"केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के पिता दाऊलाल वैष्णव का निधन, जोधपुर में अंतिम संस्कार में शामिल होंगे मुख्यमंत्री"

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के पिता दाऊलाल वैष्णव का 8 जुलाई 2025 को जोधपुर में निधन हो गया। जोधपुर के कागा श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार , राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा होंगे शामिल ।

Jul 8, 2025 - 17:45
Jul 8, 2025 - 18:44
"केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के पिता दाऊलाल वैष्णव का निधन, जोधपुर में अंतिम संस्कार में शामिल होंगे मुख्यमंत्री"

जोधपुर: केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के पिता दाऊलाल वैष्णव का आज सुबह 8 जुलाई 2025 को जोधपुर के एम्स अस्पताल में 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से अस्वस्थ थे और उनकी हालत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सुबह 11:52 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।

 रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, जो अपने पिता से गहरा लगाव रखते थे, , जहां वे अपने पिता के अंतिम क्षणों में उनके पास मौजूद रहे। दाऊलाल वैष्णव, जो पाली जिले के जीवंद कला गांव के मूल निवासी थे, जोधपुर में रातानाडा के महावीर कॉलोनी में रहते थे। वे पूर्व सरपंच, प्रतिष्ठित वकील और कर सलाहकार थे, जिन्होंने सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय योगदान दिया।

आज दोपहर बाद जोधपुर के कागा स्थित वैष्णव समाज श्मशान घाट में दाऊलाल वैष्णव का अंतिम संस्कार किया जा रहा है, जहां उनका पार्थिव देह कुछ ही देर में पंचतत्व में विलीन हो जाएगा। इस भावुक क्षण में परिवार, रिश्तेदारों और समाज के गणमान्य लोगों के साथ-साथ कई राजनीतिक और प्रशासनिक हस्तियां मौजूद हैं।

 राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा विशेष हेलीकॉप्टर से होकर रेल मंत्री और उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर सकें। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, "माननीय केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के पिताजी श्री दाऊलाल वैष्णव के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें।"

इस दुखद घटना पर राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। जोधपुर और पाली में शोक की लहर है, और सोशल मीडिया पर लोग दाऊलाल वैष्णव को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

 यह क्षण न केवल वैष्णव परिवार के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए भावुक और दुखद है, क्योंकि दाऊलाल वैष्णव ने अपने कार्यों और सामाजिक योगदान से सभी के दिलों में जगह बनाई थी।