भारत पाकिस्तान सीमा पर स्थित चार राज्यों में कल मॉक ड्रिल आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त रणनीति
भारत सरकार ने पाकिस्तान से सटे चार राज्यों—जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात—में गुरुवार शाम मॉक ड्रिल आयोजित करने का आदेश दिया है। यह ड्रिल सुरक्षा व्यवस्था को परखने और नागरिकों को आपात स्थिति के लिए तैयार करने के लिए है। भारत-पाकिस्तान के बीच 3,300 किमी लंबी सीमा पर तनाव के बीच यह कदम उठाया गया है। पहले 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया था, और अब 12 और ठिकानों को निशाना बनाने की योजना है। शुक्रवार को भी मॉक ड्रिल की चेतावनी जारी हो सकती है। नागरिकों से सतर्कता और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है।

भारत सरकार ने पाकिस्तान से सटे चार राज्यों—जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात—में गुरुवार को मॉक ड्रिल आयोजित करने का आदेश जारी किया है। इन राज्यों की सीमाएँ पाकिस्तान के साथ लगती हैं, जहाँ भारत और पाकिस्तान के बीच 3,300 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा है। जम्मू-कश्मीर के साथ लगने वाली सीमा को नियंत्रण रेखा (LoC) कहा जाता है, जबकि पंजाब, राजस्थान और गुजरात की सीमाएँ अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) के रूप में जानी जाती हैं। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को परखना और नागरिकों को किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार करना है। लोगों से इस दौरान सतर्क और जागरूक रहने की अपील की गई है।
मॉक ड्रिल का मकसद और इसकी अहमियत
यह मॉक ड्रिल ऐसे समय में हो रही है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल बना हुआ है। यह ड्रिल सुरक्षा बलों की तत्परता को परखने और आपातकालीन परिस्थितियों में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आयोजित की जा रही है। केंद्र सरकार ने पहले भी 7 मई को देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया था, लेकिन उसी रात भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर सटीक सैन्य कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया, जिसमें नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर कई आतंकवादियों को ढेर किया गया।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ भारत की आक्रामक रणनीति
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के भीतरी इलाकों में आतंकी ठिकानों को नष्ट करने की रणनीति अपनाई है। इस ऑपरेशन में अब तक कई आतंकवादी मारे गए हैं, और सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के 12 और आतंकी ठिकानों की सूची तैयार की गई है। भारत का लक्ष्य आतंकवाद की जड़ों को पूरी तरह खत्म करना है, और इसके लिए सैन्य और रणनीतिक स्तर पर व्यापक अभियान चलाया जा रहा है।
गुरुवार को होने वाली मॉक ड्रिल में सुरक्षा बलों के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन और नागरिकों को शामिल किया जाएगा। यह ड्रिल सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करने का हिस्सा है। इसके तहत लोगों को आपात स्थिति में क्या करना चाहिए, इसकी जानकारी दी जाएगी। साथ ही, सुरक्षा बलों की तैनाती, संचार व्यवस्था और त्वरित प्रतिक्रिया की रणनीति को भी परखा जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने संकेत दिए हैं कि मॉक ड्रिल की चेतावनी जारी की जा सकती है। यह कदम भारत की सीमाओं पर बढ़ते खतरों और आतंकवादी गतिविधियों को देखते हुए उठाया जा रहा है। सरकार का यह कदम न केवल सुरक्षा बलों को तैयार रखने के लिए है, बल्कि आम जनता को भी किसी भी अप्रिय स्थिति के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करने का प्रयास है।
भारत-पाकिस्तान सीमा: तनाव का केंद्र
भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से तनावपूर्ण रिश्ते रहे हैं। नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अक्सर तनाव की स्थिति बनी रहती है। पाकिस्तान द्वारा समर्थित आतंकवादी गतिविधियाँ और सीमा पार से घुसपैठ की कोशिशें भारत के लिए बड़ी चुनौती रही हैं। ऐसे में भारत सरकार की यह सख्त रणनीति और मॉक ड्रिल जैसे कदम देश की सुरक्षा को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।
नागरिकों से अपील
सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे मॉक ड्रिल के दौरान घबराएँ नहीं और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें। साथ ही, किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को देने की सलाह दी गई है।