जयपुर में कांग्रेस की 'संविधान बचाओ रैली' में मल्लिकार्जुन खड़गे का 'ज्योतिर्लिंग' बयान, भाजपा ने बताया हिंदू भावनाओं का अपमान

जयपुर में कांग्रेस की 'संविधान बचाओ रैली' में मल्लिकार्जुन खड़गे ने खुद को 'ज्योतिर्लिंग' बताकर विवाद खड़ा किया। भाजपा ने इसे हिंदू भावनाओं का अपमान करार देते हुए कड़ी निंदा की। खड़गे ने रैली में संविधान और लोकतंत्र पर केंद्र सरकार को घेरा, लेकिन उनके बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया।

Apr 28, 2025 - 17:53
जयपुर में कांग्रेस की 'संविधान बचाओ रैली' में मल्लिकार्जुन खड़गे का 'ज्योतिर्लिंग' बयान, भाजपा ने बताया हिंदू भावनाओं का अपमान

जयपुर, 28 अप्रैल 2025: राजस्थान की राजधानी जयपुर के रामलीला मैदान में सोमवार को कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित 'संविधान बचाओ रैली' में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के एक बयान ने सियासी विवाद को जन्म दे दिया है। रैली में खड़गे ने हिंदू धर्म और ज्योतिर्लिंगों का जिक्र करते हुए खुद को 'ज्योतिर्लिंग' बताया, जिसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला करार दिया। इस बयान पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कड़ी आपत्ति जताई और कांग्रेस पर हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया।

### रैली में क्या बोले खड़गे?

'संविधान बचाओ अभियान' के तहत आयोजित इस रैली में मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र की भाजपा सरकार पर संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने का आरोप लगाया। अपने संबोधन के दौरान खड़गे ने हिंदू धर्म का उल्लेख करते हुए कहा, "मैं हिंदू हूँ, मैं भी ज्योतिर्लिंग हूँ।" इसके बाद उन्होंने मंच पर मौजूद अन्य नेताओं से हल्के-फुल्के अंदाज में पूछा, "भई, कितने ज्योतिर्लिंग होते हैं? आठ या..." पास बैठे नेताओं ने उन्हें बताया कि ज्योतिर्लिंग 12 होते हैं। इस पर खड़गे ने फिर कहा, "हाँ, मैं उन 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हूँ। आप मेरा नाम सही से लो, मल्लिका अर्जुन..." उन्होंने जनता से अपील की कि उनका नाम ठीक से उच्चारण करें।

खड़गे का यह बयान जहां उनके समर्थकों के बीच हल्की-फुल्की हंसी का कारण बना, वहीं भाजपा ने इसे हिंदू धर्म की आस्था के साथ मजाक के रूप में पेश किया।

खड़गे के बयान के कुछ घंटों बाद ही जयपुर में भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। राठौड़ ने खड़गे के बयान को 'हिंदू भावनाओं का अपमान' करार देते हुए कहा, "कांग्रेस ने एक बार फिर हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने खुद को ज्योतिर्लिंग बताकर हिंदू समाज का अपमान किया है। ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के पवित्र स्वरूप हैं, जिनकी हिंदू धर्म में गहरी आस्था है। कोई व्यक्ति कैसे कह सकता है कि वह ज्योतिर्लिंग है? यह हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बयान है, और मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं।"

राठौड़ ने आगे कहा कि कांग्रेस हमेशा से हिंदू धर्म के प्रतीकों और मान्यताओं का मजाक उड़ाती रही है। उन्होंने खड़गे के बयान को 'संविधान बचाओ रैली' के नाम पर 'हिंदू विरोधी मानसिकता' का प्रदर्शन बताया।

खड़गे के बयान और भाजपा की प्रतिक्रिया के बाद सोशल मीडिया, विशेष रूप से एक्स पर, इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई। कुछ यूजर्स ने खड़गे के बयान को मजाक में लिया और इसे उनके आत्मविश्वास और हल्के-फुल्के अंदाज का हिस्सा बताया। वहीं, कई यूजर्स ने भाजपा के रुख का समर्थन करते हुए इसे हिंदू आस्था के साथ मजाक बताया। एक एक्स पोस्ट में लिखा गया, "पहलगाम में हिंदुओं पर हमले के बाद देश शोक में है, और कांग्रेस संविधान बचाओ के नाम पर ज्योतिर्लिंग जैसे पवित्र प्रतीकों का मजाक उड़ा रही है।"

कांग्रेस ने अभी तक खड़गे के बयान पर भाजपा की आलोचना का कोई आधिकारिक जवाब नहीं दिया है। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव स्वर्णिम चतुर्वेदी ने कहा, "हमारी रैली का उद्देश्य संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए जनता को जागरूक करना था। खड़गे जी का बयान उनके आत्मविश्वास और जनता के साथ जुड़ने का तरीका था। इसे गलत ढंग से पेश करना भाजपा की पुरानी रणनीति है।"

कांग्रेस की 'संविधान बचाओ रैली' 25 से 30 अप्रैल तक देशभर में चल रहे 'संविधान बचाओ अभियान' का हिस्सा थी। इस अभियान के तहत कांग्रेस का दावा है कि भाजपा सरकार संवैधानिक संस्थाओं की स्वतंत्रता को कमजोर कर रही है और आरक्षित वर्गों (दलित, अनुसूचित जनजाति, और अन्य पिछड़ा वर्ग) के अधिकारों का हनन कर रही है। जयपुर की रैली में खड़गे के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी संबोधित किया।

रैली में करीब 20,000 लोगों की भीड़ जुटाने का लक्ष्य रखा गया था, और आसपास के आठ जिलों (जयपुर, दौसा, टोंक, अजमेर, सीकर, झुंझुनूं, और सवाई माधोपुर) से कार्यकर्ताओं को बुलाया गया था। रैली के बाद खड़गे ने जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्षों और प्रदेश कार्यकारिणी के साथ अलग-अलग बैठकें भी कीं, जिसमें संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा हुई।

खड़गे का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में मारे गए लोगों को रैली में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई थी। भाजपा ने इस संवेदनशील समय में खड़गे के बयान को गैर-जिम्मेदाराना करार देते हुए इसे सियासी मुद्दा बनाने की कोशिश की है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद आगामी चुनावों के मद्देनजर दोनों पार्टियों के बीच ध्रुवीकरण की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। कांग्रेस जहां दलित, अनुसूचित जनजाति, और ओबीसी वर्ग को लुभाने के लिए 'संविधान बचाओ' अभियान चला रही है, वहीं भाजपा इसे हिंदू भावनाओं के अपमान से जोड़कर अपने वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश कर रही है।

मल्लिकार्जुन खड़गे का 'ज्योतिर्लिंग' बयान और उस पर भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया ने जयपुर की 'संविधान बचाओ रैली' को सियासी विवाद का केंद्र बना दिया है। जहां कांग्रेस इस अभियान को लोकतंत्र और संविधान की रक्षा का आंदोलन बता रही है, वहीं भाजपा इसे हिंदू विरोधी मानसिकता का प्रतीक करार दे रही है। यह विवाद आने वाले दिनों में राजस्थान की सियासत में और गर्माहट ला सकता है, खासकर तब जब दोनों पार्टियां अपने-अपने वोट बैंक को साधने की कोशिश में जुटी हैं।

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