दहेज की आग में जली बेटी: शरीर पर लिखा ससुराल की सताई दर्दनाक कहानी
दहेज उत्पीड़न और ससुराल वालों की क्रूरता से तंग 24 वर्षीय विवाहिता ने कीटनाशक निगलकर आत्महत्या की, शरीर पर लिखे सुसाइड नोट में पति और ससुराल वालों को ठहराया जिम्मेदार।

उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के रठौड़ा गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां दहेज उत्पीड़न और ससुराल वालों की प्रताड़ना से तंग आकर 24 वर्षीय मनीषा ने कीटनाशक निगलकर आत्महत्या कर ली। मंगलवार (15 जुलाई 2025) की रात हुई इस दुखद घटना ने न केवल मनीषा के परिवार, बल्कि पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है। मनीषा ने अपनी जान देने से पहले अपने हाथ, पैर और पेट पर मार्कर पेन से सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उसने अपनी मौत के लिए पति कुंदन, सास, ससुर और दो देवरों को जिम्मेदार ठहराया। इसके अलावा, एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें मनीषा ने अपने साथ हुए अत्याचारों की दर्दनाक कहानी बयां की है।
शादी के बाद शुरू हुआ दहेज का दबाव
मनीषा की शादी 26 नवंबर 2023 को गाजियाबाद जिले के सिद्धिपुर गांव निवासी कुंदन, पुत्र किशन, के साथ हिंदू रीति-रिवाजों से हुई थी। मनीषा के पिता तेजवीर सिंह, जो गाजियाबाद में एमसीडी में कर्मचारी हैं, ने बताया कि शादी में उन्होंने 20 लाख रुपये खर्च किए और दहेज में एक बुलेट बाइक भी दी थी। लेकिन शादी के महज पांच महीने बाद ही ससुराल वालों ने दहेज में थार गाड़ी और लाखों रुपये की मांग शुरू कर दी। मांग पूरी न होने पर मनीषा के साथ शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना शुरू हो गई।
मनीषा के भाई विवेक ने बताया कि ससुराल वाले और विशेष रूप से पति कुंदन शराब पीकर मनीषा को कमरे में बंद करके मारपीट करते थे। उसे कई दिनों तक भूखा रखा जाता था और जानवरों की तरह व्यवहार किया जाता था। मनीषा ने अपने सुसाइड नोट में यह भी लिखा कि उसका दो बार जबरन गर्भपात कराया गया, जिसने उसे शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह तोड़ दिया।
मायके में भी नहीं मिला सुकून
जुलाई 2024 में मनीषा के पिता तेजवीर उसे ससुराल से अपने मायके रठौड़ा ले आए, लेकिन ससुराल वालों ने उसका पीछा नहीं छोड़ा। मनीषा पिछले एक साल से अपने मायके में रह रही थी, लेकिन ससुराल पक्ष फोन पर लगातार थार गाड़ी और नकदी की मांग करता रहा। चार दिन पहले ससुराल पक्ष के 20-25 लोग रठौड़ा आए और तलाक के लिए पंचायत बुलाई गई। इस पंचायत में रिश्तेदारों और गांव के लोगों की मौजूदगी में तलाक पर सहमति बन गई थी, लेकिन मनीषा ने साफ कहा कि जब तक दहेज का सामान और शादी का खर्च वापस नहीं किया जाएगा, वह तलाक के कागजों पर हस्ताक्षर नहीं करेगी।
मनीषा के भाई हार्दिक ने बताया कि इस घटना के बाद से मनीषा गहरे अवसाद में चली गई थी। वह अक्सर उदास रहती थी और अपने भविष्य को लेकर चिंतित थी। मंगलवार की रात, जब परिवार के सभी सदस्य—मां सुनीता, भाई नीरज, रितिक, हार्दिक और बाबा जयभगवान—सो रहे थे, मनीषा ने घर में रखी गेहूं के लिए इस्तेमाल होने वाली जहरीली दवा (कीटनाशक) निगल ली।
सुसाइड नोट और वीडियो ने खोली ससुराल की क्रूरता
बुधवार की सुबह जब मनीषा की मां सुनीता उसे जगाने गईं, तो वह चारपाई पर मृत पड़ी थी। परिवार वालों ने जब उसका शरीर देखा, तो उनके होश उड़ गए। मनीषा ने अपने हाथ, पैर और पेट पर मार्कर से सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उसने अपने पति कुंदन, सास, ससुर और दो देवरों—दीपक और विशाल—पर गंभीर आरोप लगाए। नोट में मनीषा ने लिखा, “मेरी मौत का जिम्मेदार मेरा पति कुंदन और उसका परिवार है। उन्होंने मुझे मारपीट की, भूखा रखा, और मेरे गर्भवती होने पर जबरन गर्भपात कराया। ससुराल वाले रठौड़ा आकर मेरे पूरे परिवार को खत्म करने की धमकी देकर गए हैं।”
इसके साथ ही, मनीषा का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वह रोते हुए अपने साथ हुए अत्याचारों का जिक्र कर रही है। वीडियो में उसने बताया कि ससुराल वालों ने उसे करंट देकर मारने की कोशिश की और लगातार थार गाड़ी व नकदी की मांग की जाती थी। इस वीडियो ने पूरे मामले को और भी गंभीर बना दिया है।
पुलिस जांच और ग्रामीणों में आक्रोश
घटना की सूचना मिलते ही छपरौली थाना पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने मनीषा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और सुसाइड नोट की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई। छपरौली थाना प्रभारी निरीक्षक देवेश शर्मा ने बताया कि पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों के पैनल से कराया गया है और मामले की गहन जांच की जा रही है। एएसपी बागपत एनपी सिंह ने कहा कि मृतका के ससुराल वालों से विवाद की बात सामने आई है। परिवार की तहरीर का इंतजार है, जिसके आधार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मनीषा के परिवार ने हत्या का भी आरोप लगाया है, लेकिन पुलिस प्रारंभिक जांच में इसे आत्महत्या का मामला मान रही है। ग्रामीणों और मनीषा के परिजनों में ससुराल वालों के खिलाफ गहरा आक्रोश है। गांव में शोक की लहर है और लोग मनीषा को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं।
सामाजिक बुराई पर सवाल
मनीषा की आत्महत्या ने एक बार फिर दहेज प्रथा और महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा जैसे सामाजिक मुद्दों को उजागर किया है। मनीषा ने अपने शरीर को आखिरी गवाह बनाकर समाज के सामने दहेज की भूख और रिश्तों में क्रूरता की सच्चाई रख दी। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि समाज से यह पूछती है कि आखिर कब तक बेटियां दहेज की बलि चढ़ती रहेंगी?