ट्रंप का Tech जगत पर बड़ा प्रहार: iPhone-Samsung पर 25% टैरिफ, EU से आयात पर 50% कर की धमकी, पहले भी कई बार दी थी चेतावनी!
डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि अमेरिका के बाहर बने सभी स्मार्टफोनों, जैसे iPhone और Samsung, पर 25% टैरिफ लगेगा, और यूरोपीय संघ (EU) से आयातित सामानों पर 50% टैरिफ थोपा जाएगा। यह कदम अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और व्यापार घाटा कम करने के लिए है। ट्रंप ने पहले भी 2018 और 2025 में ऐपल को अमेरिका में उत्पादन शुरू करने की चेतावनी दी थी। इस ऐलान से ऐपल के शेयर 3-4% गिरे, और वैश्विक बाजारों में हलचल मची। EU जवाबी टैरिफ की तैयारी कर रहा है, जबकि भारत जैसे देशों को मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने का मौका मिल सकता है। उपभोक्ताओं को महंगे फोन और सामान का सामना करना पड़ सकता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक व्यापार में हलचल मचा दी है। उन्होंने शुक्रवार, 23 मई 2025 को ऐलान किया कि अमेरिका के बाहर बने सभी स्मार्टफोनों, जैसे ऐपल के आईफोन और सैमसंग के फोन, पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा। साथ ही, यूरोपीय संघ (EU) से आने वाले सामानों पर 1 जून 2025 से 50% टैरिफ लगाने की धमकी दी है। यह घोषणा ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर की, जिससे वैश्विक बाजारों में खलबली मच गई। ऐपल के शेयर 3-4% गिरे, और यूरोपीय शेयर बाजारों में भी उथल-पुथल देखी गई।
ट्रंप का ऐपल पर पहले भी रहा है निशाना
यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने ऐपल और अन्य TECH कंपनियों को निशाना बनाया है। अपनी पहली प्रेसीडेंसी (2017-2021) के दौरान भी ट्रंप ने ऐपल के सीईओ टिम कुक को कई बार चेतावनी दी थी कि आईफोन का उत्पादन अमेरिका में करना होगा। 2018 में, ट्रंप ने ऐपल पर दबाव डाला था कि वह अपनी मैन्युफैक्चरिंग को चीन से अमेरिका लाए, अन्यथा टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। उस समय ट्रंप ने कहा था, "ऐपल को अमेरिका में प्लांट बनाना चाहिए, ताकि टैरिफ से बचा जा सके।"
हाल ही में, 23 मई 2025 को ट्रंप ने फिर से टिम कुक को निशाना बनाते हुए कहा, "मैंने टिम कुक को पहले ही बता दिया था कि अगर आईफोन अमेरिका में बिकने हैं, तो उन्हें अमेरिका में ही बनाना होगा, न कि भारत या कहीं और।" यह बयान ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया, और इसे बाद में सभी स्मार्टफोन निर्माताओं तक विस्तारित कर दिया, जिसमें सैमसंग जैसी कंपनियां भी शामिल हैं।
ट्रंप ने बुधवार, 21 मई 2025 को टिम कुक के साथ व्हाइट हाउस में मुलाकात की थी, जहां उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक, ट्रंप ने कुक को साफ शब्दों में कहा कि विदेश में बने आईफोन पर टैरिफ लगेगा।
ट्रंप का कहना है कि उनका लक्ष्य अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और देश में नौकरियां बढ़ाना है। वे मानते हैं कि विदेशी कंपनियां, खासकर यूरोपीय संघ और चीन, अमेरिका के साथ व्यापार में अनुचित लाभ उठा रही हैं। ट्रंप के अनुसार, अमेरिका का व्यापार घाटा (ट्रेड डेफिसिट) बहुत बड़ा है, और इसे कम करने के लिए टैरिफ जरूरी हैं। उन्होंने दावा किया कि यूरोपीय संघ के "ट्रेड बैरियर्स, वैट टैक्स, कॉरपोरेट पेनल्टी, और गैर-मौद्रिक व्यापार बाधाएं" अमेरिका के लिए नुकसानदायक हैं।
ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर कंपनियां अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग शुरू करेंगी, तो उन्हें टैरिफ से छूट मिल सकती है। हालांकि, उन्होंने यूरोपीय संघ के साथ किसी समझौते की संभावना को खारिज करते हुए कहा, "मैं कोई डील नहीं ढूंढ रहा। टैरिफ 50% होगा।"
- अप्रैल 2025 में टैरिफ छूट: ट्रंप ने अप्रैल 2025 में चीन से आयातित स्मार्टफोनों और इलेक्ट्रॉनिक्स पर टैरिफ से छूट दी थी, जिससे ऐपल और अन्य टेक कंपनियों को राहत मिली थी। यह छूट 125% तक के भारी टैरिफ से बचाव के लिए थी।
- फरवरी-मार्च 2025 में ऑटो और स्टील पर टैरिफ: ट्रंप ने मार्च 2025 में सभी देशों से आयातित स्टील और एल्यूमिनियम पर 25% टैरिफ लगाया था। अप्रैल में, उन्होंने ऑटोमोबाइल और ऑटो पार्ट्स पर भी 25% टैरिफ लागू किया।
