बादल फटने से भारी तबाही: ट्रैक्टर बहने से 8 की मौत, मंदिर-घरों में मलबा घुसा, मलबा गिरने से 3 की जान गई

देहरादून में बादल फटने से भारी तबाही, टोंस नदी में ट्रैक्टर-ट्रॉली बहने से 8 की मौत, मंदिरों-घरों में मलबा घुसा। मंडी में मलबा गिरने से 3 लोगों की जान गई, 2 को बचाया गया। NDRF और SDRF राहत कार्य में जुटी।

Sep 16, 2025 - 16:38
Sep 16, 2025 - 16:40
बादल फटने से भारी तबाही: ट्रैक्टर बहने से 8 की मौत, मंदिर-घरों में मलबा घुसा, मलबा गिरने से 3 की जान गई

उत्तराखंड के देहरादून में मंगलवार सुबह अचानक बादल फटने से भारी तबाही मच गई। सहस्त्रधारा क्षेत्र में भारी बारिश और बादल फटने के कारण टोंस, तमसा, कारलीगाड़ और सहस्त्रधारा नदियां उफान पर आ गईं। इस हादसे में टोंस नदी के तेज बहाव में मजदूरों से भरी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली बह गई, जिसमें सवार 8 लोगों की मौत हो गई और 2-4 अन्य लापता बताए जा रहे हैं। वहीं, मंदिरों, दुकानों और घरों में मलबा घुसने से भारी नुकसान हुआ है। दूसरी ओर, हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भारी बारिश से पहाड़ी पर मलबा गिरने से एक घर ध्वस्त हो गया, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई और 2 को बचाया गया। राज्य आपदा मोचन बल (SDRF), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बातचीत कर स्थिति की जानकारी ली।

नदियां उफान पर, सड़कें-घर तबाह

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मंगलवार सुबह करीब 5 बजे सहस्त्रधारा के नजदीक बादल फट गया। मौसम विभाग (IMD) ने पहले ही देहरादून और टिहरी गढ़वाल के लिए रेड अलर्ट जारी किया था, जिसमें अत्यंत भारी बारिश, बिजली चमकने और 87 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाओं की चेतावनी दी गई थी। बादल फटने से तमसा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया, जिससे टपकेश्वर महादेव मंदिर पूरी तरह जलमग्न हो गया। मंदिर के पुजारी आचार्य बिपिन जोशी ने बताया कि सुबह 5 बजे से नदी का बहाव तेज हो गया और पूरा परिसर डूब गया। यह स्थिति पहले कभी नहीं देखी गई।

सहस्त्रधारा क्षेत्र में भारी मलबा और पानी घुसने से दुकानें, होटल और घरों को भारी नुकसान पहुंचा। दो दुकानें पूरी तरह बह गईं, जबकि कई गाड़ियां पानी में बहकर क्षतिग्रस्त हो गईं। मालदेवता और केसरवाला इलाकों में सड़कें ध्वस्त हो गईं, जिसमें 100 मीटर लंबी सड़क मलबे में दब गई। विकासनगर-हरिद्वार राजमार्ग पर एक पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। चंद्रभागा नदी भी उफान पर आ गई, जिससे ऋषिकेश में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।

ट्रैक्टर-ट्रॉली में 10 मजदूर बहे, 8 की पुष्ट मौत

देहरादून के विकासनगर क्षेत्र में टोंस नदी के किनारे खनन कार्य के लिए जा रहे 10 मजदूरों से भरी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली अचानक नदी के तेज बहाव में फंस गई। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिखा कि मजदूर ट्रैक्टर पर चढ़े हुए मदद के लिए चिल्ला रहे थे, लेकिन नदी की लहरों ने ट्रैक्टर को पलट दिया और सभी बह गए। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, इस हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई, जबकि 4 अन्य लापता हैं। कुछ रिपोर्ट्स में 6 लापता और 4 बचने की बात कही गई है, लेकिन आधिकारिक पुष्टि 8 मौतों की हो चुकी है।

NDRF की एक टीम ने स्वर्ण नदी में फंसे एक बच्चे को रस्सी और डंडे की मदद से बचाया। इसके अलावा, देवभूमि इंस्टीट्यूट पोंडा में 200 छात्र जलमग्न हो गए थे, जिन्हें SDRF ने सुरक्षित निकाला। एक अन्य घटना में, टोंस नदी में बिजली के खंभे पर फंसे एक व्यक्ति को भी NDRF ने बचाया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मालदेवता और केसरवाला का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, "भारी बारिश से नदियां उफान पर हैं, 25-30 जगहों पर सड़कें ध्वस्त हो गईं। घरों और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है।"

मलबा गिरने से 3 की मौत, 2 बचाए गए

उत्तराखंड के साथ-साथ पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश भी भारी बारिश की चपेट में है। मंडी जिले के निहरी क्षेत्र में एक पहाड़ी से मलबा गिरने से एक घर पर मलबा गिर गया, जिससे घर ध्वस्त हो गया। इस हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि 2 अन्य को स्थानीय लोगों और प्रशासन ने बचाया। मंडी में धरमपुर शहर में बाढ़ से बस स्टैंड, वर्कशॉप, पंप हाउस और 20 से अधिक बसें क्षतिग्रस्त हो गईं।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार, 20 जून से 15 सितंबर 2025 तक हिमाचल में बारिश-संबंधी घटनाओं में 55 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें मंडी में 37, कांगड़ा में 34, कुल्लू में 31, चंबा में 28 और शिमला में 23 मौतें शामिल हैं। कुल नुकसान 603 करोड़ रुपये से अधिक का अनुमानित है।

केंद्र-राज्य सरकार अलर्ट पर

प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह ने सीएम धामी से फोन पर बात की और राहत कार्यों के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया। NDRF, SDRF और सेना की टीमें पूरे क्षेत्र में तैनात हैं। देहरादून के स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद कर दिया गया है। IMD ने मंगलवार सुबह 9 बजे तक भारी बारिश की चेतावनी जारी रखी है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसे बादल फटने की घटनाएं बढ़ रही हैं, और लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी जा रही है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .