तांत्रिक ठगों का खौफनाक खेल: रुपये डबल करने का झांसा, हलवे में नींद की गोलियां, तीन की मौत और 50 लाख की लूट

राजस्थान के बीकानेर जिले के खाजूवाला में तांत्रिक गिरोह ने रुपये डबल करने के झांसे में 50 लाख रुपये की लूट और तीन लोगों की हत्या की। गफ्फार खान, उनके बेटे सलमान और राजेंद्र पूनिया को हलवे में नींद की गोलियां देकर बेहोश किया गया। गफ्फार की मौत हो गई, जबकि दो अन्य की हालत गंभीर है। गिरोह के दो सदस्यों, शैतान सिंह और विक्रम सिंह, की भी रहस्यमयी मौत हुई। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया, लेकिन मुख्य तांत्रिक फरार है। यह घटना लालच और अंधविश्वास के खतरनाक परिणामों को दर्शाती है।

Jun 14, 2025 - 09:02
तांत्रिक ठगों का खौफनाक खेल: रुपये डबल करने का झांसा, हलवे में नींद की गोलियां, तीन की मौत और 50 लाख की लूट

रात के सन्नाटे में एक घर में तंत्र-मंत्र का नाटक शुरू हुआ। वादा था कि पैसे दोगुने हो जाएंगे। लेकिन यह लालच का खेल जल्द ही मौत और धोखे की साजिश में बदल गया। राजस्थान के बीकानेर जिले के खाजूवाला क्षेत्र में एक तांत्रिक गिरोह ने रुपये डबल करने के नाम पर 50 लाख रुपये की लूट, तीन लोगों की हत्या और एक खौफनाक साजिश को अंजाम दिया। इस वारदात ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन मुख्य सरगना तांत्रिक अब भी फरार है। आइए, इस सनसनीखेज घटना की पूरी कहानी को विस्तार से जानते हैं। 

लालच का जाल: शुरुआत एक सुनहरे सपने से

खाजूवाला निवासी गफ्फार खान एक प्रॉपर्टी डीलर थे, लेकिन उनका व्यवसाय पिछले कुछ समय से घाटे में चल रहा था। आर्थिक तंगी से जूझ रहे गफ्फार को एक सुनहरा सपना दिखाया गया। उनके परिचित शैतान सिंह ने उन्हें एक तांत्रिक गिरोह से मिलवाया, जिसने दावा किया कि तंत्र-मंत्र के जरिए वह उनके रुपये दोगुने कर सकता है। इस लालच में गफ्फार फंस गए।

गिरोह ने पहले विश्वास जीतने के लिए छोटी रकम पर खेल दिखाया। उन्होंने गफ्फार से 50,000 रुपये लिए और बदले में 1 लाख रुपये लौटाए। फिर 1 लाख रुपये लेकर 2 लाख रुपये दिए। यह सब एक सुनियोजित जाल था, जिसका मकसद गफ्फार को और बड़ी रकम निवेश करने के लिए उकसाना था। गफ्फार ने अपने दोस्तों, डॉ. पुनाराम और मेडिकल स्टोर संचालक राजेंद्र पूनिया, के साथ मिलकर करीब 50 लाख रुपये इकट्ठे किए। यह रकम तांत्रिक गिरोह को सौंपी जानी थी।

12 जून की रात: तंत्र-मंत्र का नाटक और मौत का प्रसाद

12 जून 2025 की रात को तांत्रिक गिरोह गफ्फार के घर पहुंचा। गिरोह में मुख्य तांत्रिक एम. शिवा (कर्नाटक निवासी), शैतान सिंह, विक्रम सिंह, रामस्वरूप (जोधपुर निवासी), और मनोज वर्मा (झारखंड निवासी) शामिल थे। तंत्र-मंत्र की प्रक्रिया के लिए सामग्री लाई गई और प्रसाद के रूप में हलवा तैयार किया गया। गफ्फार ने इस दौरान अपनी पत्नी और बच्चों को पहले ही पीहर भेज दिया था, ताकि घर में कोई बाधा न आए।

