40 घंटे से शव मॉर्च्युरी में, मुआवजे को लेकर परिजनों का धरना जारी

ट्रेनी एसआई राजेंद्र सैनी की मालगाड़ी से कटकर मौत के बाद उनका शव 40 घंटे से मॉर्च्युरी में है; परिजनों का 5 करोड़ मुआवजे की मांग पर धरना जारी। कांग्रेस विधायक दीनदयाल बैरवा ने सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया।

Sep 17, 2025 - 13:50
40 घंटे से शव मॉर्च्युरी में, मुआवजे को लेकर परिजनों का धरना जारी

राजस्थान के दौसा में 2021 सब इंस्पेक्टर भर्ती में चयनित राजेंद्र सैनी (30) की मौत के बाद जिला अस्पताल में तनाव का माहौल है। पिछले 40 घंटे से उनका शव मॉर्च्युरी में पड़ा है, जबकि परिजन और प्रशासन के बीच मुआवजे को लेकर गतिरोध बना हुआ है। परिवार का कहना है कि जब तक 5 करोड़ रुपये के मुआवजे का चेक नहीं मिलता, तब तक धरना खत्म नहीं होगा।

मालगाड़ी से कटकर मौत

15 सितंबर की रात करीब 10 बजे दौसा रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी से कटकर राजेंद्र सैनी की मौत हो गई थी। दौसा के कांग्रेस विधायक दीनदयाल बैरवा ने इसे आत्महत्या करार दिया है। उनका दावा है कि 2021 की सब इंस्पेक्टर भर्ती रद्द होने के बाद राजेंद्र अवसाद (डिप्रेशन) में थे। राजेंद्र मूल रूप से भरतपुर जिले के भुसावर थाना क्षेत्र के बल्लभगढ़ के निवासी थे और वर्तमान में अपने परिवार के साथ अलवर के गंज खेरली में रह रहे थे।

नौकरी थी एकमात्र सहारा

राजेंद्र सैनी के रिश्तेदारों ने बताया कि वह आठ भाई-बहनों में से एक थे और परिवार का खर्च उनकी नौकरी से चलता था। भर्ती रद्द होने की खबर ने उन्हें गहरे अवसाद में डाल दिया था। एक रिश्तेदार ने कहा, "परीक्षा रद्द होने के बाद से वह तनाव में था। उसने कहा था कि अब या तो परीक्षा रहेगी या मैं। नौकरी लगने से परिवार में उम्मीद जगी थी, लेकिन अब सब खत्म हो गया।"

प्रशासन और परिजनों के बीच वार्ता

16 सितंबर को एसडीएम मूलचंद लूणिया ने जिला अस्पताल पहुंचकर परिजनों से बातचीत की थी। इस दौरान मृतक के आश्रित को संविदा पर नौकरी और राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि पर सहमति बनी थी। हालांकि, 5 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग पर बात अटक गई। परिजनों ने स्पष्ट किया कि जब तक मुआवजे का चेक नहीं मिलता, धरना जारी रहेगा। मंगलवार शाम को सांसद मुरारीलाल मीणा ने भी धरनास्थल का दौरा किया और पूरे मामले की जानकारी ली।

विधायक बैरवा का सरकार पर हमला

बुधवार सुबह करीब 9:30 बजे दौसा के कांग्रेस विधायक दीनदयाल बैरवा धरनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने सरकार और जिला प्रशासन पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया। बैरवा ने कहा, "40 घंटे से परिजन धरना दे रहे हैं, लेकिन कोई भी प्रशासनिक अधिकारी या सरकारी प्रतिनिधि यहां नहीं पहुंचा। इतने बड़े घटनाक्रम पर सरकार का कोई बयान न आना दुर्भाग्यपूर्ण है।"

उन्होंने आगे कहा, "2021 की भर्ती रद्द करके सरकार ने पहले ही बड़ा हादसा कर दिया। अब राजेंद्र सैनी जैसे निर्दोष अभ्यर्थी अवसाद में आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन सरकार चुप है। कोर्ट ने भर्ती रद्द करने के मामले में थोड़ी राहत दी है, लेकिन सरकार की जवाबदेही कहीं नजर नहीं आ रही।"

धरनास्थल पर पुलिस तैनात

वर्तमान में जिला अस्पताल परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। परिजनों और आंदोलनकारियों का धरना अस्पताल के बाहर जारी है। मंगलवार को विधायक बैरवा ने एसडीएम से वार्ता को नाकافی बताते हुए कहा कि यह मामला उनके स्तर से ऊपर का है। उन्होंने सरकार पर आंखें मूंदने और कानों में उंगली डालने का आरोप लगाया।

भर्ती रद्द होने का प्रभाव

2021 की सब इंस्पेक्टर भर्ती रद्द होने से राजेंद्र सैनी जैसे कई अभ्यर्थी प्रभावित हुए हैं। बैरवा ने कहा कि इस फैसले ने न केवल अभ्यर्थियों का मनोबल तोड़ा, बल्कि उनके परिवारों को भी आर्थिक और मानसिक संकट में डाल दिया। राजेंद्र की मौत ने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया है।

परिजनों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, धरना और प्रदर्शन जारी रहेगा। दूसरी ओर, प्रशासन और सरकार की चुप्पी से स्थिति और तनावपूर्ण होती जा रही है। इस मामले में कोर्ट के अगले फैसले और सरकार के रुख पर सभी की नजरें टिकी हैं।

Yashaswani Journalist at The Khatak .