रोन पड़ा मिला, जो क्षतिग्रस्त अवस्था में था। किसान ने तुरंत इसकी सूचना रामगढ़ थाने को दी, जिसके बाद पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर इलाके को घेर लिया।पुलिस के साथ-साथ भारतीय वायुसेना (IAF) की एक विशेष यूनिट और सेना के बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के अधिकारी भी कुछ ही मिनटों में घटनास्थल पर पहुंच गए। ड्रोन को सावधानीपूर्वक सुरक्षित कर लिया गया है और इसे जैसलमेर के नजदीकी एयरबेस पर ले जाया गया, जहां तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा इसकी फॉरेंसिक जांच की जा रही है। प्रारंभिक आंकलण से पता चला है कि ड्रोन की रेंज लगभग 10-15 किलोमीटर थी और यह संभवतः सीमा पार से उड़ान भरकर यहां क्रैश लैंड हुआ। ड्रोन पर लगे कैमरे और सेंसरों से जासूसी का शक है, लेकिन कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली है।
सुरक्षा एजेंसियों की प्रतिक्रिया; घटना की सूचना मिलते ही जैसलमेर के सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया। BSF ने सीमा पर गश्त बढ़ा दी है, जबकि वायुसेना ने अपनी रडार सिस्टम को हाई अलर्ट मोड में डाल दिया। स्थानीय पुलिस अधीक्षक (SP) करण सिंह ने बताया, "यह एक संवेदनशील मामला है। ड्रोन की जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। हम सीमावर्ती गांवों के किसानों से अपील करते हैं कि ऐसी किसी भी संदिग्ध वस्तु को देखें तो तुरंत सूचना दें।" वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हाल के दिनों में ऐसी घटनाओं में वृद्धि हुई है, जो पाकिस्तान की ओर से की जा रही घुसपैठ की कोशिशों का हिस्सा हो सकती हैं।
पृष्ठभूमि: बार-बार हो रही ऐसी घटनाएं जैसलमेर सीमा पर ड्रोन की घुसपैठ कोई नई बात नहीं है। पिछले एक वर्ष में यहां कम से कम 5-6 ऐसी घटनाएं दर्ज की जा गई हैं, जहां पाकिस्तानी ड्रोन हथियारों या जासूसी उपकरणों के साथ पकड़े गए। जुलाई 2025 में रामगढ़ के ही एक गांव में एक ड्रोन से हथगोले गिराए गए थे, जिसके बाद केंद्र सरकार ने सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए विशेष अभियान चलाया था। विशेषज्ञों का मानना है कि ये ड्रोन कम लागत वाले क्वाडकॉप्टर मॉडल हैं, जो रात के अंधेरे में आसानी से सीमा पार कर जाते हैं। इस घटना ने एक बार फिर भारत सरकार को ड्रोन डिटेक्शन तकनीक को अपग्रेड करने की आवश्यकता पर जोर देने का मौका दिया है।
आगे की जांच और प्रभाव;
वर्तमान में ड्रोन को लैब में भेजा गया है, जहां उसके GPS डेटा, फ्लाइट पाथ और कंट्रोल सिग्नल की जांच की जा रही है। यदि यह पाकिस्तान से संचालित साबित होता है, तो कूटनीतिक स्तर पर भी मामला उठाया जा सकता है। स्थानीय किसान समुदाय में चिंता का माहौल है, लेकिन प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि स्थिति नियंत्रण में है। रामगढ़ और आसपास के गांवों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, ताकि लोग ऐसी घटनाओं पर तुरंत रिपोर्ट करें।