घूंघट की आड़ में चमका चोरों का हुनर, दिनदहाड़े ज्वैलरी दुकान से चुराए महिलाओं ने लाखों के गहने
जोधपुर के बालेसर कस्बे में चार अज्ञात महिलाओं ने दिनदहाड़े एक ज्वैलरी दुकान में चोरी की। घूंघट की आड़ में दुकानदार को बातों में उलझाकर उन्होंने करीब डेढ़ लाख रुपये के 150 तोला चांदी के जेवर चुरा लिए। वारदात सीसीटीवी में कैद हुई, और पुलिस फुटेज के आधार पर चोरों की तलाश कर रही है।

जोधपुर के बालेसर कस्बे में एक ऐसी चोरी की वारदात ने सबको हैरान कर दिया, जहां चार अज्ञात महिलाओं ने अपनी चतुराई और तेज-तर्रार अंदाज से ज्वैलरी दुकान को लूट लिया। यह घटना पुराने पुलिस थाने के पास वाली सड़क की गली में स्थित शेखर सोनी की ज्वैलरी दुकान में घटी, जहां ये महिलाएं घूंघट के पीछे अपनी पहचान छिपाकर दुकान में दाखिल हुईं। इन शातिर चोरों ने दुकानदार को बातों के जाल में फंसाया और पलक झपकते ही करीब डेढ़ लाख रुपये की कीमत के 150 तोला चांदी के जेवर चुराकर फरार हो गईं।
सुबह 11:28 बजे की इस सनसनीखेज वारदात में चारों महिलाओं ने बड़ी चालाकी दिखाई। दुकान में घुसते ही उन्होंने स्टाफ से पायल दिखाने की मांग की। घूंघट में छिपे चेहरों और एक साथ तेज-तेज बोलने की उनकी रणनीति ने दुकान के कर्मचारियों को भ्रम में डाल दिया। एक महिला ने स्टाफ को बातों में उलझाए रखा, जबकि बाकी दो ने मौके का फायदा उठाकर चांदी के डिब्बों से जेवर अपने कपड़ों में छिपा लिए। सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि स्टाफ को भनक तक नहीं लगी। चारों महिलाएं चोरी को अंजाम देकर आराम से दुकान से निकल गईं।
कुछ देर बाद जब दुकान के कर्मचारियों ने स्टॉक चेक किया, तो चांदी के कई आइटम गायब मिले। आनन-फानन में सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, जहां चारों महिलाओं की करतूत साफ नजर आई। फुटेज में दिखा कि कैसे उन्होंने सुनियोजित तरीके से चोरी को अंजाम दिया। दुकानदार शेखर सोनी ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, लेकिन तब तक चोर महिलाएं गायब हो चुकी थीं।
पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इन शातिर चोरों की तलाश में जुटी है। यह घटना स्थानीय व्यापारियों के बीच चर्चा का विषय बन गई है, और लोग इस बात से हैरान हैं कि कैसे दिनदहाड़े इतनी साहसिक चोरी को अंजाम दिया गया। पुलिस का कहना है कि जल्द ही इन चोरों को पकड़ लिया जाएगा, लेकिन तब तक बालेसर के व्यापारी सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं। यह वारदात न केवल एक चोरी की कहानी है, बल्कि चोरों की चालाकी और दुस्साहस का भी जीता-जागता सबूत है।