भारत के 'लौह पुरुष' सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर गुजरात के केवडिया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर श्रद्धांजलि अर्पित की। 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया गया, जिसमें गणतंत्र दिवस की तर्ज पर भव्य परेड निकाली गई। विभिन्न सुरक्षा बलों की टुकड़ियों ने हिस्सा लिया और पीएम ने एकता की शपथ दिलाई।
नई दिल्ली: भारत के 'लौह पुरुष' सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर देशभर में उत्साह का माहौल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के केवडिया स्थित विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' पहुंचकर सरदार पटेल को पुष्पांजलि अर्पित की। यह आयोजन राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है, जो 2014 से हर साल 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में शुरू हुआ था।
सुबह-सुबह पीएम मोदी नर्मदा जिले के एकता नगर पहुंचे, जहां उन्होंने 182 मीटर ऊंची इस भव्य मूर्ति के सामने फूल चढ़ाकर राष्ट्र के एकीकरण के महानायक को नमन किया। सरदार पटेल ने स्वतंत्रता के बाद 562 रियासतों को भारत में एकजुट करने का ऐतिहासिक कार्य किया, जिसकी याद में यह दिवस समर्पित है।श्रद्धांजलि के बाद पीएम मोदी ने पास के मैदान में आयोजित भव्य कार्यक्रम में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने उपस्थित जनसमूह को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई। कार्यक्रम की सबसे बड़ी आकर्षण रही 'राष्ट्रीय एकता दिवस परेड', जो इस बार गणतंत्र दिवस की परेड की तर्ज पर आयोजित की गई। विभिन्न सुरक्षा बलों की टुकड़ियां, पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्सेस ने मार्च पास्ट किया, जबकि सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने राष्ट्रप्रेम की भावना को और मजबूत किया।
यह परेड न केवल अनुशासन और शक्ति का प्रतीक बनी, बल्कि 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के संदेश को पूरे देश तक पहुंचाया। आयोजन में ड्रोन शो, लेजर लाइट्स और थीम आधारित झांकियां भी शामिल रहीं, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर गईं। पीएम मोदी ने परेड का निरीक्षण किया और जवानों की बहादुरी की सराहना की।राष्ट्रीय एकता दिवस का उद्देश्य देश की विविधता में एकता को मजबूत करना है। इस मौके पर पूरे देश में रन फॉर यूनिटी, साइकिल रैलियां और सेमिनार आयोजित हो रहे हैं। सरदार पटेल की जयंती हमें याद दिलाती है कि मजबूत नेतृत्व से ही राष्ट्र की नींव अटूट बनती है। इस भव्य समारोह ने एक बार फिर साबित किया कि भारत की एकता ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है!