हिण्डौन में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश: PWD अभियंता भवानी सिंह मीणा 3 लाख की रिश्वत लेते पकड़े गए
हिण्डौन सिटी, करौली में PWD के अधिशाषी अभियंता भवानी सिंह मीणा को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने 3 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। मीणा ने ठेकेदार की फर्म "मैसर्स संतोष कंस्ट्रक्शन कंपनी" से 43.19 लाख रुपये के सड़क मरम्मत कार्यों के बकाया भुगतान के लिए रिश्वत मांगी थी। 23 मई 2025 को गंगापुर सिटी में उनके घर पर ACB ने ट्रैप कार्रवाई की, जहां रिश्वत की रकम बरामद हुई। भरतपुर रेंज के डीआईजी राजेश सिंह के सुपरविजन में यह कार्रवाई हुई। मीणा से पूछताछ जारी है, और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी।

राजस्थान के करौली जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की ताबड़तोड़ कार्रवाई ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं। हिण्डौन सिटी में सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) के अधिशाषी अभियंता भवानी सिंह मीणा को 3 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई शुक्रवार, 23 मई 2025 को गंगापुर सिटी में उनके निजी आवास पर की गई। यह मामला तब सामने आया जब एक ठेकेदार ने रिश्वत की मांग की शिकायत एसीबी से की, जिसके बाद जाल बिछाकर अभियंता को पकड़ा गया।
रिश्वत का खेल: 43 लाख के बिल के लिए 3% कमीशन की मांग
मामले की जड़ में एक ठेकेदार की फर्म, "मैसर्स संतोष कंस्ट्रक्शन कंपनी" है, जिसने वित्तीय वर्ष 2024-25 में हिण्डौन सिटी के PWD प्रथम और द्वितीय खंड के तहत 43.19 लाख रुपये के सड़क मरम्मत (पेच रिपेयरिंग) कार्य किए थे। इन कार्यों के लिए केवल 10 लाख रुपये का बिल बनाया गया, जिसमें से 8.35 लाख रुपये का भुगतान हुआ। शेष राशि को जल्दी जारी कराने के लिए भवानी सिंह मीणा ने ठेकेदार से 3 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की। सूत्रों के अनुसार, मीणा ने बिल की राशि का 3% कमीशन मांगा था, जो कि भ्रष्टाचार का एक स्पष्ट मामला था।
एसीबी का जाल: रंगे हाथ पकड़ा गया अभियंता
ठेकेदार ने जब रिश्वत की मांग की शिकायत एसीबी की करौली इकाई से की, तो तुरंत कार्रवाई की योजना बनाई गई। एसीबी ने सत्यापन के बाद 23 मई को ट्रैप कार्रवाई को अंजाम दिया। भवानी सिंह मीणा ने ठेकेदार को अपने बेटे सहित गंगापुर सिटी स्थित अपने निजी आवास पर बुलाया। जैसे ही ठेकेदार ने रिश्वत की रकम दी, एसीबी की टीम ने मौके पर दबिश दी। रिश्वत की राशि को मीणा के घर में डबल बेड की चादर पर रखा गया था, जहां से इसे बरामद किया गया। रासायनिक जांच में मीणा के हाथों पर रिश्वत के निशान पाए गए, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
एसीबी की सख्ती: भरतपुर रेंज के डीआईजी की निगरानी में कार्रवाई
इस कार्रवाई को भरतपुर रेंज के उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) राजेश सिंह के सुपरविजन में अंजाम दिया गया। पुलिस निरीक्षक जगदीश भारद्वाज के नेतृत्व में एसीबी की टीम ने पूरी योजना के साथ अभियंता को पकड़ा। एसीबी के महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरडा ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा, "आरोपी से पूछताछ जारी है, और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आगे की कार्रवाई की जाएगी।" यह कार्रवाई एसीबी मुख्यालय के निर्देश पर की गई, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाती है।
भ्रष्टाचार पर लगाम: राजस्थान में एसीबी की सक्रियता
यह कोई पहला मामला नहीं है जब एसीबी ने भ्रष्ट अधिकारियों को पकड़ा हो। हाल ही में राजस्थान में कई बड़ी कार्रवाइयां हुई हैं। उदाहरण के लिए, तीन दिन पहले एसीबी ने अपने ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और एक इंस्पेक्टर को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। इसके अलावा, बारां में एक अन्य PWD अभियंता को 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया था। इन कार्रवाइयों से साफ है कि एसीबी भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपना रही है।
एसीबी ने आम लोगों से अपील की है कि वे रिश्वत की किसी भी मांग की तुरंत शिकायत करें। भवानी सिंह मीणा का यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में जनता की भागीदारी जरूरी है। इस कार्रवाई ने न केवल भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाया, बल्कि यह भी संदेश दिया कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।
फिलहाल, भवानी सिंह मीणा से पूछताछ जारी है। एसीबी उनकी संपत्तियों और अन्य संभावित भ्रष्टाचार के मामलों की भी जांच कर रही है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है, और जल्द ही उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस मामले ने हिण्डौन और करौली में चर्चा का विषय बना हुआ है, और लोग एसीबी की इस सख्त कार्रवाई की सराहना कर रहे हैं।
यह खबर सरल और रोचक शब्दों में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई को दर्शाती है, जो न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि पूरे राजस्थान में सुशासन और पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।