"लूणी नदी में फिसलन ने छीनी हिमताराम की जिंदगी, 30 दिन बाद शव मिलने से परिवार में मातम"

सिणधरी: लूणी नदी के उफनते जल में युवक का दर्दनाक हादसा, 30 दिनों की मशक्कत के बाद मिला शवसिणधरी, 4 अक्टूबर 2025: राजस्थान के बाड़मेर जिले के सिणधरी क्षेत्र में लूणी नदी के प्रलयंकारी बहाव ने एक बार फिर मानवीय त्रासदी को जन्म दिया है। भाटाला गांव से गोलिया जीवराज मार्ग पर नदी पार करने के प्रयास में टूंकिया निवासी युवक हिमताराम (उम्र लगभग 28 वर्ष) का पैर फिसल गया, जिससे वे तेज धारा में बह गए। यह हृदयविदारक घटना करीब एक माह पूर्व घटी थी, लेकिन शनिवार को ही उनका शव नदी के तट पर मिला। इस घटना ने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है, और परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है।स्थानीय निवासियों के अनुसार, हिमताराम एक मेहनती किसान थे, जो दैनिक जीवन की भागदौड़ में उलझे रहते थे। वे भाटाला से गोलिया जीवराज के रास्ते पर सामान लेने जा रहे थे, जब लूणी नदी के उफान पर पहुंचे। मानसून की बौछारों से नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया था, और किनारे की मिट्टी भीगी होने के कारण बेहद फिसलन भरी हो चुकी थी। नदी पार करने के दौरान उनका संतुलन बिगड़ गया, और देखते ही देखते वे धारा की चपेट में आ गए। गवाहों ने बताया कि आसपास के लोग तुरंत सहायता के लिए दौड़े, लेकिन नदी का वेग इतना प्रबल था कि कोई कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं था। हिमताराम की चीखें और हाथ-पैर चलाने की कोशिशें आंखों के सामने थीं, लेकिन पानी की लहरें उन्हें दूर ले जाती रहीं।हादसे की सूचना मिलते ही परिवार वाले और ग्रामीणों ने तत्काल सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स) की टीम और गांव के युवाओं ने मिलकर कई दिनों तक नदी के किनारों पर छानबीन की। ड्रोन की मदद से हवाई निगरानी भी की गई, लेकिन नदी की घुमावदार संरचना और मिट्टी के कारण शव का पता नहीं लग पा रहा था। 30 दिनों तक चली यह तलाश न केवल शारीरिक रूप से थकाने वाली थी, बल्कि भावनात्मक रूप से भी परिवार को तोड़ रही थी। हिमताराम के पिता रामलाल ने बताया, "बेटा घर का इकलौता कमाने वाला था। रोज सुबह उठकर खेतों की देखभाल करता, परिवार का बोझ उठाता। अब ये खालीपन कैसे भरें?" उनकी मां की आंखें सूख चुकी हैं, और बहनें बिलख-बिलखकर रो रही हैं।शनिवार सुबह करीब 10 बजे, नदी के एक घुमावदार मोड़ पर कुछ मछुआरों ने शव को देखा और तुरंत पुलिस को सूचित किया। सिणधरी थाना प्रभारी ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए बाड़मेर सदर अस्पताल भेज दिया। प्रारंभिक जांच में डूबने से मौत की पुष्टि हुई है, लेकिन विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार है। पुलिस ने मामले को एक्सीडेंटल डेथ के रूप में दर्ज किया है, और कोई संदिग्ध परिस्थिति न होने की बात कही है।लूणी नदी, जो राजस्थान की प्रमुख नदियों में से एक है, अक्सर मानसून के दौरान खतरनाक रूप धारण कर लेती है। यह नदी अजमेर के पुष्कर घाटी से निकलकर बाड़मेर, जोधपुर और जैसलमेर जैसे जिलों से होकर गुजरती है, लेकिन इसका अधिकांश पानी रेगिस्तानी इलाकों में ही सोख लिया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण अब नदियां अनियमित रूप से उफनती हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। सिणधरी क्षेत्र में पिछले साल भी इसी नदी में दो युवकों की जान जा चुकी थी, जो एक सबक के रूप में लिया जाना चाहिए।इस घटना के बाद प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। जिला मजिस्ट्रेट ने नदी किनारे रहने वाले ग्रामीणों से अपील की है कि मानसून में नदियों के पास अनावश्यक जाने से बचें। स्थानीय पंचायत ने नदी पार करने के लिए अस्थायी पुल या रस्सी व्यवस्था की योजना बनाई है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी न दोहराए। साथ ही, एनजीओ की एक टीम ने परिवार को आर्थिक सहायता और काउंसलिंग का भरोसा दिया है।हिमताराम की याद में गांव में शनिवार शाम को एक छोटा सा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जहां ग्रामीणों ने उनकी सादगी और मेहनत की कहानियां साझा कीं। यह हादसा न केवल एक परिवार की जिंदगी बदल गया है, बल्कि पूरे समुदाय को सतर्क रहने की सीख दे गया है।

Oct 4, 2025 - 19:24
"लूणी नदी में फिसलन ने छीनी हिमताराम की जिंदगी, 30 दिन बाद शव मिलने से परिवार में मातम"