पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राजस्थान विधायक पेंशन के लिए आवेदन किया, दिल्ली में सरकारी बंगला आवंटित

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राजस्थान विधानसभा में पूर्व विधायक पेंशन के लिए आवेदन किया, जिससे उन्हें कुल 2,73,000 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी। दिल्ली में सरकारी बंगला आवंटित हुआ, लेकिन शिफ्टिंग में 3-4 महीने लग सकते हैं।

Aug 30, 2025 - 14:13
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राजस्थान विधायक पेंशन के लिए आवेदन किया, दिल्ली में सरकारी बंगला आवंटित

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में राजस्थान विधानसभा सचिवालय में पूर्व विधायक के तौर पर पेंशन के लिए दोबारा आवेदन किया है। धनखड़ 1993 से 1998 तक किशनगढ़ से कांग्रेस के विधायक रहे थे। उस दौरान उन्हें जुलाई 2019 तक पेंशन मिलती रही, लेकिन पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बनने के बाद उनकी पेंशन बंद हो गई थी। अब उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने फिर से पेंशन शुरू करने के लिए आवेदन किया है।

धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा दे दिया था। विधानसभा सचिवालय ने उनके आवेदन पर प्रक्रिया शुरू कर दी है। नियमों के अनुसार, जैसे ही उनका इस्तीफा मंजूर हुआ, उसी तारीख से उनकी पूर्व विधायक की पेंशन शुरू हो जाएगी।

पेंशन की प्रक्रिया और नियम

राजस्थान विधानसभा के नियमों के मुताबिक, जैसे ही कोई पूर्व विधायक किसी सरकारी पद पर नियुक्त होता है या मंत्री बनता है, उसकी पेंशन बंद हो जाती है। इसके लिए विधानसभा सचिवालय को तय प्रारूप में सूचना देनी होती है। सरकारी पद का कार्यकाल पूरा होने के बाद, पूर्व विधायक को फिर से पेंशन शुरू करने के लिए आवेदन करना पड़ता है। धनखड़ ने भी इसी प्रक्रिया का पालन करते हुए आवेदन किया है।

धनखड़ को तीन तरह की पेंशन मिलने वाली हैं—पूर्व उपराष्ट्रपति, पूर्व सांसद और पूर्व विधायक के तौर पर। पूर्व राज्यपाल के रूप में कोई पेंशन नहीं मिलती, इसलिए उन्हें इस हैसियत से कोई राशि नहीं मिलेगी।

कितनी मिलेगी पेंशन?

राजस्थान में पूर्व विधायक को 35,000 रुपये मासिक पेंशन मिलती है। अगर विधायक ने एक से ज्यादा टर्म पूरे किए हों, तो हर टर्म के बाद पेंशन में 1,600 रुपये की बढ़ोतरी होती है। उदाहरण के लिए, एक बार के विधायक को 35,000 रुपये, दो बार के विधायक को 42,000 रुपये और तीन बार के विधायक को 50,000 रुपये मिलते हैं। अगर पूर्व विधायक की उम्र 70 साल से ज्यादा है, तो पेंशन में 20% का इजाफा होता है।

धनखड़ एक बार विधायक रहे हैं और उनकी उम्र 75 साल है। इसलिए उन्हें 35,000 रुपये की पेंशन में 20% अतिरिक्त जोड़कर 42,000 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी। इसके अलावा, पूर्व उपराष्ट्रपति के तौर पर उन्हें करीब 2 लाख रुपये और पूर्व सांसद के तौर पर 31,000 रुपये की पेंशन मिलेगी। इस तरह, कुल मिलाकर धनखड़ को हर महीने लगभग 2,73,000 रुपये की पेंशन मिलेगी।

दिल्ली में नया ठिकाना, लेकिन अभी इंतजार

उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद धनखड़ को दिल्ली में सरकारी बंगला आवंटित किया गया है। यह बंगला पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम मार्ग पर स्थित है। हालांकि, अभी इस बंगले में एक केंद्रीय मंत्री रह रहे हैं। उनके बंगला खाली करने और रेनोवेशन के बाद ही धनखड़ वहां शिफ्ट हो पाएंगे। इस प्रक्रिया में 3-4 महीने लग सकते हैं।

तब तक के लिए सरकार अस्थायी आवास की व्यवस्था कर रही है, ताकि 9 सितंबर को नए उपराष्ट्रपति के चुनाव से पहले धनखड़ को वहां शिफ्ट किया जा सके। इसके अलावा, पूर्व उपराष्ट्रपति को 2,000 वर्ग गज तक का किराए का आवास भी दिया जा सकता है, जो दिल्ली या किसी अन्य शहर में हो सकता है।

धनखड़ का मौन और भविष्य की योजनाएं

पिछले 40 दिनों से जगदीप धनखड़ सार्वजनिक तौर पर मौन हैं। उनके परिवार ने उनकी सेहत को लेकर कोई जानकारी साझा नहीं की है, बस इतना कहा है कि वह इन दिनों आराम कर रहे हैं। हाल ही में राजस्थान से एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने गया था, लेकिन उन्होंने अपने भविष्य की योजनाओं पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

उनके अचानक इस्तीफे को लेकर कई तरह की अटकलें लग रही हैं। सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या धनखड़ राजस्थान लौटेंगे या दिल्ली में ही रहेंगे? फिलहाल, सरकार ने प्रोटोकॉल के तहत उन्हें दिल्ली में टाइप-8 बंगला आवंटित किया है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .