संसद के 18वें कार्यकाल का एक साल पूरा: फैसलों, बहसों और विवादों से भरा पहला साल

महिला आरक्षण से लेकर वक़्फ़ संशोधन बिल तक, और विपक्षी हंगामों से लेकर नेताओं के बयानों तक – संसद का पहला साल रहा बेहद घटनाक्रमों से भरपूर।

Jun 4, 2025 - 12:31
संसद के 18वें कार्यकाल का एक साल पूरा: फैसलों, बहसों और विवादों से भरा पहला साल

आज 4 जून 2025 को संसद के 18वें कार्यकाल को एक साल पूरा हो गया है।
ठीक एक साल पहले 4 जून 2024 को लोकसभा चुनावों के नतीजों के साथ ही नई संसद का गठन हुआ था। इस एक साल में सरकार ने कई बड़े विधेयक पारित किए, तो वहीं विपक्ष ने अनेक मुद्दों पर तीखा विरोध दर्ज कराया। संसद का यह पहला वर्ष फैसलों, सियासी आरोप-प्रत्यारोप और जनता से जुड़े कई बड़े मुद्दों की बहसों के नाम रहा।

18वीं लोकसभा: पहले वर्ष के प्रमुख विवाद और घटनाएँ

1. वक़्फ़ (संशोधन) अधिनियम, 2025 पर विवाद

वक़्फ़ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए।  ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के महासचिव फ़ज़लुर रहीम मुजद्दिदी ने इस अधिनियम को मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर सीधा हमला बताया और इसके खिलाफ़ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की।  कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए, जिनमें हैदराबाद, कोझिकोड और कटक शामिल हैं।  कुछ स्थानों पर प्रदर्शन हिंसक भी हो गए, जैसे कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में, जहाँ कई लोगों की मौत हुई और गिरफ्तारियाँ हुईं।  

2. संसद में विपक्ष का विरोध

वक़्फ़ संशोधन बिल पर संसद में भी जोरदार विरोध हुआ।  समाजवादी पार्टी की सांसद इक़रा हसन ने आरोप लगाया कि संयुक्त संसदीय समिति की कार्यवाही पक्षपातपूर्ण रही और विपक्ष की असहमति को रिपोर्ट में उचित स्थान नहीं दिया गया।  

3. शशि थरूर के बयान पर विवाद

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने विदेश में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर टिप्पणी की, जिससे पार्टी के भीतर असंतोष उत्पन्न हुआ।  उनकी टिप्पणियों को कुछ लोगों ने भाजपा के दृष्टिकोण के समर्थन में माना, जिससे कांग्रेस और भाजपा के बीच नई बहस छिड़ गई।  

4. महिला आरक्षण विधेयक पर बहस

106वें संविधान संशोधन के तहत महिला आरक्षण विधेयक पारित हुआ, लेकिन इसमें ओबीसी और अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं था।  इस पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल ने आलोचना की, जबकि AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज जलील ने विधेयक के खिलाफ़ मतदान किया।  

5. एक साथ चुनाव पर विपक्ष की आपत्ति

एक साथ चुनाव कराने के प्रस्तावित विधेयकों पर विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई, इसे संविधान और संघीय ढांचे पर हमला बताया।  कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा ने खर्च में कमी के सरकारी दावे पर सवाल उठाए।  

6. विपक्ष-शासित राज्यों के साथ भेदभाव का आरोप

INDIA गठबंधन के सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी शामिल थे।  उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय बजट में विपक्ष-शासित राज्यों के साथ भेदभाव किया गया है।  

7. भाजपा विधायक राजा सिंह का विवादित बयान

भाजपा विधायक राजा सिंह ने दावा किया कि कुछ भाजपा नेता कांग्रेस में शामिल होने की योजना बना रहे हैं।  उन्होंने पार्टी नेतृत्व को चुनौती दी कि यदि उनके खिलाफ़ कार्रवाई की गई, तो वे पार्टी के आंतरिक मुद्दों को उजागर करेंगे।

Yashaswani Journalist at The Khatak .