घर के बाहर खड़ी कार में मिले दो मासूम भाइयों के शव, परिवार सदमे में...
जयपुर के दिल्ली-जयपुर हाईवे पर बसी नागतलाई कॉलोनी में शाम दो मासूम भाई, 8 साल के नस और 5 साल के एहसान, खेलने निकले, लेकिन उनकी जिंदगी एक रहस्यमयी त्रासदी में खत्म हो गई। घंटों की तलाश के बाद उनके शव घर के पास खड़ी एक कार में मिले, जिसने परिवार और समुदाय को गहरे दुख में डुबो दिया। मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं, लेकिन दम घुटने या साजिश की आशंका के बीच पुलिस जांच में जुटी है। दो मासूमों की हंसी अब चीखों में बदल गई, और परिवार का कलेजा चाक हो गया।

जयपुर, 21 अगस्त 2025: राजस्थान की राजधानी जयपुर के दिल्ली-जयपुर हाईवे पर स्थित बसी नागतलाई कॉलोनी में एक दिल दहलाने वाली घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। दो मासूम भाई, 8 साल के नस और 5 साल के एहसान, जो खेलने के लिए घर से निकले थे, अपनी जिंदगी का आखिरी सफर तय कर गए। घंटों की तलाश के बाद परिजनों को उनके शव घर के पास खड़ी एक एसयूवी में मिले, जिसने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डुबो दिया।
क्या हुआ उस शाम?
नस और एहसान अपने घर से खेलने के लिए बाहर निकले। जब देर रात तक वे घर नहीं लौटे, तो परिजनों की चिंता बढ़ गई। रात करीब 10:30 बजे तक कोई सुराग न मिलने पर परिजनों ने गलता गेट थाना पुलिस को सूचना दी। डीसीपी (नॉर्थ) करण शर्मा के नेतृत्व में पुलिस ने तुरंत तलाश शुरू की। आसपास के इलाकों और गाड़ियों की जांच के दौरान घर के पास खड़ी एक एसयूवी में दोनों बच्चों के शव मिले। शवों की हालत देखकर हर कोई सन्न रह गया—दोनों के शरीर अकड़े हुए थे, और चेहरों पर मासूमियत अब भी बरकरार थी, लेकिन जिंदगी का दम टूट चुका था।
मौत का कारण: रहस्य बरकरार
पुलिस के अनुसार, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि बच्चों की मौत कैसे हुई। प्रारंभिक जांच में दम घुटने से मौत की आशंका जताई जा रही है, लेकिन यह भी संदेह है कि कोई साजिश हो सकती है। परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है, जिसके चलते पुलिस हर पहलू की गहन जांच कर रही है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए जयपुर के सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल के मुर्दाघर में रखा गया है। पोस्टमॉर्टम के बाद मौत के सटीक कारणों का खुलासा होने की उम्मीद है।
परिजनों का हाल: चीख-पुकार और सदमा
35 किलोमीटर तक बच्चों की तलाश में भटकने के बाद जब परिजनों को उनके शव घर के सामने खड़ी कार में मिले, तो उनका गम असहनीय हो गया। मां-बाप और रिश्तेदारों की चीखें आसमान तक गूंज रही थीं। एक परिजन ने रोते हुए कहा, "वे तो बस खेलने गए थे... कैसे सोच सकते थे कि ऐसा होगा?" कॉलोनी में मातम का माहौल है, और हर आंख नम है। बच्चों की मासूमियत और उनके अचानक चले जाने का दर्द पूरे समुदाय को झकझोर रहा है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
गलता गेट थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। डीसीपी करण शर्मा ने बताया कि पुलिस हर संभावित कोण से जांच कर रही है, जिसमें यह भी शामिल है कि बच्चे स्वयं कार में गए या किसी ने उन्हें वहां बंद किया। आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है, और पुलिस ने जनता से भी कोई भी सुराग देने की अपील की है।
इलाके में दहशत, सवाल बरकरार
इस घटना ने बसी नागतलाई कॉलोनी में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर बच्चे उस कार में कैसे पहुंचे? क्या यह महज एक हादसा था, या इसके पीछे कोई साजिश है? स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस तरह की घटना ने उन्हें सुरक्षा को लेकर और सतर्क कर दिया है।
यह हादसा न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है। बच्चों की सुरक्षा और सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों की निगरानी जैसे मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। पुलिस की जांच पूरी होने और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही इस दुखद कहानी के पीछे का सच सामने आएगा। तब तक, मासूम मुस्कानें हर किसी के जेहन में जिंदा रहेंगी, जो इस हादसे की त्रासदी को और गहरा बनाती हैं।