छत पर कपड़े सुखाने गई 22 वर्षीय मुस्कान की करंट से मौत, परिवार का सपना चूर-चूर

बबाई गांव में 22 वर्षीय मुस्कान की छत पर कपड़े सुखाते समय बिजली लाइन की चपेट में आने से मौत हो गई। गुस्साए ग्रामीणों ने बिजली विभाग की लापरवाही के खिलाफ शव पावर हाउस के सामने रखकर विरोध प्रदर्शन किया।

Aug 15, 2025 - 19:22
छत पर कपड़े सुखाने गई 22 वर्षीय मुस्कान की करंट से मौत, परिवार का सपना चूर-चूर

राजस्थान के झुंझुनूं जिले के खेतड़ी इलाके में आज एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जहां एक युवती की जिंदगी महज कपड़े सुखाने की साधारण दिनचर्या में उलझी बिजली की तारों से छिन गई। 22 साल की मुस्कान, जो अपने परिवार की सबसे बड़ी बेटी थी, छत पर कपड़े सुखाने गई थी, लेकिन 33 केवी की हाई वोल्टेज लाइन की चपेट में आ गई। इस हादसे ने न सिर्फ एक परिवार को तोड़ दिया, बल्कि पूरे गांव को गुस्से से भर दिया। मुस्कान की शादी जनवरी में तय थी, लेकिन अब उसके सपने हमेशा के लिए अधूरे रह गए।

हादसा दोपहर करीब 3 बजे बबाई गांव में हुआ। मुस्कान, पिता राशिद खान की बेटी, घर की छत पर रोज की तरह कपड़े सुखा रही थी। अचानक वह ऊपर से गुजर रही बिजली की लाइन के संपर्क में आ गई, जिससे उसे तेज करंट लगा। परिजनों ने तुरंत उसे सरकारी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों के तमाम प्रयासों के बावजूद उसकी जान नहीं बच सकी। मुस्कान परिवार में चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी और घर की जिम्मेदारियां संभालती थी। उसके पिता राशिद खान सदमे में हैं, परिवार की आर्थिक हालत भी ठीक नहीं है, और अब इस हादसे ने उन्हें और गहरे दुख में डुबो दिया। गांव वाले बताते हैं कि मुस्कान की शादी की तैयारियां चल रही थीं, घर में खुशी का माहौल था, लेकिन एक पल में सब कुछ बदल गया।

हादसे के बाद गांव में आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों ने मुस्कान के शव को पावर हाउस के सामने रखकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका आरोप है कि बिजली विभाग की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ। गांव वालों का कहना है कि उन्होंने कई बार विभाग को शिकायत की थी कि बिजली की तारें काफी नीचे लटक रही हैं और इन्हें ऊंचा करने या ठीक करने की जरूरत है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। "हमने बार-बार कहा, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। अब एक जवान बेटी चली गई, क्या तब जागेंगे?" - एक ग्रामीण ने दुखी होकर कहा। प्रदर्शन में पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष निरंजन लाल सैनी, सुनील कुमार नायक, इमरान कुरेशी, विष्णु नायक, इमरान तंवर, सतपाल खटाना, प्रदीप कुमार और रामअवतार सैनी जैसे कई लोग शामिल हुए।

ग्रामीणों की मांगें साफ हैं - परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए, आर्थिक स्थिति को देखते हुए परिवार के एक सदस्य को नौकरी मिले, और बिजली विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज किया जाए। प्रदर्शन की सूचना मिलते ही खेतड़ी के डीएसपी जुल्फिकार अली और थानाधिकारी जयप्रकाश मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे। अभी तक विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले में जांच शुरू होगी।

Yashaswani Journalist at The Khatak .