एएसपी जगराम मीणा एसीबी के हत्थे चढ़े: 49 लाख नकद, मिनी बार और महंगी शराब जब्त
जयपुर में एसीबी ने अपने ही ASP जगराम मीणा को रिश्वतखोरी के आरोप में पकड़ा, जिनके पास से 49.40 लाख रुपये नकद, ज्वेलरी और महंगी शराब बरामद हुई। वह दो महीने से विजिलेंस के रडार पर थे और पहले भी दो बार कार्रवाई से बच चुके थे।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने एक महीने में दूसरी बार अपने ही एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) को रिश्वतखोरी और वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया है। शुक्रवार को जयपुर के शिवदासपुरा में पकड़े गए ASP जगराम मीणा की कार से 9.35 लाख रुपये नकद बरामद हुए। इसके बाद जगतपुरा में उनके घर की तलाशी में 40.05 लाख रुपये नकद, मालवीय नगर में एक प्लॉट के दस्तावेज, लाखों रुपये की ज्वेलरी और महंगी शराब की बोतलें मिलीं।
दो महीने से था रडार पर
एसीबी सूत्रों के अनुसार, जगराम मीणा भीलवाड़ा चौकी में तैनात थे और दो दिन पहले ही उनका तबादला झालावाड़ से हुआ था। वह दो महीने से विजिलेंस विंग के रडार पर थे, क्योंकि उनके खिलाफ परिवहन, खनन, आबकारी और पुलिस विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों से वसूली की कई शिकायतें मिली थीं। वह पहले भी दो बार एसीबी के जाल में फंसते-फंसते बचे थे।
शिवदासपुरा टोल पर कार्रवाई
एसीबी के डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि शुक्रवार शाम को जगराम के पैसे लेकर रवाना होने की पुख्ता जानकारी मिली थी। डीआईजी राजेश सिंह के निर्देशन में आधा दर्जन टीमें अलर्ट थीं। ASP पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में शिवदासपुरा टोल पर जगराम की कार की तलाशी ली गई, जहां 9.35 लाख रुपये नकद मिले। जगराम इस राशि का स्रोत नहीं बता सके।
घर में मिनी बार और लाखों की संपत्ति
इसी दौरान ASP सुनील सिहाग की टीम ने जगराम के जगतपुरा, केसर नगर स्थित घर की तलाशी शुरू की। तलाशी में 40.05 लाख रुपये नकद, मालवीय नगर की पॉश कॉलोनी में एक प्लॉट के दस्तावेज, महंगी ज्वेलरी और भारी मात्रा में शराब की बोतलें बरामद हुईं। जगराम ने घर में ही एक मिनी बार बना रखा था, जो उनकी महंगी शराब की शौकीनी को दर्शाता है। नकदी की गिनती के लिए एसीबी को मशीन मंगवानी पड़ी।
पहले भी बच चुका था
जगराम मीणा पहले भी दो बार एसीबी की कार्रवाई से बच चुके थे। एक बार ASP सुरेंद्र शर्मा पर कार्रवाई के दौरान जगराम पैसे छोड़कर झालावाड़ से जयपुर भाग आए थे। दूसरी बार उन्होंने कार बदलकर पैसे लाए, जिससे वह पकड़े नहीं गए। हाल ही में बुधवार रात को उनका तबादला होने के बाद वह जल्दबाजी में वसूली के पैसे लेकर जयपुर रवाना हुए, जबकि वह अभी झालावाड़ से रिलीव भी नहीं हुए थे।
दूसरी बड़ी कार्रवाई
गौरतलब है कि 19 मई को एसीबी ने ASP सुरेंद्र शर्मा को भी रिश्वतखोरी के आरोप में जयपुर से गिरफ्तार किया था। एसीबी की प्राथमिक जांच में पता चला कि जगराम वसूली के पैसे लेने के लिए निजी कार से खुद ड्राइव करके आते थे, अन्यथा सरकारी गाड़ी और ड्राइवर का इस्तेमाल करते थे।
एसीबी अब जगराम के खिलाफ गहन जांच कर रही है ताकि उनकी अवैध कमाई और संपत्तियों का पूरा ब्योरा सामने आ सके।