शराब ठेकेदार पर NSG कमांडो और साथियों का तलवार से हमला, एक की जान गई, दूसरा जिंदगी से जूझ रहा
बाड़मेर में NSG कमांडो चंपालाल और साथियों ने शराब ठेका संचालक खेताराम पर तलवार से हमला किया, जिसमें खेताराम की मौत हो गई और उसका साथी हरखाराम गंभीर रूप से घायल है। परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए धरना शुरू किया।

बाड़मेर जिले के सदर थाना क्षेत्र में बुधवार रात वारदात सामने आई, जिसमें नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) कमांडो चंपालाल और उसके साथियों ने शराब ठेका संचालक खेताराम और उसके दो साथियों पर तलवार और धारदार हथियारों से हमला कर दिया। इस हमले में खेताराम (25) की मौत हो गई, जबकि उसका साथी हरखाराम गंभीर रूप से घायल है। तीसरा साथी वीरेंद्र चौधरी हाईवे के किनारे खाई में गिरने से मामूली रूप से घायल हुआ। घटना के बाद मृतक के परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बाड़मेर जिला अस्पताल परिसर में धरना शुरू कर दिया है।
शराब के लेन-देन को लेकर कहासुनी हो गई
स्थानीय लोगों के अनुसार, बुधवार शाम को NSG कमांडो चंपालाल अपने कुछ दोस्तों के साथ बाड़मेर जिले के होडु गांव में स्थित शराब ठेके पर पहुंचा। वहां शराब के लेन-देन को लेकर ठेका संचालक खेताराम और उसके साथियों के साथ उसकी कहासुनी हो गई। उस समय मामला शांत हो गया और चंपालाल अपने साथियों के साथ वहां से चला गया।
हालांकि, रात करीब 10 बजे चंपालाल और उसके साथी स्कॉर्पियो गाड़ी और बाइक पर सवार होकर बाड़मेर-जालौर स्टेट हाईवे पर पहुंचे, जहां खेताराम, हरखाराम और वीरेंद्र चौधरी ठेका बंद करके कैंपर जीप से घर की ओर जा रहे थे। ठेके से लगभग आधा किलोमीटर दूर हाईवे पर हमलावरों ने उनकी गाड़ी रुकवाई और तलवारों व अन्य धारदार हथियारों से ताबड़तोड़ हमला कर दिया।
हमले में खेताराम की मौत, हरखाराम गंभीर
हमले के दौरान खेताराम और हरखाराम पर तलवारों से वार किए गए, जिससे उनके हाथ-पैर कट गए। खून से लथपथ खेताराम जीप की सीट पर ही बेहोश हो गया, जबकि हरखाराम सड़क पर गिर पड़ा। वीरेंद्र चौधरी धक्का-मुक्की में हाईवे के किनारे खाई में गिर गया, जिससे उसे मामूली चोटें आईं। हमलावर घटना को अंजाम देकर मौके से फरार हो गए।
वीरेंद्र ने बताया, “हमले के बाद मैंने हिम्मत जुटाकर परिजनों और ग्रामीणों को फोन किया। हम खेताराम और हरखाराम को प्राइवेट गाड़ी से बाड़मेर जिला अस्पताल लेकर आए। वहां डॉक्टरों ने खेताराम को मृत घोषित कर दिया, जबकि हरखाराम को गंभीर हालत में जोधपुर रेफर किया गया।”
पुलिस पर लापरवाही का आरोप, परिजनों का धरना
मृतक खेताराम के परिजनों ने पुलिस पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनके रिश्तेदार विशनाराम पोटलिया ने कहा, “पुलिस ने घटना के बाद घायलों को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया और न ही समय पर नाकाबंदी की, जिसके कारण आरोपी फरार हो गए। हमारी मांग है कि जब तक सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक शव का पोस्टमॉर्टम नहीं करवाएंगे।” परिजनों ने बाड़मेर जिला अस्पताल परिसर में धरना शुरू कर दिया है और शव को उठाने से इनकार कर दिया है।
खेताराम के चाचा आईदान राम, जो सरपंच प्रतिनिधि हैं, अपने भतीजे की हालत देखकर बेहोश हो गए और उन्हें भी अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
पुलिस का बयान और जांच
बाड़मेर SP नरेंद्र सिंह मीना ने बताया, “शराब के लेन-देन को लेकर हुई मामूली कहासुनी के बाद यह हमला हुआ। सदर थाना पुलिस, MOB, FSL और डॉग स्क्वॉड की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और सबूत जुटाए। नाकाबंदी कर आरोपियों की तलाश शुरू की गई, लेकिन अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।”
पुलिस ने घायल वीरेंद्र चौधरी के बयान दर्ज किए, जिन्होंने हमलावरों में चंपालाल और ओमप्रकाश को पहचानने की बात कही। अन्य हमलावरों की पहचान अभी नहीं हो सकी है।
शिक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे पिता
जानकारी के अनुसार, हमला करने वाला NSG कमांडो चंपालाल कुछ दिन पहले ही अपने पिता लाखाराम के रिटायरमेंट के बाद छुट्टी पर घर आया था। उसके पिता 31 अगस्त को शिक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे और 7 सितंबर को गांव में उनका सेवानिवृति समारोह हुआ था।
तीन बहनें और दो बेटियां
मृतक खेताराम अपने परिवार का इकलौता बेटा था। उसकी तीन बहनें और दो बेटियां (4 साल और 2 साल की) हैं। इस घटना ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। स्थानीय लोगों ने इस क्रूर हमले की निंदा की है और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। SP मीना ने आश्वासन दिया है कि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। इस बीच, परिजनों का धरना और तनावपूर्ण माहौल बाड़मेर में चर्चा का विषय बना हुआ है।