लेकिन यह तंत्र-मंत्र का नाटक एक खतरनाक साजिश का हिस्सा था। तांत्रिक ने मौका देखकर हलवे में नींद की गोलियां मिला दीं। गफ्फार, उनके बेटे सलमान, राजेंद्र पूनिया, शैतान सिंह और विक्रम सिंह ने यह हलवा खाया। रात गहराते ही सभी बेहोश हो गए। तांत्रिक गिरोह ने मौके का फायदा उठाया और 50 लाख रुपये लेकर अपनी इनोवा गाड़ी से फरार हो गया।

सुबह का खौफनाक मंजर: मौत और साजिश का खुलासा

13 जून की सुबह जब गफ्फार, सलमान और राजेंद्र की तबीयत बिगड़ी, तो उन्हें तुरंत बीकानेर के पीबीएम अस्पताल ले जाया गया। लेकिन रास्ते में ही गफ्फार की मौत हो गई। राजेंद्र को अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। सलमान की स्थिति के बारे में अभी स्पष्ट जानकारी नहीं है।

इधर, तांत्रिक गिरोह अपनी गाड़ी लेकर खाजूवाला से पुंगल की ओर भाग रहा था। लेकिन रास्ते में उनके ही दो साथी, शैतान सिंह और विक्रम सिंह, की तबीयत बिगड़ गई। संभवतः उन्होंने भी हलवे में मिली नींद की गोलियों का असर झेला। गिरोह ने बिना देर किए दोनों के शव शोभासर के सुनसान इलाके में फेंक दिए और भाग निकला। शुक्रवार को पुलिस ने इन शवों को बरामद किया, जिनकी पहचान अजमेर के आदर्श नगर निवासियों के रूप में हुई।

पुलिस की कार्रवाई: दो गिरफ्तार, मुख्य तांत्रिक फरार

पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए देर रात मेड़ता रेलवे स्टेशन से दो आरोपियों, रामस्वरूप (जोधपुर) और मनोज वर्मा (झारखंड), को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उन्होंने मुख्य तांत्रिक एम. शिवा के बारे में बताया, जो कर्नाटक का रहने वाला है और अब भी फरार है। खाजूवाला के सीओ अमरजीत चावला और एसएचओ सुरेंद्र प्रजापत की टीम सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। गफ्फार के घर से नींद की गोलियां और तंत्र-मंत्र की सामग्री भी बरामद की गई है।

गफ्फार की कहानी: लालच और धोखे का शिकार

गफ्फार खान एक प्रॉपर्टी डीलर थे, लेकिन उनका व्यवसाय ठीक नहीं चल रहा था। आर्थिक तंगी ने उन्हें आसान रास्ते की तलाश में धकेल दिया। शैतान सिंह, जो गफ्फार का परिचित था, ने तांत्रिक गिरोह से उनका संपर्क करवाया। गफ्फार ने भरोसा कर लिया और अपनी पत्नी-बच्चों को पीहर भेजकर तांत्रिक गिरोह को घर बुलाया। लेकिन यह भरोसा उनकी जान ले गया और उनके दोस्तों को भी इस साजिश का शिकार बनाया।

नैतिक शिक्षा और सतर्कता

यह घटना न केवल एक आपराधिक साजिश की कहानी है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि लालच और अंधविश्वास कितना खतरनाक हो सकता है। तंत्र-मंत्र के नाम पर ठगी के मामले राजस्थान में पहले भी सामने आ चुके हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे लालच भरे ऑफर्स से बचें और किसी भी अनजान व्यक्ति पर भरोसा करने से पहले सावधानी बरतें।

वर्तमान स्थिति

पुलिस मुख्य तांत्रिक एम. शिवा की तलाश में जुटी है। सीसीटीवी फुटेज और बरामद सामग्री के आधार पर जांच तेज कर दी गई है। गफ्फार की मौत, 50 लाख रुपये की लूट और गिरोह के दो सदस्यों की रहस्यमयी मौत ने इस मामले को और जटिल बना दिया है। खाजूवाला में दहशत का माहौल है, और लोग इस सनसनीखेज वारदात की चर्चा कर रहे हैं।

इस कहानी का अंत अभी बाकी है। क्या पुलिस मुख्य तांत्रिक को पकड़ पाएगी? क्या 50 लाख रुपये बरामद हो पाएंगे? यह समय बताएगा। लेकिन यह घटना एक सबक जरूर देती है—लालच और अंधविश्वास का रास्ता हमेशा खतरनाक होता है।

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