अमेरिकी टैरिफ से जयपुर की जेम्स एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री में हाहाकार, लाखों की आजीविका पर संकट.

अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए 50% टैरिफ ने जयपुर के जेम्स एंड ज्वेलरी उद्योग को गहरे संकट में डाल दिया है। इस नीति से 2,500 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ है, पुराने ऑर्डर रद्द हो रहे हैं, और नए ऑर्डर मिलने में कमी आई है। जयपुर, जो रंगीन रत्नों का सबसे बड़ा केंद्र है, में हजारों कारीगरों की आजीविका खतरे में है। व्यापारी वैकल्पिक बाजारों की तलाश और सरकारी सहायता की मांग कर रहे हैं।

Sep 10, 2025 - 11:56
अमेरिकी टैरिफ से जयपुर की जेम्स एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री में हाहाकार, लाखों की आजीविका पर संकट.

अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए 50% टैरिफ ने राजस्थान के जेम्स एंड ज्वेलरी उद्योग को गहरे संकट में डाल दिया है। विशेष रूप से जयपुर, जो रंगीन रत्नों (कलर्ड जेमस्टोन्स) का देश का सबसे बड़ा केंद्र है, इस नीति से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस टैरिफ वृद्धि के कारण जयपुर के जेम्स एंड ज्वेलरी कारोबार को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, जिससे हजारों कारीगरों और श्रमिकों के सामने बेरोजगारी का खतरा मंडरा रहा है। उद्योग से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि अमेरिकी बाजार में मांग घटने और ऑर्डर रद्द होने से स्थिति और गंभीर हो गई है।

टैरिफ का प्रभाव और आर्थिक नुकसान

जयपुर का जेम्स एंड ज्वेलरी उद्योग मुख्य रूप से अमेरिकी बाजार पर निर्भर है, जहां से इस उद्योग को सालाना लगभग 17,500 करोड़ रुपये का निर्यात होता है। इसमें से 6,000 से 7,000 करोड़ रुपये का व्यापार केवल अमेरिका के साथ है। अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ के कारण भारतीय रत्न और आभूषण अमेरिकी बाजार में महंगे हो गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप अमेरिकी खरीदारों ने नए ऑर्डर देने में कटौती शुरू कर दी है और कई पुराने ऑर्डर भी रद्द हो रहे हैं। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, इस टैरिफ नीति से राजस्थान के जेम्स एंड ज्वेलरी सेक्टर को अनुमानित 2,500 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। कुछ रिपोर्ट्स में यह नुकसान 5,000 करोड़ रुपये तक होने की आशंका जताई गई है। जयपुर ज्वेलर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राजू मंगोड़ीवाला ने बताया कि पिछले दो महीनों में व्यापार आधा हो गया है, और अगर यही स्थिति रही तो कई छोटे-बड़े व्यापारी और कारीगर आर्थिक संकट का सामना करेंगे। 

कारीगरों पर बेरोजगारी की मार

जयपुर में जेम्स एंड ज्वेलरी उद्योग से लगभग 2 लाख लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं। इनमें कारीगर, पॉलिशर, डिजाइनर, और अन्य श्रमिक शामिल हैं, जो रंगीन रत्नों जैसे पन्ना, नीलम, और अकीक को तराशने और ज्वेलरी बनाने में विशेषज्ञता रखते हैं। टैरिफ वृद्धि के कारण निर्यात में कमी से कई कारखानों में उत्पादन घट गया है, और कुछ फैक्ट्रियां बंद होने के कगार पर हैं। जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट्स प्रोमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष राजीव जैन ने चेतावनी दी है कि अगर यह स्थिति लंबे समय तक रही, तो निर्यात में 50% तक की कमी आ सकती है, जिससे हजारों कारीगर बेरोजगार हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि पहले ही पिछले दो वर्षों में ज्वेलरी निर्यात में 30% की गिरावट दर्ज की गई है, और अब यह टैरिफ नीति उद्योग के लिए और घातक साबित हो रही है। 

वैकल्पिक बाजारों की तलाश

उद्योग के कुछ व्यापारी और विशेषज्ञ इस संकट से निपटने के लिए वैकल्पिक बाजारों की तलाश की बात कर रहे हैं। युवा जेम्स कारोबारी गौरव जैन का कहना है कि भारत को अब यूरोप, खाड़ी देशों, और एशियाई बाजारों में अपनी पैठ बढ़ानी होगी। उनका मानना है कि अमेरिकी बाजार पर अत्यधिक निर्भरता इस संकट का प्रमुख कारण है। हालांकि, नए बाजारों में प्रवेश करना आसान नहीं है, क्योंकि वहां पहले से ही चीन, थाईलैंड, और हांगकांग जैसे देशों का दबदबा है, जो कम टैरिफ के कारण प्रतिस्पर्धी हैं। 

जयपुर जेम्स एंड ज्वेलरी एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष संजय काला ने बताया कि इस उद्योग में लाभ मार्जिन केवल 6 से 10% है। ऐसे में 50% टैरिफ को सहन करना असंभव है। उन्होंने सरकार से राहत पैकेज की मांग की है, ताकि निर्यातकों और कारीगरों को सहारा मिल सके। 

सरकारी प्रयास और चुनौतियां

राजस्थान सरकार इस स्थिति पर नजर रखे हुए है और उद्योग जगत के साथ समीक्षा बैठकें कर रही है। कुछ व्यापारियों का मानना है कि अगर टैरिफ नीति अस्थायी है, तो स्थिति धीरे-धीरे सुधर सकती है। हालांकि, लंबे समय तक टैरिफ लागू रहने पर न केवल जेम्स एंड ज्वेलरी, बल्कि गारमेंट्स और हैंडीक्राफ्ट्स जैसे अन्य निर्यात-आधारित उद्योग भी प्रभावित होंगे। केंद्र सरकार से भी उद्योग जगत ने समर्थन की मांग की है। कलर स्टोन कारोबार के कन्वेनर डीपी खंडेलवाल ने सुझाव दिया कि सरकार को कोई वैकल्पिक रास्ता निकालना चाहिए, जैसे कि निर्यातकों को सब्सिडी या कर राहत देना।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति ने जयपुर के जेम्स एंड ज्वेलरी उद्योग को गहरे संकट में डाल दिया है। 50% टैरिफ के कारण निर्यात में भारी गिरावट, ऑर्डर रद्द होना, और बेरोजगारी की मार ने उद्योग को हिलाकर रख दिया है। कारीगरों और व्यापारियों के सामने अनिश्चितता का माहौल है, और अब सरकार और उद्योग जगत को मिलकर नए बाजारों की तलाश और राहत पैकेज जैसे कदम उठाने होंगे। अगर समय रहते समाधान नहीं निकाला गया, तो यह उद्योग और इससे जुड़े लाखों लोगों की आजीविका पर और गहरा असर डाल सकता है।