चामुंडा माता मंदिर पर पत्थरबाजी करने वाले, तीन आरोपी गिरफ्तार....
जोधपुर के 2000 साल पुराने चामुंडा माता मंदिर पर 15 अगस्त 2025 की शाम असामाजिक तत्वों ने पत्थरबाजी और डंडों से हमला किया, जिससे हिंदू समुदाय में आक्रोश फैल गया। वायरल वीडियो के बाद मंदिर ट्रस्ट और हिंदू संगठनों ने कड़ी कार्रवाई की मांग की। पुलिस आयुक्त ओमप्रकाश पासवान के निर्देश पर तीन आरोपियों—साहिल, मोहम्मद सुहेल और अकबर—को गिरफ्तार किया गया। मंदिर ट्रस्ट ने पुलिस का आभार जताया, लेकिन बाकी आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी और मंदिर की सुरक्षा की मांग की। यह घटना जोधपुर की आस्था और संस्कृति पर हमले के रूप में देखी जा रही है।

जोधपुर के मंडोर क्षेत्र में स्थित लगभग 2000 वर्ष पुराने चामुंडा माता मंदिर पर 15 अगस्त 2025 की शाम को असामाजिक तत्वों द्वारा पत्थरबाजी और डंडों से हमले की घटना सामने आई थी। इस घटना ने स्थानीय हिंदू समुदाय में व्यापक आक्रोश पैदा किया था, और इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष परविंद्र सिंह ने इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
घटना का विवरण
15 अगस्त 2025 को स्वतंत्रता दिवस की शाम मंडोर उद्यान में स्थित इस प्राचीन मंदिर पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पत्थरबाजी की और डंडों के साथ हमला करने का प्रयास किया। यह घटना कोई पहली घटना नहीं थी, क्योंकि इससे पहले भी इस मंदिर पर दो बार पत्थरबाजी हो चुकी है। इस घटना के बाद मंदिर ट्रस्ट और स्थानीय लोगों में रोष और चिंता बढ़ गई थी। 16 अगस्त को चामुंडा माता मंदिर विकास संस्थान के अध्यक्ष परविंद्र सिंह के आह्वान पर मंदिर परिसर में एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मारवाड़ राजपूत सभा के अध्यक्ष हनुमान सिंह खंगटा, छात्र नेता मोती सिंह जोधा, और सैकड़ों भक्त शामिल हुए। बैठक में पुलिस प्रशासन से असामाजिक तत्वों के खिलाफ त्वरित और कठोर कार्रवाई की मांग की गई। विश्व हिंदू परिषद, जय श्री राम सेना, श्रीप्रताप सेना जैसे विभिन्न हिंदूवादी संगठनों ने भी सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर इस घटना की कड़ी निंदा की और मंदिर की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग उठाई।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस आयुक्त ओमप्रकाश पासवान ने इस मामले को गंभीरता से लिया। एक क्राइम बैठक में उन्होंने अधिकारियों की लापरवाही पर नाराजगी जताई और त्वरित जांच के साथ अपराधियों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान इस प्रकार है:
साहिल, पुत्र सिकंदर, निवासी पाल रोड, गुलिस्ता कॉलोनी, जोधपुर
मोहम्मद सुहेल, पुत्र मोहम्मद रफीक, निवासी आखलिया चौराहा, जोधपुर
अकबर, पुत्र अब्दुल हक, निवासी न्यू कोहिनूर के सामने, जोधपुर
मंदिर ट्रस्ट और समुदाय की प्रतिक्रिया
पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई पर चामुंडा माता मंदिर विकास संस्थान के अध्यक्ष परविंद्र सिंह ने आभार व्यक्त किया। उन्होंने पुलिस से शेष आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने और मंदिर की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहने का अनुरोध किया। मंदिर के भक्तों और स्थानीय समुदाय ने भी पुलिस के प्रयासों की सराहना की, लेकिन साथ ही यह मांग की कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
मंदिर का महत्व
मंडोर का चामुंडा माता मंदिर जोधपुर के इतिहास और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। यह मंदिर मंडोर के परिहार वंश की कुलदेवी के रूप में पूजा जाता है और लगभग 561 वर्ष पहले मेहरानगढ़ किले की तलहटी में स्थापित किया गया था। स्थानीय लोगों का मानना है कि मां चामुंडा जोधपुर की रक्षक हैं। किंवदंती है कि 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान माता ने चील के रूप में जोधपुर पर गिराए गए बमों को निष्क्रिय कर शहर की रक्षा की थी। इसके अलावा, 1857 में मंदिर पर बिजली गिरने से बारूद के ढेर में विस्फोट हुआ था, जिससे मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन माता की मूर्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
यह घटना धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और सामाजिक सद्भाव के महत्व को रेखांकित करती है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने स्थानीय समुदाय में विश्वास जगाया है, लेकिन मंदिर ट्रस्ट और हिंदू संगठनों ने प्रशासन से मंदिर की स्थायी सुरक्षा के लिए ठोस उपाय करने की मांग की है। इस घटना ने एक बार फिर जोधपुर में चामुंडा माता मंदिर के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को उजागर किया है।