तेज प्रताप का नया बयान: तेजस्वी को बताया 'अर्जुन', 'जयचंद' पर साधा निशाना, RJD में सियासी भूचाल

RJD से 6 साल के लिए निष्कासित तेज प्रताप यादव ने X पर पोस्ट कर तेजस्वी यादव को 'अर्जुन' और खुद को 'कृष्ण' बताया, यह स्पष्ट करते हुए कि उनका 'जयचंद' वाला तंज तेजस्वी के लिए नहीं, बल्कि दूसरों के लिए था। उन्होंने माता-पिता लालू और राबड़ी देवी के प्रति निष्ठा जताई और तेजस्वी से उनका ख्याल रखने की अपील की। इस बयान ने RJD के अंदर और बाहर सियासी साजिशों के संकेत दिए, जिससे 2025 के बिहार चुनाव से पहले सियासत गरमा गई।

Jun 1, 2025 - 15:58
तेज प्रताप का नया बयान: तेजस्वी को बताया 'अर्जुन', 'जयचंद' पर साधा निशाना, RJD में सियासी भूचाल

पटना: बिहार की सियासत में एक बार फिर लालू प्रसाद यादव का परिवार सुर्खियों में है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से 6 साल के लिए निष्कासित किए गए तेज प्रताप यादव ने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव के लिए एक भावुक और सियासी संदेश जारी कर नई हलचल मचा दी है। तेज प्रताप ने तेजस्वी को 'अर्जुन' और खुद को 'कृष्ण' बताते हुए साफ किया कि उनका 'जयचंद' वाला तंज किसी और के लिए था, न कि तेजस्वी के लिए। इस बयान ने RJD के भीतर और बाहर चल रही सियासी साजिशों के कयासों को और हवा दे दी है।

तेज प्रताप का तेजस्वी के लिए संदेश

तेज प्रताप ने रविवार दोपहर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर तेजस्वी के लिए लिखा,

"मेरे अर्जुन से मुझे अलग करने का सपना देखने वालो, तुम कभी अपनी साज़िशों में सफल नही हो सकोगे. कृष्ण की सेना तो तुम ले सकते हो, लेकिन ख़ुद कृष्ण को नहीं. हर साज़िश को जल्द बेनकाब करूंगा. बस मेरे भाई भरोसा रखना. मैं हर परिस्थिति में तुम्हारे साथ हूं. फिलहाल दूर हूं. लेकिन मेरा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ था और रहेगा. मेरे भाई मम्मी-पापा का ख्याल रखना. जयचंद हर जगह हैं, अंदर भी और बाहर भी."

इस संदेश में तेज प्रताप ने तेजस्वी के साथ अपनी एकजुटता जताई और 'जयचंद' शब्द का इस्तेमाल कर उन लोगों पर निशाना साधा, जिन्हें वे सियासी साजिशकर्ता मानते हैं। इस बयान ने साफ कर दिया कि तेज प्रताप का 'जयचंद' वाला तंज तेजस्वी के लिए नहीं, बल्कि पार्टी या परिवार के भीतर या बाहर के कुछ अन्य लोगों के लिए था।

सुबह का ट्वीट और 'जयचंद' विवाद

रविवार सुबह तेज प्रताप ने अपने माता-पिता, लालू यादव और राबड़ी देवी के लिए एक भावुक पोस्ट साझा की थी, जिसमें उन्होंने लिखा था,

"मेरे प्यारे मम्मी-पापा… मेरी दुनिया बस आप दोनों में ही समाई है. आप मेरे लिए भगवान से बढ़कर हैं, और आपका दिया हर आदेश भी. आप हैं, तो मेरे पास सबकुछ है. मुझे सिर्फ़ आपका विश्वास और प्यार चाहिए. ना कि कुछ और. पापा, आप नहीं होते, तो ना ये पार्टी होती, और ना मेरे साथ राजनीति करने वाले कुछ जयचंद जैसे लालची लोग. बस मम्मी-पापा आप दोनों हमेशा स्वस्थ और ख़ुश रहें."

इस पोस्ट में 'जयचंद' शब्द के इस्तेमाल ने कई कयासों को जन्म दिया। कुछ लोगों ने अनुमान लगाया कि तेज प्रताप का इशारा तेजस्वी यादव की ओर हो सकता है। लेकिन दोपहर के उनके नए बयान ने इन अटकलों पर विराम लगा दिया, क्योंकि उन्होंने तेजस्वी को अपना 'अर्जुन' बताकर स्पष्ट किया कि उनका निशाना कोई और है।

तेज प्रताप का निष्कासन और सियासी बवंडर

लालू प्रसाद यादव ने 25 मई 2025 को अपने बड़े बेटे तेज प्रताप को RJD से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था। यह फैसला तेज प्रताप की एक फेसबुक पोस्ट के बाद लिया गया, जिसमें उन्होंने अनुष्का यादव के साथ अपने 12 साल पुराने रिश्ते का खुलासा किया था। इस पोस्ट के वायरल होने के बाद लालू ने तेज प्रताप को न केवल पार्टी से, बल्कि परिवार से भी बेदखल कर दिया। लालू ने कहा कि तेज प्रताप का व्यवहार 'गैर-जिम्मेदाराना' है और यह RJD के पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों के खिलाफ है।

