बाड़मेर की बिगड़ती व्यवस्थाओं पर मेवाराम जैन का सियासी वार: 18 महीने बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाए बिजली, पानी और अतिक्रमण के मुद्दे
बाड़मेर के पूर्व विधायक मेवाराम जैन ने 18 महीने बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बाड़मेर की समस्याओं जैसे बिजली कटौती, पेयजल संकट और भूमाफियाओं द्वारा अतिक्रमण पर सवाल उठाए। 2023 के वायरल वीडियो विवाद के बाद यह उनकी पहली सार्वजनिक मीडिया उपस्थिति थी। जय हिंद सभा के दौरान कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की कोशिश नाकाम रही, लेकिन उत्तरलाई एयरपोर्ट पर संक्षिप्त मुलाकात हुई।

बाड़मेर, 31 मई 2025: राजस्थान के बाड़मेर जिले के पूर्व विधायक जैन ने करीब 18 महीने के लंबे अंतराल के बाद आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए मीडिया से रूबरू होकर जिले की बिगड़ती व्यवस्थाओं पर तीखा प्रहार किया। तीन बार विधायक रहे मेवाराम जैन ने बिजली कटौती, पेयजल संकट, और भूमाफियाओं द्वारा अतिक्रमण जैसे गंभीर मुद्दों को उठाते हुए प्रशासन और सरकार पर सवाल खड़े किए। यह उनकी पहली सार्वजनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस थी, जब से वह 2023 में एक वायरल वीडियो विवाद के कारण सुर्खियों में आए थे।
बाड़मेर की समस्याओं पर मेवाराम का जोरदार हमला
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मेवाराम जैन ने बाड़मेर में लंबे समय से चली आ रही बिजली कटौती को जनता के लिए सबसे बड़ी परेशानी बताया। उन्होंने कहा, "बाड़मेर की जनता को घंटों बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है, जिससे आम जीवन और व्यवसाय प्रभावित हो रहे हैं।" इसके साथ ही, उन्होंने पेयजल संकट पर भी चिंता जताई और कहा कि पानी की कमी के कारण लोग परेशान हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
मेवाराम ने भूमाफियाओं द्वारा अतिक्रमण को एक और बड़ा मुद्दा बताया। उन्होंने प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कहा, "भूमाफियाओं ने सरकारी और निजी जमीनों पर कब्ज़ा कर लिया है, लेकिन प्रशासन इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा।" उन्होंने इन समस्याओं के समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की और कहा कि वह जनता की आवाज को हर मंच पर उठाते रहेंगे।
18 महीने बाद मीडिया से मुलाकात
मेवाराम जैन करीब 17-18 महीने तक सार्वजनिक मंचों से दूर रहे थे। 2023 में एक वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इस वीडियो और दुष्कर्म के आरोपों ने उनकी राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचाया था, जिसके बाद वह कम ही सार्वजनिक रूप से नजर आए। हालांकि, इस दौरान वह अस्पतालों और अन्य जगहों पर अपने समर्थकों के बीच सक्रिय रहे।
आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मेवाराम ने इन विवादों पर सीधे कोई टिप्पणी नहीं की, बल्कि अपना ध्यान बाड़मेर की समस्याओं पर केंद्रित रखा। जानकारों का मानना है कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस उनकी सक्रिय राजनीति में वापसी का एक संकेत हो सकता है।
जय हिंद सभा और कांग्रेस नेताओं से मुलाकात का प्रयास
पिछले दिनों बाड़मेर में आयोजित कांग्रेस की जय हिंद सभा के दौरान मेवाराम जैन अपने समर्थकों के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करना चाहते थे। इस सभा में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राष्ट्रीय सचिव रणदीप सुरजेवाला, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट जैसे दिग्गज नेता शामिल हुए थे। मेवाराम और उनके समर्थक पार्टी में उनकी वापसी को लेकर चर्चा करना चाहते थे, लेकिन सूत्रों के अनुसार, वह इन नेताओं से औपचारिक मुलाकात नहीं कर पाए।
हालांकि, सभा समाप्त होने के बाद उत्तरलाई एयरपोर्ट पर मेवाराम जैन और पूर्व मंत्री अमीन खान की कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं से संक्षिप्त मुलाकात हुई। इस मुलाकात में क्या बात हुई, इस बारे में अभी कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। मेवाराम के समर्थकों में इस बात को लेकर नाराजगी देखी गई थी कि उन्हें सभा के दौरान वरिष्ठ नेताओं से मिलने का मौका नहीं मिला।
क्या है मेवाराम जैन की रणनीति?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मेवाराम जैन की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस उनकी सक्रिय राजनीति में वापसी का एक हिस्सा हो सकती है। वह बाड़मेर की समस्याओं को उठाकर एक बार फिर जनता के बीच अपनी प्रासंगिकता साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही, कांग्रेस में वापसी की उनकी कोशिशें भी चर्चा का विषय बनी हुई हैं।