- चीन पर भारी टैरिफ: अप्रैल 2025 में ट्रंप ने चीन से आयात पर 145% तक टैरिफ लगाया था, जिसे बाद में 30% तक कम किया गया। जवाब में, चीन ने अमेरिकी सामानों पर 125% टैरिफ लगाया।
- कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ: फरवरी 2025 में, ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको से आयात पर 25% टैरिफ लगाया था, जिसका कारण उन्होंने फेंटानिल और अवैध प्रवास को बताया।
इस बार ट्रंप ने न केवल ऐपल, बल्कि सभी स्मार्टफोन निर्माताओं को निशाना बनाया है। पहले जहां टैरिफ छूट दी गई थी, अब ट्रंप ने साफ कर दिया कि यह छूट अस्थायी थी। साथ ही, यूरोपीय संघ पर 50% टैरिफ की धमकी पहले के 20% टैरिफ (जो बाद में 10% कर दिया गया था) से कहीं अधिक आक्रामक है।
ट्रंप ने कहा, "अगर स्मार्टफोन अमेरिका में बनते हैं, तो कोई टैरिफ नहीं होगा।" यह बयान ऐपल के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि कंपनी ने हाल ही में भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाई है। ऐपल ने घोषणा की थी कि जून 2025 तक अमेरिका में बिकने वाले ज्यादातर आईफोन भारत में बनाए जाएंगे।
बाजार और उपभोक्ताओं पर असर
- ऐपल और सैमसंग: टैरिफ लागू होने पर आईफोन और सैमसंग फोन की कीमतें बढ़ सकती हैं। विश्लेषकों का अनुमान है कि एक $1200 का आईफोन $1500-$2300 तक महंगा हो सकता है।
- यूरोपीय संघ: EU से आयातित कार, दवाइयां, लग्जरी सामान और खाद्य पदार्थ जैसे इतालवी ऑलिव ऑयल महंगे हो सकते हैं। EU के कुल निर्यात का मूल्य 500 अरब यूरो है, जिसमें जर्मनी, आयरलैंड और इटली सबसे बड़े निर्यातक हैं।
- वैश्विक बाजार: ट्रंप की घोषणा के बाद S&P 500 में 0.67% की गिरावट आई, और जर्मनी व फ्रांस के शेयर बाजार 1.5% से अधिक गिरे।
- भारत को फायदा?: भारत में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने वाली कंपनियां, जैसे ऐपल, को कुछ राहत मिल सकती है, क्योंकि भारत पर टैरिफ 26% है, जो EU के 50% से कम है।
यूरोपीय संघ और अन्य देशों की प्रतिक्रिया
- EU की प्रतिक्रिया: EU के व्यापार आयुक्त मारोस सेफकोविक ने कहा, "EU-US व्यापार आपसी सम्मान पर आधारित होना चाहिए, न कि धमकियों पर।" EU ने जवाबी टैरिफ की तैयारी शुरू कर दी है, जिसमें अमेरिकी व्हिस्की और अन्य सामानों पर टैरिफ शामिल हैं।
- अन्य देश: जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने इसे "राष्ट्रीय संकट" बताया, जबकि कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने जवाबी टैरिफ की धमकी दी।
ट्रंप की इस रणनीति से वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इससे अमेरिकी उपभोक्ताओं को नुकसान होगा, क्योंकि आयातित सामान महंगे हो जाएंगे, जिससे मुद्रास्फीति बढ़ सकती है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम अमेरिका को मंदी की ओर ले जा सकता है।
दूसरी ओर, ट्रंप का दावा है कि यह नीति अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देगी और 100 अरब डॉलर से अधिक टैक्स राजस्व उत्पन्न करेगी। हालांकि, ऐपल जैसी कंपनियों के लिए अमेरिका में बड़े पैमाने पर मैन्युफैक्चरिंग शुरू करना आसान नहीं है, क्योंकि इसके लिए भारी निवेश और समय चाहिए।
- ट्रंप ने 2 अप्रैल 2025 को अपने टैरिफ को "लिबरेशन डे" करार दिया था, जिसे उन्होंने "अमेरिका को धोखा देने वाले देशों" के खिलाफ ऐतिहासिक कदम बताया।
- ऐपल ने भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने के लिए 2026 तक $500 अरब निवेश करने की योजना बनाई है, लेकिन ट्रंप का नया टैरिफ इसे प्रभावित कर सकता है।
- ट्रंप ने पहले भी टैरिफ को "सबसे खूबसूरत शब्द" कहा था, और उनकी नीति का आधार "रेसिप्रोकल टैरिफ" है, यानी अमेरिका उतना ही टैरिफ लगाएगा, जितना अन्य देश अमेरिकी सामानों पर लगाते हैं।
ट्रंप का यह ऐलान टेक कंपनियों और वैश्विक व्यापार के लिए एक बड़ा झटका है। ऐपल और सैमसंग जैसे ब्रांड अब दबाव में हैं कि वे अपनी मैन्युफैक्चरिंग रणनीति बदलें। यूरोपीय संघ के साथ व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है, और भारत जैसे देशों के लिए यह एक अवसर हो सकता है। लेकिन, उपभोक्ताओं को महंगे फोन और सामान के लिए तैयार रहना पड़ सकता है। क्या ट्रंप की यह नीति अमेरिका को "वेल्थी अगेन" बनाएगी, या यह वैश्विक अर्थव्यवस्था को अस्थिर कर देगी? यह देखना बाकी है!