अजमेर में बिजनेसमैन को धमकी: 2 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी, व्हाट्सएप पर भेजा खौफनाक मैसेज

अजमेर के माधव द्वार कॉलोनी में रहने वाले 58 वर्षीय बिजनेसमैन यशवंत शर्मा को अज्ञात बदमाशों ने व्हाट्सएप पर 2 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी और न देने पर सीने में गोली मारने की धमकी दी। 29 नवंबर को मिले इस मैसेज से दहशत में आए पीड़ित ने आदर्श नगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर साइबर सेल के साथ जांच शुरू कर दी है।

Dec 3, 2025 - 16:36
अजमेर में बिजनेसमैन को धमकी: 2 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी, व्हाट्सएप पर भेजा खौफनाक मैसेज

अजमेर, 3 दिसंबर 2025: राजस्थान के अजमेर शहर में अपराधियों का साया एक बार फिर व्यापारियों पर मंडराने लगा है। माधव द्वार कॉलोनी के एक प्रमुख बिजनेसमैन को अज्ञात बदमाशों ने 2 करोड़ रुपये की मोटी रकम की फिरौती मांगते हुए खौफनाक धमकी दी है। धमकी का यह संदेश व्हाट्सएप के माध्यम से भेजा गया, जिसमें बदमाशों ने साफ चेतावनी दी है कि वे फोन कॉल नहीं करेंगे, बल्कि सीधे निशाना बना देंगे। इस घटना ने स्थानीय व्यापारी समुदाय में दहशत पैदा कर दी है, और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

पीड़ित की पहचान और घटना का विवरण पीड़ित बिजनेसमैन का नाम यशवंत शर्मा है, जिनकी उम्र 58 वर्ष बताई जा रही है। वे अजमेर के माधव द्वार कॉलोनी में रहते हैं और स्थानीय स्तर पर एक सफल व्यापारी के रूप में जाने जाते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, 29 नवंबर 2025 को यशवंत शर्मा के व्हाट्सएप नंबर पर एक अज्ञात नंबर से धमकी भरा संदेश प्राप्त हुआ। संदेश में बदमाशों ने बकायदा 2 करोड़ रुपये की मांग की और पैसे न देने पर कठोर कार्रवाई की धमकी दी।संदेश की भाषा बेहद आक्रामक और डराने वाली थी। इसमें लिखा था: "फोन कॉल नहीं करेंगे, सीधा आपके सीने में गोली मारेंगे।" यह धमकी इतनी स्पष्ट और हिंसक थी कि यशवंत शर्मा सहित उनके परिवार वाले दहशत में आ गए। संदेश में पैसे ट्रांसफर करने का कोई स्पष्ट तरीका नहीं बताया गया था, लेकिन धमकी की गंभीरता से साफ था कि यह कोई मजाक नहीं, बल्कि संगठित अपराध का हिस्सा हो सकता है।यशवंत शर्मा ने तुरंत इस घटना की सूचना आदर्श नगर पुलिस थाने में दर्ज कराई। उनकी शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 387 (फिरौती के लिए धमकी) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर (FIR) दर्ज की है। पीड़ित ने बताया कि उन्हें पहले भी कुछ संदिग्ध कॉल्स मिली थीं, लेकिन इस बार धमकी इतनी प्रत्यक्ष थी कि उन्होंने बिना देर किए पुलिस का सहारा लिया।

पुलिस की कार्रवाई और जांच आदर्श नगर थाने की पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक पूछताछ में पुलिस को संदेह है कि यह धमकी स्थानीय स्तर पर सक्रिय अपराधी गिरोह का काम हो सकता है, जो हाल के दिनों में राजस्थान के विभिन्न शहरों में व्यापारियों को निशाना बना रहा है। साइबर सेल की टीम को भी इस मामले में शामिल किया गया है, क्योंकि धमकी व्हाट्सएप जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए दी गई है।पुलिस ने यशवंत शर्मा को सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने का आश्वासन दिया है। साथ ही, संदिग्ध नंबर का ट्रेसिंग किया जा रहा है, और आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। एसपी (सिटी) ने बताया कि इस तरह की घटनाओं पर नजर रखी जा रही है, और जल्द ही आरोपी की पहचान कर गिरफ्तारी दी जाएगी। पुलिस ने व्यापारियों से अपील की है कि ऐसी किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें, ताकि अपराध को रोका जा सके।

व्यापारी समुदाय में हड़कंप यह घटना अजमेर के व्यापारी वर्ग के लिए चेतावनी का संकेत है। हाल के महीनों में राजस्थान में फिरौती की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जहां बिजनेसमैनों को मोबाइल और सोशल मीडिया के जरिए धमकाया जा रहा है। अजमेर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के पदाधिकारियों ने इस मामले पर चिंता जताई है और पुलिस से व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की मांग की है। एक स्थानीय व्यापारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "हमारा कारोबार पहले से ही आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है, ऊपर से ऐसी धमकियां हमें हतोत्साहित कर रही हैं। सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए।"यशवंत शर्मा के परिजनों ने बताया कि वे अब डरे हुए हैं और सामान्य जीवन जीना मुश्किल हो गया है। परिवार ने पुलिस से न केवल आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है, बल्कि पूरे शहर में व्यापारियों की सुरक्षा के लिए पेट्रोलिंग बढ़ाने का भी अनुरोध किया है।

संभावित कारण और पृष्ठभूमि प्रारंभिक जांच में पुलिस को लगता है कि यह धमकी शर्मा के व्यापारिक सफलता से प्रेरित हो सकती है। वे स्थानीय स्तर पर निर्माण और व्यापार से जुड़े हैं, जिससे उनकी संपत्ति और आय स्रोत आकर्षक निशाना बन सकते हैं। हालांकि, कोई ठोस सबूत अभी सामने नहीं आया है। विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल अपराधियों को ट्रेस करना मुश्किल बनाता है, लेकिन साइबर फॉरेंसिक की मदद से इसे सुलझाया जा सकता है।