इस निष्कासन के बाद तेजस्वी यादव ने भी अपने भाई के खिलाफ लालू के फैसले का समर्थन किया था। उन्होंने कहा, "अवमानना किसी की बर्दाश्त नहीं, लालू जी ने जो फैसला किया है, उस हम स्वीकारते हैं।" तेजस्वी के इस बयान ने कई लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया था कि भाइयों के बीच तनाव हो सकता है। लेकिन तेज प्रताप के ताजा बयान ने इन अटकलों को गलत साबित कर दिया।

'जयचंद' कौन? सियासी साजिश का दावा

तेज प्रताप के 'जयचंद' वाले बयान ने बिहार की सियासत में नया सवाल खड़ा कर दिया है। ऐतिहासिक रूप से 'जयचंद' शब्द विश्वासघात और धोखे का प्रतीक माना जाता है। तेज प्रताप ने अपने पोस्ट में साफ किया कि ये 'जयचंद' RJD के अंदर और बाहर दोनों जगह मौजूद हैं, लेकिन उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि तेज प्रताप का इशारा उन नेताओं या व्यक्तियों की ओर हो सकता है, जो उनके निष्कासन में शामिल रहे हों या जिन्हें वे अपनी सियासी मुश्किलों का जिम्मेदार मानते हैं।

कुछ विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप का यह बयान RJD के भीतर चल रही गुटबाजी को उजागर करता है। पार्टी में तेजस्वी के बढ़ते कद के बीच कुछ नेताओं के बीच असंतोष की खबरें पहले भी सामने आ चुकी हैं। तेज प्रताप का 'साजिश' वाला बयान इस ओर इशारा करता है कि वे अपने निष्कासन को एक सियासी चाल मानते हैं।

लालू परिवार और RJD की चुनौतियां

लालू यादव का परिवार पहले भी कई विवादों में घिर चुका है, और तेज प्रताप का यह प्रकरण उसकी नई कड़ी है। तेज प्रताप की अनुष्का यादव के साथ तस्वीर और उनके निष्कासन ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले RJD को मुश्किल में डाल दिया है। तेजस्वी यादव, जो पार्टी के सबसे बड़े चेहरे और बिहार में मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं, इस समय संगठन को मजबूत करने में जुटे हैं। लेकिन तेज प्रताप का विवाद और उनके 'जयचंद' वाले बयान ने पार्टी की एकता पर सवाल उठा दिए हैं।

तेज प्रताप ने पहले भी कई बार विवादास्पद बयान दिए हैं। उनकी पहली शादी, तलाक, और अब अनुष्का यादव के साथ रिश्ते का खुलासा, सभी ने लालू परिवार को चर्चा में ला दिया है। इसके अलावा, तेज प्रताप के करीबी दोस्त आकाश यादव का नाम भी इस प्रकरण में सामने आया है, जिससे सियासी गलियारों में नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

क्या होगा तेज प्रताप का अगला कदम?

तेज प्रताप ने अपने ताजा बयान में यह भी संकेत दिया है कि वे जल्द ही साजिशों को 'बेनकाब' करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, तेज प्रताप कोई बड़ा सियासी कदम उठा सकते हैं, जिससे RJD और बिहार की सियासत में नया भूचाल आ सकता है। हालांकि, उन्होंने तेजस्वी के साथ अपनी एकजुटता जताकर यह भी साफ कर दिया कि वे अपने भाई के खिलाफ नहीं जाएंगे।

बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले यह प्रकरण RJD के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर सकता है। तेजस्वी यादव ने हाल ही में डोमिसाइल नीति और युवाओं के रोजगार जैसे मुद्दों को उठाकर अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश की है। लेकिन तेज प्रताप का यह विवाद और 'जयचंद' वाला बयान पार्टी की एकता और चुनावी रणनीति पर असर डाल सकता है।

तेज प्रताप यादव के नए बयान ने यह साफ कर दिया है कि उनका 'जयचंद' वाला तंज तेजस्वी के लिए नहीं, बल्कि कुछ अन्य सियासी साजिशकर्ताओं के लिए था। अपने भाई को 'अर्जुन' और खुद को 'कृष्ण' बताकर उन्होंने तेजस्वी के साथ अपनी एकजुटता का ऐलान किया है। लेकिन 'जयचंद' और 'साजिश' जैसे शब्दों ने RJD के भीतर और बाहर की सियासत को गरमा दिया है। आने वाले दिनों में तेज प्रताप का अगला कदम और उनकी 'साजिश बेनकाब' करने की बात बिहार की सियासत को नया मोड़ दे सकती है।

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