स्कूल में पीरियड्स आये तो कपड़े उतरवाकर प्रिंसिपल ने चेक किया,प्रोजेक्टर पर खून के धब्बों की फोटो चलवाई

स्कूल प्रशासन ने छात्राओं की तलाशी ली और उनके फिंगरप्रिंट भी लिए। दीवार पर लगे खून के धब्बों की तस्वीरें प्रोजेक्टर पर दिखाकर छात्राओं पर दबाव बनाया गया।

Jul 10, 2025 - 12:45
Jul 10, 2025 - 13:29
स्कूल में पीरियड्स आये तो कपड़े उतरवाकर प्रिंसिपल ने चेक किया,प्रोजेक्टर पर खून के धब्बों की फोटो चलवाई

महाराष्ट्र के ठाणे जिले के शाहापुर में स्थित रतनबाई दमानी स्कूल में 8 जुलाई 2025 को एक शर्मनाक और अमानवीय घटना सामने आई है। स्कूल के शौचालय में खून के धब्बे मिलने के बाद प्रिंसिपल और स्कूल स्टाफ ने कक्षा 6 से 10 तक की करीब 125 छात्राओं के कपड़े उतरवाकर उनकी मासिक धर्म की जांच की। इस घटना ने अभिभावकों और स्थानीय समुदाय में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रिंसिपल और एक चपरासी को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही, छह लोगों के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

मंगलवार, 8 जुलाई 2025 को स्कूल के शौचालय में हाउसकीपिंग स्टाफ को खून के धब्बे मिले। इसकी सूचना प्रिंसिपल को दी गई, जिन्होंने इसे मासिक धर्म से जोड़कर देखा। इसके बाद, प्रिंसिपल ने कक्षा 5 से 10 तक की छात्राओं को स्कूल के हॉल में बुलाया और शौचालय के फर्श पर मिले खून के धब्बों की तस्वीरें प्रोजेक्टर पर दिखाईं।

प्रिंसिपल ने छात्राओं को दो समूहों में बांटने का आदेश दिया: एक समूह उन छात्राओं का, जो मासिक धर्म से गुजर रही थीं, और दूसरा उन छात्राओं का, जो नहीं थीं। इसके बाद, एक महिला चपरासी को 10 से 12 साल की कुछ लड़कियों की जांच करने के लिए कहा गया, जिन्होंने कहा था कि उन्हें मासिक धर्म नहीं हो रहा है। जांच के दौरान, चपरासी ने कथित तौर पर छात्राओं के अंतर्वस्त्रों को छुआ और एक लड़की को सैनिटरी नैपकिन इस्तेमाल करते हुए पाया, जो उस समूह में थी, जिसने मासिक धर्म न होने की बात कही थी। प्रिंसिपल ने इस छात्रा को अन्य छात्राओं और स्टाफ के सामने डांटकर अपमानित किया।

इसके अतिरिक्त, स्कूल प्रशासन ने छात्राओं की तलाशी ली और उनके फिंगरप्रिंट भी लिए। दीवार पर लगे खून के धब्बों की तस्वीरें प्रोजेक्टर पर दिखाकर छात्राओं पर दबाव बनाया गया।

अभिभावकों का आक्रोश और विरोध प्रदर्शन

घटना की जानकारी मिलने के बाद गुस्साए अभिभावक बुधवार, 9 जुलाई 2025 को स्कूल परिसर के बाहर इकट्ठा हुए और स्कूल प्रबंधन व शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने उनकी बेटियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया और उनकी निजता का उल्लंघन किया। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में भारी रोष पैदा किया और सोशल मीडिया पर भी इसकी व्यापक निंदा हुई।

पुलिस कार्रवाई और POCSO के तहत मामला दर्ज

घटना की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। महाराष्ट्र पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्कूल के प्रिंसिपल और एक चपरासी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके अलावा, दो शिक्षकों, दो ट्रस्टियों सहित कुल छह लोगों के खिलाफ POCSO अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अन्य चार आरोपियों की जांच कर रही है।

POCSO अधिनियम बच्चों को यौन शोषण और उत्पीड़न से बचाने के लिए बनाया गया है। इस कानून के तहत, नाबालिगों के साथ किसी भी प्रकार का अनुचित व्यवहार, जिसमें उनकी निजता का उल्लंघन शामिल है, गंभीर अपराध माना जाता है। इस मामले में दोषी पाए जाने वालों को कड़ी सजा का प्रावधान है, जिसमें सात साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा शामिल हो सकती है।

सामाजिक और कानूनी निहितार्थ

इस घटना ने स्कूलों में छात्राओं की सुरक्षा और निजता को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती हैं, बल्कि उनके आत्मविश्वास और स्कूल के प्रति भरोसे को भी कम करती हैं। बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए सख्त दिशा-निर्देश लागू किए जाएं और शिक्षकों व स्टाफ को संवेदनशीलता प्रशिक्षण दिया जाए।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया है और स्कूल प्रशासन से जवाब मांगा है। आयोग ने कहा कि बच्चों की निजता और गरिमा की रक्षा करना हर शिक्षण संस्थान की जिम्मेदारी है।

स्कूल प्रशासन का पक्ष

रतनबाई दमानी स्कूल के प्रबंधन ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, कुछ सूत्रों के अनुसार, स्कूल प्रशासन इस घटना को "गलतफहमी" का परिणाम बता रहा है और दावा कर रहा है कि उनकी मंशा छात्राओं को नुकसान पहुंचाने की नहीं थी। लेकिन अभिभावकों और पुलिस ने इस दलील को खारिज कर दिया है।

पुलिस ने स्कूल परिसर की जांच शुरू कर दी है और सीसीटीवी फुटेज की छानबीन कर रही है। साथ ही, प्रभावित छात्राओं और उनके अभिभावकों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या स्कूल में पहले भी इस तरह की घटनाएं हुई हैं। स्थानीय प्रशासन ने स्कूल को नोटिस जारी किया है और शिक्षा विभाग से इस मामले की विस्तृत जांच की मांग की है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .