ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर की संदिग्ध मौत: हादसा या आत्महत्या?

रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी की चपेट में आने से ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर राजेंद्र सैनी की मौत, पुलिस जांच में हादसा या आत्महत्या होने की संभावना तलाश रही है। परिवार का दावा है कि विवादित भर्ती परीक्षा रद्द होने से वह डिप्रेशन में थे।

Sep 16, 2025 - 12:28
ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर की संदिग्ध मौत: हादसा या आत्महत्या?

राजस्थान के दौसा रेलवे स्टेशन के पास सोमवार रात एक घटना ने सबको झकझोर दिया। ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर राजेंद्र सैनी (30) की मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई। यह हादसा रात करीब 10 बजे प्लेटफॉर्म नंबर 2 के आखिरी छोर पर हुआ। पुलिस अभी यह स्पष्ट नहीं कर पाई है कि यह एक दुर्घटना थी या आत्महत्या।

भाई से मिलने आए थे दौसा

राजेंद्र सैनी, जो धौलपुर पुलिस लाइन में ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर के रूप में तैनात थे, अपने छोटे भाई से मिलने दौसा आए थे। उनका भाई यहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। जीआरपी के सब-इंस्पेक्टर रतनलाल ने बताया कि स्टेशन मास्टर से सूचना मिली थी कि मालगाड़ी की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। बाद में मृतक की पहचान बल्लभगढ़ (भरतपुर) निवासी राजेंद्र सैनी के रूप में हुई।

विवादों में घिरी थी भर्ती

राजेंद्र का चयन 2021 की सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में हुआ था, जो विवादों के कारण चर्चा में रही। इस परीक्षा के रद्द होने की खबर ने राजेंद्र को गहरे अवसाद में धकेल दिया था। उनके परिवार का कहना है कि वह इस सदमे से उबर नहीं पाए थे।

वॉट्सएप पोस्ट ने खोली मानसिक उथल-पुथल की परतें

3 सितंबर को राजेंद्र ने अपने दोस्तों के वॉट्सएप ग्रुप में एक भावुक पोस्ट साझा की थी। इसमें उन्होंने लिखा, "मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं अपनी शादी करूं, बहन की शादी करवाऊं या पढ़ाई जारी रखूं। पापा की तबीयत ऐसी है कि कब क्या हो जाए, कुछ पता नहीं।" इस पोस्ट के बाद कई दोस्तों ने उन्हें हौसला देने की कोशिश की, लेकिन राजेंद्र ने किसी का जवाब नहीं दिया। हालांकि, कुछ दोस्तों से उन्होंने फोन पर बात की थी।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

राजेंद्र के रिश्तेदारों ने बताया कि परीक्षा रद्द होने के बाद से वह तनाव में थे। एक रिश्तेदार ने कहा, "वह कहता था कि या तो परीक्षा होगी, या मैं खत्म हो जाऊंगा।" राजेंद्र के परिवार में आठ भाई-बहन हैं, और घर का पूरा खर्च उनकी नौकरी पर निर्भर था। उनकी पोस्टिंग के बाद परिवार को उम्मीद थी कि आर्थिक स्थिति सुधरेगी, लेकिन इस हादसे ने सारी उम्मीदें तोड़ दीं।

पुलिस जांच में जुटी

पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि राजेंद्र स्टेशन कब और क्यों पहुंचे। क्या यह एक अनियोजित हादसा था, या उन्होंने जानबूझकर यह कदम उठाया? पुलिस ने उनके परिवार और दोस्तों से पूछताछ शुरू कर दी है। जीआरपी के अधिकारी रतनलाल ने कहा, "हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं। जल्द ही सच्चाई सामने आएगी।"

एक अधूरी कहानी

राजेंद्र सैनी की मौत ने कई सवाल छोड़ दिए हैं। क्या यह सिर्फ एक हादसा था, या मानसिक दबाव और अनिश्चितता ने एक युवा को इस हद तक तोड़ दिया? उनकी कहानी न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि उन तमाम युवाओं की भी हकीकत बयां करती है, जो सपनों और जिम्मेदारियों के बीच जूझ रहे हैं।

Yashaswani Journalist at The Khatak .