जयपुर में फिर दहशत: सिविल लाइंस के बाद विद्याधर नगर में लेपर्ड ने की बछड़े की हत्या, वन विभाग सतर्क

जयपुर के विद्याधर नगर सेक्टर-10 में मंगलवार देर रात तेंदुए ने एक बछड़े का शिकार कर दिया। महज 6 दिन पहले सिविल लाइंस में कैबिनेट मंत्री के बंगले व स्कूल में घुस चुके तेंदुए के बाद फिर शहर में दहशत। वन विभाग ने पगमार्क्स के आधार पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया।

Nov 26, 2025 - 12:35
जयपुर में फिर दहशत: सिविल लाइंस के बाद विद्याधर नगर में लेपर्ड ने की बछड़े की हत्या, वन विभाग सतर्क

जयपुर, 26 नवंबर 2025: राजधानी जयपुर के रिहायशी इलाकों में तेंदुए की घुसपैठ का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। मंगलवार की देर रात करीब 2 बजे विद्याधर नगर के सेक्टर 10 में एक तेंदुए ने एक बछड़े का शिकार कर लिया। स्थानीय निवासियों को इस घटना की जानकारी सुबह होते ही हुई, जिसके बाद इलाके में दहशत फैल गई। वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर पगमार्क्स के आधार पर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। यह घटना तब हुई जब महज छह दिन पहले, 20 नवंबर को सिविल लाइंस इलाके में एक तेंदुए ने कैबिनेट मंत्री के बंगले के आसपास मूवमेंट किया था और उसके बाद एक स्कूल में घुस गया था। उस समय काफी मशक्कत के बाद वनकर्मियों ने तेंदुए को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ा था।

विद्याधर नगर में रात का सन्नाटा, सुबह खौफनाक नजारा विद्याधर नगर सेक्टर 10 एक व्यस्त रिहायशी इलाका है, जहां परिवारों के साथ-साथ पशुपालन भी आम है। मंगलवार रात को जब अधिकांश लोग गहरी नींद में थे, तभी एक तेंदुआ इस क्षेत्र में घुस आया। स्थानीय किसान रामलाल मीणा ने बताया, "सुबह जब मैंने अपने बाड़े की ओर नजर डाली तो बछड़ा खून से लथपथ पड़ा था। उसके गले पर गहरे निशान थे, जो साफ बता रहे थे कि यह किसी जंगली जानवर का हमला है। रात में हमें कोई आवाज नहीं सुनाई दी, लेकिन अब सब डर के साये में जी रहे हैं।" बछड़े का शव मौके पर ही पड़ा मिला, और आसपास के खेतों में तेंदुए के पगमार्क्स की मौजूदगी ने वन विभाग को अलर्ट कर दिया।निवासी ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा, "यहां स्कूल, पार्क और बाजार सब पास-पास हैं। बच्चे रोजाना खेलते हैं, अगर तेंदुआ फिर आया तो क्या होगा? प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।" इलाके में करीब 500 से अधिक परिवार रहते हैं, और इस घटना के बाद महिलाएं और बच्चे घर से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं। स्थानीय बाजार भी सुबह से ही सन्नाटे में डूबा रहा।

वन विभाग की तत्परता: सर्च ऑपरेशन और ट्रैपिंग की तैयारी वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टीम ने तुरंत सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। "पगमार्क्स से लगता है कि यह वही तेंदुआ हो सकता है जो सिविल लाइंस से भागा था। हमने कैमरा ट्रैप्स लगाए हैं और डॉग स्क्वायड को भी बुला लिया गया है। ट्रेंकुलाइजर गन के साथ टीमें राउंड द क्लॉक तैनात हैं।" विभाग ने निवासियों को सलाह दी है कि रात में अकेले न घूमें, पशुओं को सुरक्षित रखें और किसी संदिग्ध आवाज पर तुरंत 100 नंबर पर कॉल करें।यह इलाका नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के करीब होने के कारण जंगली जानवरों के लिए आसान शिकार का मैदान बन गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि शहरीकरण के कारण तेंदुए आवासीय क्षेत्रों की ओर बढ़ रहे हैं, जहां उन्हें भोजन आसानी से मिल जाता है। वन विभाग ने पिछले एक साल में जयपुर में 15 से अधिक तेंदुओं को पकड़ने का दावा किया है, लेकिन घटनाओं का सिलसिला जारी है।छह दिन पहले की घटना: मंत्री के बंगले से स्कूल तक दहशतमात्र छह दिन पहले, 20 नवंबर को सिविल लाइंस क्षेत्र में एक तेंदुए का मूवमेंट कैमरों में कैद हुआ था। यह तेंदुआ सीधे कैबिनेट मंत्री के आधिकारिक बंगले के बगीचे में घुस गया, जिससे सुरक्षा कर्मियों में हड़कंप मच गया। मंत्री के स्टाफ ने तुरंत वन विभाग को सूचना दी। इसके बाद तेंदुआ बंगले से निकलकर पास के एक प्राइवेट स्कूल में घुस गया, जहां सुबह की तैयारी कर रहे स्टाफ ने उसे देख लिया।स्कूल प्रिंसिपल ने उस समय कहा था, "बच्चे आने वाले थे, लेकिन हमने तुरंत छुट्टी घोषित कर दी। तेंदुए ने क्लासरूम के बाहर घंटों छिपे रहने का प्रयास किया।" वनकर्मियों ने तीन घंटे की मशक्कत के बाद तेंदुए को ट्रेंकुलाइज किया और उसे जंगल में छोड़ दिया। इस घटना के बाद सिविल लाइंस में भी सतर्कता बरती जा रही थी, लेकिन अब विद्याधर नगर में नया खतरा पैदा हो गया है।

विशेषज्ञों की राय: शहरीकरण और संरक्षण का द्वंद्व जयपुर के वन्यजीव विशेषज्ञ  ने कहा, "तेंदुए प्राकृतिक शिकारी हैं, लेकिन शहर के कचरे और खुले पशु बाड़ों से उन्हें आकर्षण मिलता है। हमें आवासीय क्षेत्रों के आसपास फेंसिंग और जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।" पर्यावरण कार्यकर्ता मीरा सिंह ने मांग की है कि सरकार तेंदुओं के लिए कॉरिडोर बनाए, ताकि वे शहर की ओर न आएं।