14 की नन्हीं उम्र: ममता की गोद में, बचपन लुटा, सपने बिखरे
14 वर्षीय नाबालिग विवाहिता मां बनी, पति-सास गिरफ्तार, बुआ-फूफा फरार; सामाजिक संगठन मदद को आगे आया।

पानीपत शहर की एक कॉलोनी में रहने वाली 14 वर्षीय नाबालिग लड़की मां बन गई है। एक साल पहले सोनीपत के गन्नौर में उसकी शादी कराई गई थी। हाल ही में उसने एक बेटे को जन्म दिया। नॉर्मल डिलिवरी होने के कारण जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। दोनों को पानीपत के एक सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की विशेष टीम की निगरानी में रखा गया है। इस मामले ने नाबालिग विवाह और सामाजिक जागरूकता की कमी जैसे गंभीर मुद्दों को फिर से उजागर किया है।
अस्पताल से सूचना मिलने के बाद सोनीपत पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नाबालिग के पति, सास, और शादी कराने वाले बुआ-फूफा के खिलाफ बाल विवाह अधिनियम और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। पुलिस ने नाबालिग के पति और सास को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि बुआ और फूफा फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश में छापेमारी कर रही है।
नाबालिग की आपबीती: अनजान थी शादी और गर्भावस्था का मतलब
नाबालिग ने पुलिस और अस्पताल स्टाफ को अपनी दर्दनाक कहानी सुनाई। उसने बताया कि वह पांच साल की उम्र से अपनी बुआ और फूफा के साथ रह रही थी, जिन्हें वह माता-पिता मानती थी। उसका कहना है, “मैंने कभी अपने असली माता-पिता को नहीं देखा। फूफा शराब पीकर मुझे ताने देते थे कि मैं गोद ली हुई हूं। वे कहते थे कि मेरे पिता की मृत्यु हो चुकी है और मां किसी के साथ भाग गई।”
नाबालिग को कभी स्कूल जाने का मौका नहीं मिला और उसे अपनी उम्र तक की जानकारी नहीं थी। सात साल की उम्र से उसे घर के सारे काम सिखाए गए। 12 साल की उम्र में फूफा ने उसकी शादी की बात शुरू की। बुआ ने कई बार उसकी कम उम्र का हवाला देकर टाला, लेकिन फूफा के दबाव और शराब के नशे में झगड़ों के कारण आखिरकार 13 साल की उम्र में उसकी शादी सोनीपत के गन्नौर में एक 23 वर्षीय युवक से कर दी गई।
नाबालिग ने बताया, “मुझे नहीं पता था कि शादी क्या होती है, क्यों होती है। मैं जैसा सब कहते थे, वैसा करती गई।” शादी के कुछ महीनों बाद उसे पेट में दर्द हुआ, लेकिन उसे गर्भावस्था के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। सात महीने की गर्भवती होने पर उसकी जेठानी उसे सरकारी अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उसकी स्थिति देखकर पुलिस को सूचित किया।
मामले की जानकारी मिलने पर नारी तू नारायणी उत्थान समिति की अध्यक्ष सविता आर्या ने अस्पताल में नाबालिग से मुलाकात की। उन्होंने जच्चा-बच्चा का हाल जाना और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। सविता आर्या ने कहा, “यह लड़की सिस्टम की मार झेल रही है। इसके साथ इतना कुछ हो गया, लेकिन इसे कुछ समझ ही नहीं है। यह बहुत मासूम है। हम प्रशासन के साथ मिलकर इसके लिए हर तरह की मदद करेंगे।”
फिलहाल नाबालिग की देखभाल उसकी बुआ की जेठानी कर रही हैं, जिनके पति की मृत्यु हो चुकी है। नाबालिग ने चिंता जताते हुए कहा, “मुझे समझ नहीं आ रहा कि मेरा अब क्या होगा। बुआ-फूफा फरार हैं, पुलिस उन्हें भी पकड़ लेगी।”