6 हजार के जुर्माने ने रोकी आज़म खान की रिहाई, कोर्ट से ईमेल आते ही सीतापुर जेल से छूटे सपा नेता
सपा नेता आजम खान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा, समर्थकों ने उत्साह से स्वागत किया। रिहाई में 6 हजार रुपये के जुर्माने के कारण साढ़े तीन घंटे की देरी हुई।

23 महीने की कैद के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान आखिरकार मंगलवार, 23 सितंबर 2025 को सीतापुर जेल से रिहा हो गए। जेल से बाहर निकलते ही उन्होंने अपनी कार से समर्थकों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। इस दौरान आजम अपने पुराने अंदाज में नजर आए, काला चश्मा, काली सदरी और सफेद कुर्ता पहने हुए। उनके दोनों बेटे, अदीब और अब्दुल्ला, उन्हें लेने जेल पहुंचे थे। अदीब ने कहा, "आज के हीरो आजम साहब हैं।" रिहाई के बाद आजम खान रामपुर के लिए रवाना हो गए।
रिहाई में देरी, 6 हजार के जुर्माने ने अटकाया
आजम खान की रिहाई सुबह 9 बजे होनी थी, लेकिन कागजी कार्रवाई में एक नया पेंच फंस गया। रामपुर कोर्ट में उनके खिलाफ एक मामले में 6 हजार रुपये का जुर्माना बकाया था, जो पहले जमा नहीं किया गया था। सुबह 10 बजे कोर्ट खुलते ही उनके एक रिश्तेदार ने यह राशि जमा की। इसके बाद कोर्ट से ईमेल के जरिए सीतापुर जेल को सूचना भेजी गई, और दोपहर 12:30 बजे उनकी रिहाई हो सकी। इस तरह 6 हजार रुपये के जुर्माने के कारण उन्हें साढ़े तीन घंटे अतिरिक्त जेल में रहना पड़ा।
समर्थकों का उत्साह, पुलिस ने लगाई पाबंदी
आजम खान की रिहाई का स्वागत करने के लिए मुरादाबाद सांसद रुचि वीरा और 200 से अधिक सपा कार्यकर्ता सीतापुर जेल के बाहर पहुंचे। हालांकि, पुलिस ने धारा-144 का हवाला देकर समर्थकों को जेल परिसर से दूर रखा। पुलिस ने 25 कार्यकर्ताओं की गाड़ियों का चालान भी काटा, क्योंकि वे नो पार्किंग जोन में खड़ी थीं। ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि यह कार्रवाई ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए की गई। इस दौरान रुचि वीरा की पुलिस से तीखी बहस भी हुई, जब उनकी गाड़ी को जेल की ओर जाने से रोका गया।
हाईकोर्ट से जमानत, आखिरी मुकदमे का रास्ता साफ
आजम खान के खिलाफ कुल 104 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से 93 अकेले रामपुर में हैं। 12 मामलों में फैसला आ चुका है, कुछ में सजा हुई, तो कुछ में वे बरी हो गए। पांच दिन पहले हाईकोर्ट ने उन्हें बीयर बार पर कब्जे से जुड़े एक मामले में जमानत दी थी। हालांकि, पुलिस ने शत्रु संपत्ति मामले में नई धाराएं जोड़ी थीं, जिन्हें 20 सितंबर को रामपुर कोर्ट ने खारिज कर दिया। यह आखिरी मुकदमा था, जिसमें जमानत बाकी थी, जिसके बाद उनकी रिहाई का रास्ता साफ हुआ।
आजम का जेल सफर: 2020 से 2025 तक
आजम खान को फरवरी 2020 में गिरफ्तार किया गया था और शुरू में रामपुर जेल भेजा गया था। बाद में सुरक्षा कारणों से उन्हें सीतापुर जेल शिफ्ट कर दिया गया। मई 2022 में उन्हें जमानत पर रिहा किया गया था, लेकिन 18 अक्टूबर 2023 को एक मामले में सजा होने के बाद उन्होंने सरेंडर कर दिया। इसके बाद उन्हें फिर से रामपुर और फिर सीतापुर जेल भेजा गया। 2022 में भड़काऊ भाषण के एक मामले में दो साल की सजा के बाद उनकी विधायकी भी चली गई थी।
अखिलेश का समर्थन, बीजेपी का तंज
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आजम की रिहाई पर खुशी जताते हुए कहा, "आजम खान को झूठे मुकदमों में फंसाया गया था। उनकी रिहाई सभी के लिए खुशी का दिन है। आने वाले समय में सभी फर्जी केस खत्म होंगे। सपा सरकार बनने पर ऐसे सभी केस वापस लिए जाएंगे।" उन्होंने यह भी दावा किया कि कुछ बीजेपी नेताओं ने भी माना है कि आजम को उनकी धार्मिक पहचान के कारण निशाना बनाया गया।
वहीं, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने X पर तंज कसते हुए लिखा, "चाहे आजम खान सपा में रहें या बसपा में जाएं, 2027 में दोनों पार्टियों की हार तय है।"
क्या आजम खान जाएंगे बसपा में?
रुचि वीरा ने आजम खान के बसपा में शामिल होने की अटकलों को खारिज करते हुए कहा, "आजम साहब सपा के संस्थापक सदस्य हैं। उन्होंने इस पार्टी को अपने खून-पसीने से सींचा है। मुझे नहीं लगता कि वे ऐसा कोई फैसला लेंगे।" उन्होंने कहा कि आजम खान जैसे बड़े नेता को कई पार्टियां अपनी ओर आकर्षित करना चाहेंगी, लेकिन उनकी सपा के प्रति निष्ठा अटल है।