बंजारा झूम : मामे खान का नया गीत राजस्थान की आत्मा को समर्पित

राजस्थान के प्रसिद्ध लोक गायक मामे खान का नया गीत 'बंजारा झूम' थार की मिट्टी और जोधपुर की रंगीन संस्कृति को आधुनिक बीट्स के साथ जोड़ता है। क्लासिक लोकगीत से प्रेरित यह ट्रैक परंपरा और समकालीनता का अनोखा मिश्रण है, जो नृत्य, वास्तुकला और स्थानीय व्यंजनों की झलक पेश करता है।

Oct 11, 2025 - 12:59
बंजारा झूम : मामे खान का नया गीत राजस्थान की आत्मा को समर्पित

बंजारा झूम : मामे खान का नया गीत राजस्थान की आत्मा को समर्पित

जोधपुर की नीली सैर: गीत का समर्पण
जोधपुर। राजस्थान के प्रसिद्ध लोक कलाकार मामे खान ने एक बार फिर अपने सुरों से मरुधरा की मिट्टी की खुशबू दुनिया तक पहुंचाई है। उनका नया गीत “बंजारा झूम”, परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत संगम है — एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक और ऊर्जा से भरपूर उत्सव, जो राजस्थान की आत्मा को सजीव करता है।राजस्थान तथा विशेष रूप से ब्लू सिटी जोधपुर को समर्पित यह गीत, थार रेगिस्तान की रंगीन लय और लोक संस्कृति की गहराई को आधुनिक संगीत के साथ जोड़ता है। इसमें नृत्य, वास्तुकला और व्यंजनों जैसी क्षेत्रीय विशेषताओं का सुंदर चित्रण किया गया है — जिसमें जोधपुर के सर्वकालिक पसंदीदा मिर्चीबड़ा सहित स्थानीय जीवन की झलक मिलती है।
परंपरा का आधुनिक रूपांतरण
क्लासिक लोकगीत “चम-चम चमके चूंदड़ी” से प्रेरित इस ट्रैक में मामे खान ने पारंपरिक मांगणियार लोकधुनों को वैश्विक बीट्स के साथ मिलाकर एक नया संगीत अनुभव रचा है। उनकी कर्णप्रिय आवाज और एजे रैप्स के आधुनिक प्रोडक्शन के मेल ने “बंजारा झूम” को एक ऐसा गीत बना दिया है जो एक साथ पारंपरिक भी है और आधुनिक भी।
क्रेडिट्स: एक सामूहिक प्रयास
“बंजारा झूम” एक सामूहिक प्रयास का परिणाम है, जिसमें कई कलाकारों और तकनीकी विशेषज्ञों का योगदान है। गाने के ऑडियो क्रेडिट्स में मामे खान के अलावा सायोनी पांडे की महिला वोकल्स, कल्याण खान के मोरचंग और कर्ताल, तथा अंजुली चक्रवर्ती के प्रोडक्शन का महत्वपूर्ण स्थान है। वीडियो प्रोडक्शन में सरथक प्रोडक्शंस ने सहयोग किया, जबकि विशेष धन्यवाद जोधपुर के सैम्स आर्ट कैफे और स्थानीय समुदाय को दिया गया है। यह गीत ग्लोबल म्यूजिक जंक्शन द्वारा वितरित किया जा रहा है।
संस्कृति और एकता का संदेश
यह गीत न केवल संगीत का आनंद देता है, बल्कि राजस्थान की लोक आत्मा, संस्कृति और समुदाय की एकता का संदेश भी बखूबी प्रस्तुत करता है। मामे खान की यह रचना राजस्थानी फोक को इंडी पॉप के नए दौर से जोड़ते हुए युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का प्रयास है। श्रोताओं से अपील है कि #BanjaraJhoom के साथ इस उत्सव में शामिल हों और राजस्थान की धड़कन को महसूस करें।G

Yashaswani Journalist at The Khatak .